Sleep Apnea/Snoring का होम्योपैथिक उपचार
अधिकांश लोग सोते समय कभी न कभी खर्राटे लेते ही है, उम्र बढ़ने के साथ ही साथ खर्राटे सामान्य रूप से होने लग जाते है , तथा 70 वर्ष के बाद यह प्रक्रिया कम हो जाती है। खर्राटे की आवाज तब निकलती है जब हवा का बहाव गले की त्वचा में स्थित उतकों में कम्पन पैदा कर देता है, खर्राटे के अक्सर नींद के डिसऑर्डर ओ एस ए से जोड़ा जाता है। जरुरी नहीं की जो खर्राटे मरते है उन्हें ये हो पर अगर अगर निम्न से कोई लक्षण नजर आते हो तो बिना देर किए आपको होम्योपैथिक की चिकित्सा करवानी चाहिये।
लक्षण : सोने के दौरान नाक से आवाज आना, दिन से ज्यादा नींद आना , गले में खराश होना , नींद में बैचनी , हाई बी पी, कई बार दम घुटने के कारण नींद से जागना।
कारण : जब नाक के अन्दर और मुँह वाला रास्ता रुक जाता है, तब खर्राटे की स्थिति पैदा होती है,साइनस के कारण, गले व जीभ की मांसपेशयां जब शिथिल हो जाती है , हमारे गले के बीच में लटक रहे उतक को युव्युला टिश्यू कहते है, जब इसका आकार बढ़ने लगता है तो नाख से गले में खुलने वाला रास्ता बंद हो सकता है, हवा के संपर्क में आकर युल्युला में थरथराहट होती है जिसे खर्राटे कहा जाता है।
नाख की हड्डी बढ़ने पर, मुँह से सांस लेने पर आदि कारण हो सकते है , इन सब का होम्योपैथिक में सफल उपचार है।
दवाइयां : सबसे पहले आप Kali Carb 200, की 2 बुँदे 10-10 मिनट के अंतर से 3-4 बार लें (अगर 15 दिन तक फायदा न हो दुबारा इसे खा सकते है ) इसके अगले दिन से Lemna Minor 30 की 2 बुँदे सुबह, दोपहर , शाम को लें, इसके साथ Teucriium Marum Virum Q को आधे कप पानी में 10 बुँदे सुबह, दोपहर , शाम को खाए।