homeopathic treatment for sore throat and fever in cold

Sore throat and Fever in cold : ठंडो में गले की खराश व बुखार का होम्योपैथिक उपचार

 

गले में दर्द बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकता हैं । गले में दर्द सामान्य सर्दी का संकेत भी हो सकता हैं और वोकल कोर्ड में इन्फेक्शन भी हो सकता हैं , ठण्ड के मौसम में कई तरह की छोटी छोटी बिमारियाँ होती रहती हैं । जिनमें से गले का संक्रमंड व बुखार एक सामान्य रोग होता हैं , यह रोग खासकर उन लोगो को होता हैं , जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पॉवर ) कमजोर होती हैं ।

लक्षण :

  • गले में इन्फेक्शन या दर्द होना
  • गले के अंदर से लाल व कुछ सुजा हुआ सा होना
  • गले में चुभन होना गले के साथ कान तक दर्द होना
  • निगलने में कठिनाई होना
  • हल्की खांसी व खराश महसूस होना
  • बुखार होना
  • शरीर टुटा टुटा सा होना
  • सर दर्द बने रहना
    आदि अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं या सिर्फ गले में दर्द होना भी हो सकता हैं ।
    ठण्ड के मौसम में अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए ठण्ड न लगे इस बात का ध्यान रखे ।

दवाइयाँ:
ठण्ड में गले में दर्द या बुखार के लिए होमियोपैथी की Merc. Bin. Iod. 30 (इसे Merc. iod. Ruber भी कहा जाता हैं ) की 2 बुँदे , 3 बार (सुबह , दोपहर व शाम ) लें , गले दर्द ज्यादा हैं तो आप इसे दिन में 3 से लेकर 6 बार तक लें सकते हैं (3 दिन से लेकर 5दिन तक )। इसके साथ Ferrum Phos,6x की 4 गोली और SBL कंपनी का Tonsilat Tab की 2 गोली को एक साथ आधे कप गरम पानी में घोलकर गरारा करके पीना हैं ।
Merc. Bin. Iod. 30 : 2 बुँदे , 3-6 बार
Ferrum Phos,6x की 4 गोली + Tonsilat Tab की 2 गोली को मिलकर गरारा करके पीना हैं ।

मोटापे, Obesity Homeopathic Treatment

सभी की दिनचर्या कुछ ऐसी हो गयी है की किसी किसी को ओवरवेट ( मोटापे )की समस्या कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है। आजकल के बच्चों में भी ओवरवेट की समस्या होने लगी है ,मोटापा बढने का मुख्य कारण है सही आहार न लेना , पहले तो पता ही नही चलता की वजन बढ़ रहा है और जब पता चलता है , तो शुरू हो जाते है जिसने जो उपाय बताये वो उपाय करने के लिए।
ऐसा माना जाता है की मीठा खाने से वजन बढ़ता है , तो कुछ लोग मीठा खाना एक दम बंद कर देते हैं , मीठा (शुगर ) का एकदम बंद होना भी सही उपाय नही हैं ।
कारण व लक्षण :
शरीर की लम्बाई व उम्र के हिसाब से अलग अलग वजन की सूची आपको मिल सकती हैं । सबसे मुख्य कारण है सही आहार न खाना , कब्ज रहना , व्यायाम न करना , अधिक फ़ास्ट फ़ूड , जंक फ़ूड , वासा युक्त भोजन खाना , ज्यादा मात्रा में शुगर (मीठा) खाना , शराब , ज्यादा मात्र में पीना भी हो सकता है (पुरुषो में ), डायबिटीज होना आदि कारण भी हो सकते हैं , मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति घर के कार्य तो क्या वो अपने निजी कार्य करने में भी सक्षम नही हो पाता है।

दवा :
होम्योपैथिक की सबसे पहले आप Calc. Carb. 200 को दिन में 2 बुँदे 3 बार (दो बूंद सुबह ,दो बूंद दोपहर , दो बूंद शाम ), 10 मिनट के अंतर से लें, इसके अगले दिन Phytolacca Berry की 1 गोली दिन में 3 बार (1 गोली सुबह, एक गोली दोपहर में, एक गोली शाम को ), इसके साथ Fucus Vesiculosus 1x की 1 गोली 3 बार ( एक गोली सुबह , एक गोली दोपहर, एक गोली शाम ) लें। आपको लाभ मिलेगा। पैदल चलना, व्यायाम व योगा रोज करे इसके साथ अपना भोजन एक साथ बहुत ज्यादा खाने की जगह थोडा थोडा करके दिन में 3 बार खाये, पानी ज्यादा पिएं।

homeopathic treatment for hair problems

Hair Problems, बालों की समस्या का होम्योपैथिक उपचार

सामान्य तौर पर कंघी करते समय या बाल बनाते समय , बालों का गिरना एक सामान्य प्रक्रिया हैं परन्तु, यदि बालों की संख्या तेजी से गिर रही हैं तो यह चिंता का विषय हैं पुरुषो या स्त्रीयों में यदि सामान्य से ज्यादा मात्रा में बाल झड रहें हैं तो यह गंजापन का कारण भी बन सकता हैं

बालो की जड़ो में पोषण की कमी के कारण यह समस्या उत्पन्न होती हैं

कारण : बाल झड़ने का मुख्य कारण

  • शरीर में पोषण तत्वों की कमी होना
  • बालों में रुसी होना
  • प्रदूषण बढने के कारण
  • तरह -तरह के शैम्पू / तेल इस्तेमाल करने के कारण
  • शारीरिक मानसिक तनाव के कारण
  • बढती उम्र के कारण भी बाल झड़ते हैं
  • इन्फेक्शन या फंगल इन्फेक्शन के कारण
  • मौसम बदलने के कारण
  • कई बार थाइरोइड रोग होने के कारण भी ज्यादा झड़ते हैं आदि

बाल झड़ने के अन्य कारण भी हो सकते हैं , परन्तु यदि  समय पर इसका उपचार नही कराया गया तो यह चिंता का विषय बन सकता हैं

उपचार :
इसमें आज बस एक तेल बताने जा रहे हैं , जो BT company का Zauberel oil हैं , इसके अन्दर 2 बोतल हैं , जिसमे से आप बड़ी बोतल को हफ्ते में 2-3 बार या रोज भी लगा सकते हैं , तथा छोटी बोतल में से हफ्ते में एक बार ही लगाये

बच्चों के देर से बोलने का होमियोपैथी उपचार

बच्चों के देर से बोलने का होमियोपैथी उपचार

इस वीडियो में मैंने जो बच्चें देर तक बोल नहीं पाते हैं, कितनी कोशिश करने के बावजूद बच्चों को बोलने में परेशानी होती हैं उनके लिए इसमें दवाई बतायी गयी हैं होम्योपैथिक में बच्चों की इस परेशानी बहुत ही उच्च उपचार होता हैं  सामान्य तौर पर सभी बच्चे एक से नहीं होते यानि कुछ जल्दी बोलना शुरू कर देते हैं ,कुछ थोड़ा देर में शुरू करते हैं , परन्तु यदि बच्चों के बोलने में ज्यादा देर होती है , तो आप बिना देर किये होम्योपैथिक की ये दवाईया खिलाइये उन्हें लाभ होगा

दवाइयाँ : Syphilinum 1m की 6 पुड़िया बनवा कर सवेरे 10 -10 मिनट के अंतर से 3 पुड़िया खिलानी है , उसी तरह से बची हुई 3 पुड़िया को शाम को खिलाना है दूसरे दिन से five phos 6x की 4 -4 गोली दिन में 3 बार दे और इसके साथ Calc Phos 6x की भी 4 -4 गोली दिन में 3 बार दें , और यदि 60 दिन तक भी बच्चा नहीं बोलना शुरू करते है तो दुबारा Syphilinum 1m की 6 पुड़िया दे सकते है

Syphilinum 1m: 6 पुड़िया
five phos 6x : 4 -4 गोली 3 बार
Calc Phos 6x: 4 -4 गोली 3 बार

Ulcer treatment

Ulcer, Homeopathic treatment | Sahas Homeopathic

पेप्टिक अलसर के बारे में हम पहले बता चुके है । सामान्य, भाषा में पेट में होने वाले घावों या छालों को पेप्टिक अलसर कहा जाता है । यदि समय पर इसका सही उपचार नही कराया गया तो आने वाले समय में ये और भी परेशानी उत्पन कर सकते है ।

लक्षण : पेट में लगातार दर्द रहना
भूख का कम लगना
गैस बनना , उल्टी होना
वजन का लगातार कम होना
पेट फूलना आदि
पेप्टिक अलसर के दिखने वाले सामान्य लक्षण है

कारण : ज्यादे मसाले युक्त भोजन करना , मदिरा पान का सेवन करना, पानी कम पीना .

Mumps treatment

Mumps Homeopathic treatment

कनफेड जिसे मम्प्स या गलसुआ भी कहते है। यह रोग एक वायरस से होने वाला एक संक्रमण रोग है, यह मुख्य रूप से व्यक्ति की लार ग्रंथि को प्रभावित करती है । सामान्य भाषा में कान के पीछे पेरोटीड ग्रंथि में सुजन आ जाती है। यह मुख्य रूप से 5 से 15 वर्ष में ज्यादा पाया जाता है । इसमें दर्द भी होता है, यदि किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में व्यक्ति आ जाये तो संभवतः बात करते समय उस व्यक्ति के मुँह से निकलने वाले जीवाणु सामने वाले व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाये तो वह भी इस रोग का शिकार हो सकता है ।

इस रोग के मुख्य लक्षण है :- भूख न लगना , गला खराब होना, बुखार, मुँह खोलते समय दर्द होना, कान के पीछे दर्द होना , खाना खाते समय या पानी पीते समय दर्द होना ।

चिकित्सा : इस रोग के होने पर आप होम्योपैथिक की Paroticlium 30 की २-dram बनवा कर 4-4 गोली 3 बार ले , इसके साथ Silicea 6x और Calc. Flour. 6 की 4-4 गोली मिला कर दिन में 3 बार ले , आप Paroticlium 30 को केवल २ dram ही खाए, परन्तु silicea 6x और Calc. Flour. 6 को लगातार कुछ समय तक खाए, आपको फायदा जरुर होगा ।

दवा के साथ साथ व्यक्ति को थोड़े धर्य की आवश्यकता भी होती है और यदि आप किसी इसे व्यक्ति के संपर्क में आ जाये तो अपनी सुरक्षा के लिए मास्क का प्रयोग करे और यदि आपके घर पर कोई इस रोग से पीड़ित है तो उसे भी मास्क जरुर पहना के रखे ताकि उसके मुँह के जीवाणु किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित न हो सके.

homeopathic treatment for dizziness

Dizziness , Homeopathic treatment

होमियोपैथी में चक्कर आने की बहुत ही अच्छी दवा उपलब्ध है , चक्कर चाहे किसी भी कारण से आये , चाहे वो कमजोरी के कारण हो या चाहे सर दर्द के कारण , होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से व्यक्ति को तुरंत आराम मिल जाता है , अगर चक्कर सर्वैकिल के कारण हो रहा है तो आप थोडा व्यायाम करे ताकि जल्द ही आपको आराम मिल सके

चिकित्सा : सबसे पहले आपको किसी भी वजह से चक्कर आ रहे है तो आप अकेले न रहे और होम्योपैथिक की Theridion 30 की २ dram बनवा कर ले और उसकी 4 गोली जल्दी जल्दी ले (चक्कर आने पर 5-5 मिनट के अंतर में ) , साथ में Mag. Phos 6x की 4-4 गोली 3 बार , चक्कर बंद हो जाने पर आप Theridion को बंद कर दे , परन्तु Mag Phos. 6x को कुछ समय तक लगातार लेते रहे । अपना पूरा इलाज किसी होम्योपैथिक चिकित्सक से करवाए, अपना ध्यान रखे ।

Blood Pressure, Homeopathic Treatment | Sahas Homeopathic

आज कल की व्यस्त जीवन शैली , उल्टा सीधा खाना , तनाव , कई अन्य रोगों को जन्म देती है , इनमे से एक मुख्य रोग है Blood Pressure ( हाई ब्लड प्रेशर, उच्च रक्तचाप ) है, आजकल ये एक आम समस्या बन गयी है  । अगर अपने घर के बड़े बुजुर्गो से पूछे की क्या पहले के जमाने में किसी व्यक्ति को ये रक्त चाप की समस्या थी क्या तो सभी से यही जवाब मिलेगा नहीं क्योकि पहले के समय में पर्यावरण शुद्ध था जिससे उस समय की हवा शुद्ध थी व्यक्ति अपने सभी कामो को स्वयं हाथो से किया करते थे , पैदल चलना उनकी दिनचर्या थी जिस कारण पहले के व्यक्तियों में शायद ही यह  समस्या है, परंतु वर्तमान में उन सब बातो का उल्टा है ।

सामान्यतः  जब ह्रदय की धमनियों में दबाब बढ़ जाता है , तो इस स्थति को ही रक्तचाप कहा जाता है , लगातार उच्च रक्तचाप रहना शरीर को अन्य तरह की हानि पहुचता है , यहाँ तक की ह्रदय घात (हार्ट फ़ैल ) होने का खतरा भी होता है

कारण : हाइपरटेंशन के कारण
मोटापा
ध्रूमपान का अत्यधिक सेवन
वसायुक्त आहार
मानसिक तनाव
मधुमेह
कई केस में आनुवंशिक भी हो सकता है

चिकित्सा : सबसे पहले आप Arnica 30 में २ बुँदे 3 बार (सुबह , दोपहर, शाम ), Adel की 8 नंबर की २ -२ बुँदे सुबह , दोपहर , शाम को ले । इसके बाद Rauvoltia 1x में या Q पॉवर में भी ले सकते है ।

इन दवाओ के साथ व्यायाम करें , तनाव मुक्त जीवन जीये , और अपने खान पान पर ध्यान दे

Mental and Physical pressure

Mental Stress, Homeopathic treatment

वर्तमान समय में ऐसे व्यक्ति की कल्पना करना असंभव सा है , जो मानसिक तनाव का अनुभव नही करता हो , चाहे वह , बच्चा हो या जवान या  वृद्धा हर कोई मानसिक तनाव से ग्रस्त है

किसी को पढाई का टेंशन, किसी को नौकरी का , नौकरी वालो को काम का टेंशन, किसी को शादी का , ऐसे कई सामाजिक व व्यक्तिगत कारण है जो हर व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले रहा है , नौकरी न मिल पाने से आर्थिक कारण  से तनाव ग्रस्त भी  अधिकांश लोग देखे जा रहे है

अन्यं रोगों की तरह ही मानसिक तनाव भी तन और मन दोनों पर बुरा असर डालता है जिससे की अनेक शारीरिक रोग भी उत्पन हो जाते है जैसे डायबिटीज , पेप्टिक अलसर , सर दर्द , माइग्रेन, डिप्रेशन, उच्च रक्तचाप आदि

कारण : ईर्ष्या, जो व्यक्ति चाहे वो काम न हो पाना , आर्थिक समस्या , गृह कलेश, भय , चिंता, काम का बोझ बढ़ना

लक्षण : मानसिक थकान , सर दर्द , काम में मन न लग पाना , एक्काग्रता का अभाव, नींद न आना या कम आना , उत्साह में कमी, थकान महसूस करना , उदासीनता , आत्म-विस्वास में कमी आना आदि (

चिकित्सा : इस स्थिति के होने पर आप होमियोपैथी में Adel 85 सिरप को आधा कप पानी में २-२ चम्मच , दिन में 3 बार ले , इससे आपको बहुत जल्द आराम मिलना शुरू हो जायेगा

Homeopathic Treatment for hair loss

Hair Loss Homeopathic Treatment

सामान्य रूप से सभी के बालो का कुछ मात्र में गिरना एक सामान्य बात है, परन्तु अगर बालों के गिरने की स्थिति सामान्य से ज्यादा बढ़ जाती है , तो आने वाले समय में गंजेपन का कारण भी बन जाती है , इसलिए समय रहते इस रोग का होम्योपैथिक उपचार करा लेना चाहिए। हर व्यक्ति काले घने बालों की चाहत रखता है, इसके लिए तमाम कोशश करता रहता है, परन्तु परिणाम कुछ खास नही मिल  पाता है ।

शरीर में अचानक होने वाले शरीरिक रसायन (हारमोंस) के बदलाव के कारण भी बालों का गिरना शुरू होता है । बालों के गिरने का कारण कुछ भी हो यदि हम थोडा सा अपना ध्यान रखे , अपने आहार पर ध्यान दे और होम्योपैथिक चिकित्सा अपनाये तो इस समस्या से बच सकते है।

चिकित्सा : यदि आप भी इस समस्या से पीड़ित है , तो आप होम्योपैथिक की सबसे पहले wiesbaden 30 की २-२ बुँदे 3 बार ले, इसके बाद आप Arnica 30, की २-२ बुँदे 3 बार ( 10 दिन Wiesbaden, 10 दिन Arnica ) इसके बाद  Selenium 30 की २-२ बुँदे 3 बार , इसके साथ साथ आप Kali Sulph 6x की 4-4 गोली 3 बार इसके साथ Scalptone tab की २-२ गोली  3 बार लगातार ले 

दवा के साथ साथ सभी को अपने आहार में प्रोटीन लेना बहुत जरुरी है , यदि आप केवल दवा खा रहे है और अपने खान पान पे ध्यान नही दे रहे , तो इससे आपको उतना फायदा नही मिल पायेगा