सनबर्न या त्वचा का झुलसना : धुप के कारण रक्त धमनियां फ़ैल जाती है ,जिससे त्वचा लाल दिखाई देने लगती है , सनबर्न अकसर उन लोगों में ज्यादा होता है जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है. सनबर्न के कारण त्वचा का रंग बदल जाता है और त्वचा में जलन और खुजली होने लगती है. त्वचा में , हाथो और चेहरे पर कत्थई, काले से धब्बे होजाते है जो सुन्दरता में कमी लाते है. धुप से त्वचा की नमी कम हो जाती है जिस कारण त्वचा सुखी होकर रंग बदल जाता है.
घर से बाहर जाने से जरुरी नही सिर्फ गर्मी में ही बल्कि ठन्डे और बरसात में भी सनबर्न के शिकार आप हो सकते है. सनबर्न के लिए आप होमियोपैथीक पद्यति से भी उपचार करा सकते है.
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सनबर्न का मुख्य कारण है आधिक यू वी किरणों के कारण त्वचा का झुलसना, जब भी हम इन यू वी किरणों के संपर्क में आते है तो हमारा शरीर ज्यादा मात्रा में मलेलिन उत्पादन करता है जिससे हमारी त्वचा का रंग काला जो जाता है
सनबर्न के कारण त्वचा गुलाबी लाल रंग की होने लगती है , त्वचा में गर्माहट आ जाती है, कभी कभी तो सुजन तक आ जाती है और खुजली होने लगती है
अगर ज्यादा सनबर्न हुआ हो तो सिर में दर्द, उलटी होना जैसी संभावना भी होती है
सनबर्न से बचाव