बच्चों में अतिसार

सामान्य रूप से पतले बिना मरोड़ के मल का बार-बार आना, अतिसार, दस्त या डायरिया रोग कहलाता है। यह बच्चों व जवानों व बुजुर्गों को हो जाने वाला सामान्य रोग है। डायरिया को शिशुओं की मौत की सबसे बड़ी वजह माना जाता है। क्योंकिदस्त बार-बार आने से शरीर में पानी की और खनिज लवण निकलने से शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पता। नतीजा कि कभी-कभी इससे बच्चे की जान तक चली जाती है। अगर आपका बच्चा भी अतिसर की समस्या से जूझ रहा है तो आज ही होम्योपैथिक विधि से उसका उपचार करें।

अतिसार के लक्षण-

बुखार
मलत्याग की आवृत्ति में बढ़ोतरी
भूख मरना
वजन गिरना
मतली और उल्टी
शरीर में पानी की कमी होना
पेट में ऐंठनयुक्त दर्द
मुँह, जीभ और होंठ सूखना
मूत्रत्याग का घट जाना
कमजोरी

आइये जानते है इसके कारण-

वायरस
बैक्टीरिया
परजीवियों
एंटीबायोटिक्स
दस्तावर
भोजन विषाक्तता
भोज्य पदार्थ की एलर्जी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा भी अतिसार की समस्या परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर अतिसार की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।