अक्ल दाढ़ में दर्द

अगर आपके अक्ल दाढ़ आ चुकी है, तो आप दर्द का अहसास कर चुके है। दाढ़ मसूड़ों के सबसे अंत में आती है। अक्ल दाढ़ 17 से 25 साल के बीच आती है। कुछ लोगों को अक्ल दाढ़ काफी दिनों बाद आती है। अगर आपकी अभी तक अक्ल दाढ़ नहीं आई है। अक्ल दाढ़ आने के दौरान बहुत ही अधिक दर्द होता है। जब अक्ल दाढ़ आती है, तो उन्हें पूरी जगह नहीं मिल पाती है। आज हम बतायेंगे आपकों अक्ल दाढ़ के दर्द का होम्योपैथिक विधि से छु़टकारा पा सकते है। आइये जानते है इसके लक्षण और कारण-

अक्ल दाढ़ आने के लक्षण-

सिर दर्द
मुंह से दुर्गंध आना
बुखार आना
चेहरे में सूजन
मसूड़ों और गर्दन के आसपास सूजन
मुंह का स्वाद खराब होना
दांतों के आसपास तेज दर्द
खाने-पीने में परेशानी

दर्द होने के कारण-

अक्सर अक्ल दाढ़ आने के दौरान होने वाले दर्द की कई वजह हो सकती है। मुंह के अन्य दांत टेढ़-मेढ़े होने से भी काफी दर्द होता है। अक्ल दांढ़ को जगह नहीं मिल पाती। ऐसे में वे अपनी जगह बनाने के लिए अन्य दांतों को पुश करते है। इस वजह से भी दांतों में दर्द होता है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी अक्ल दाढ़ के दर्द से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर अक्ल दाढ़ के दर्द से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

पेप्टिक अल्सर की समस्या

पेट का अल्सर बहुत ही दर्दनाक बीमारी है जिसमें पेट में छाले या घाव जैसा हो जाता है। वैसे तो यह बहुत खतरनाक नहीं है और समय रहते इलाज कराने पर ठीक हो जाता है, लेकिन सही समय पर उपचार न कराने से यदि अल्सर फूट जाता है तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है। अल्सर का सही समय पर इलाज कराने के लिए उसके लक्षणों की पहचान ज़रूरी है। पेप्टिक अल्सर पेट की अंदरूनी सतह पर बनने वाले छाले होते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर ये छाले जख्म में बदल जाते हैं। इसके बाद मरीज को कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं। पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रिक अल्सर अमाशय या छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में होता है। यह तब बनता है, जब भोजन पचाने वाला अम्ल अमाशय या आंत की दीवारों को नुकसान पहुंचाने लगता है। खानपान की गलत आदतों और उसके कारण बनने वाला एसिड इस बीमारी को अधिक बढ़ा देता है। आइए आपको बताते हैं कि पेप्टिक अल्सर क्या है, इसके लक्षण क्या है। कैसे हम होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

अल्सर के कारण

समय पर खाना नहीं खाना
अधिक तेल मसाले वाला खाना
जंक फूड
पेट में एसिड का बढऩा
चाय
कॉफी का सेवन
सिगरेट व शराब का सेवन

अल्सर के लक्षण-

वजन कम होना
पेट में एसिड बनना
पेट के ऊपरी हिस्से दर्द
खून की उल्टी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी अल्सर की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर अल्सर की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

रतौंधी की समस्या

रतौंधी आंखों की एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को रात के समय कुछ नजर नहीं आता, लेकिन वो दिन के समय अच्छे से देख पाते हैं। इस रोग के दौरान आंख कम रोशनी की स्थिति में अनुकूल नहीं हो पाती हैं, इसलिए रात के समय देखने की शक्ति खत्म हो जाती हैं। रतौंधी या निएक्टालोपिया नेत्र विकार का एक मौजूदा परिणाम है। आज हम आपको आंखों की एक तरह की बीमारी रतौंधी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानना हम सभी के लिए जरूरी है, आइए आपको बताते हैं कि रतौंधी क्या है, इसके लक्षण क्या है। कैसे हम होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

रतौंधी के लक्षण-

आंख में दर्द
सिर दर्द
उल्टी
जी मिचलाना
धुंधली दृष्टि
दूरी में देखने मेें समस्या

आइये जानते है इसके कारण-

पिगमेंटोसा
विटामिन की कमी
मोतियांबिंद
निकट दृष्टि दोष
बढ़ती उम्र
आहार में कमी
अनुवांशिकता

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी रतौंधी की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर रतौंधी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बच्चों में ऐसे करें कोरोना वायरस की पहचान

कोरोना संक्रमण के केस बच्चों में बहुत ही कम देखने को मिल रहे थे, जो बच्चे इस बीमारी से संक्रमित हुए भी उनमें फ्लू के लक्षण या सीजनल बीमारियों के लक्षण अधिक देखने को मिल रहे थे। अब बच्चों में कोरोना के मामले बढऩे लगे हैं। कोरोना बच्चों में अपने लक्षणों के साथ हावी नहीं हो रहा है। बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण वयस्कों के मुकाबले थोड़े अलग और देर से भी दिखते हैं। न सिर्फ बच्चों में संक्रमण का कम गंभीर रूप दिखता है, बल्कि लक्षण भी अलग तरीके से नजऱ आते हैं। वयस्कों की तुलना बच्चों के लिए वैक्सीन इतनी जल्दी उपलब्ध नहीं होगी। कई शहरों में स्कूलों को धीरे-धीरे खोलने की तैयारी ज़रूर की जा रही है। ऐसे में ज़रूरी है ये जानना कि बच्चों में कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं।

बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण-

बुख़ार
थकावट और ऊर्जा की कमी
सिर दर्द
सूंघने की शक्ति या स्वाद न आना
बच्चों में गले में खऱाश
नाक बहना
दस्त
बदन दर्द
भूख न लगना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके बच्चे में भी ये लक्षण है तो आप तुंरत डॉक्टर को दिखाये। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर ऐसे समस्याओं से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बार-बार मिसकैरेज की समस्या

इस बात में कोई शक नहीं कि मां बनना एक बहुत ही खूबसूरत एहसास होता है। वहीं मिसकैरेज उतना ही दर्दनाक होता है। यह महिला को फिजीकली और इमोशनली झकझोर के रख देता है। मिसकैरेज होने के कई कारण होते हैं, जैसे भारी सामान उठाना, शराब की लत, स्मोकिंग आदि। वहीं अगर आपका भी कई बार मिसकैरेज हो चुका हैए तो ऐसे में आपको हम आज कुछ बातें बताने जा रहे हैं। जिस पर ध्यान देने से आपके प्रेग्नेंट होने के चांस बढ़ सकते हैं। कई बार महिलाओं को मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होती है। वहीं कुछ महिलाओं को बहुत ज्यादा ही ब्ली़डिंग होती है। अगर आपको 4 हफ्तों से ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।आप होम्योपैथिक दवाओं को सेवन कर मिसकैरेज की समस्या से छुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है मिसकैरेज के कारण-

रोग प्रतिरोधक क्षमता
ब्लड क्लॉटिंग की समस्या
हार्मोनल असंतुलन
थायरॉयड या मधुमेह
गर्भ या गर्भाशय में समस्या
बहुत ज्यादा धूम्रपान
क्रोमोजोम असामान्यता
इम्यूनोलॉजी डिसऑर्डर
पीसीओएस

मिसकैरेज के लक्षण-

वजाइनल डिस्चार्ज
पेट में अत्यधिक दर्द
संकुचन महसूस होना
वजन घटना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके मियकैरेज की समस्या से परेशान है तो आप तुंरत डॉक्टर को दिखाये।े आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर ऐसे समस्याओं से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

आँखों से पानी आना

आँखों से पानी आना या अश्रुपात एक ऐसी समस्या है जिसमें आंखों से अत्यधिक आंसू आने लगते हैं और इनका कारण भी समझ नहीं आता है।आंख या आंखों से अपर्याप्त आंसू फिल्म जल निकासी है। सामान्य प्रणाली के माध्यम से निकलने वाले आंसुओं के बजायए वे चेहरे पर बहते हैं। आंखों की सामने की सतह को स्वस्थ रखने और स्पष्ट दृष्टि बनाए रखने के लिए आँसू की आवश्यकता होती है। यह ड्राइविंग मुश्किल या खतरनाक बना सकता है। आज हम
आपको बतायेंगे कैसे आप आंखों से पानी आने की समस्या का होम्योपैथिक विधि से कर सकते है।

आइये जानते है कारण-

केराइटिस
कॉर्निया का संक्रमण
कॉर्नियल अल्सर
स्टाइल
बेल्स पाल्सी
सूखी आंखें
एलर्जी
दवाओं का सेवन

अधिक पानी आने के लक्षण –

आँख के आसपास सूजन
आँख में कुछ फंस जाना
आँखों की दृढ़ता
नॉस्टेल्जिया
छींकना
आँखों में सूखापन
आँखों की जलन
आँखों में खुजली होना
धुंधला दिखना
पलकों में सूजन होना
लाल और रक्त आँखें

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी आखों में पानी आने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर आंखों में पानी आने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

घुटनों में दर्द की समस्या

उम्र बढऩे के साथ-साथ आप को बहुत-सी बीमारियां व दर्द घेरने लगते हैं। जिनमें से एक है घुटनों का दर्द। घुटनों का दर्द एक गंभीर समस्या है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। कभी-कभी घुटनों के दर्द की वजह गठिया भी हो सकती है। घुटने का दर्द मांसपेशियों के चोटिल होने, लिगामेंट या कमजोर हड्डियों का परिणाम भी हो सकता है। बस अगर दर्द तीन-चार दिनों से अधिक समय तक बना रहे, तो चिकित्सक से सलाह लें। आप होम्योपैथिक विधि से घुटनों के दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

टेंडिनाइटिस
गाउट
बर्साइटिस
संधिशोथ
डिस्लोकेशन
मेनिस्कस टियर
हड्डियों में टयूमर

घुटनों में दर्द के लक्षण-

सूजन और जकडऩ
कमजोरी
त्वचा का लाल होना
घुटने से आवाज आना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी घुटनों की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर घुटनों के दर्द से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

महिलाओं में हार्मोन्स की कमी

अक्सर महिलाओं में हार्मोन की कमी के चलते कई बीमारियां हो जाती है। हार्मोन्स के संतुलन में थोड़ी-सी भी गड़बड़ी से भूख, नींद और तनाव के स्तर पर दिखने लगता है। असंतुलन से अर्थ है कि शरीर में या तो कोई हार्मोन ज्यादा बनता है या फिर बहुत कम। हमारे शरीर में कार्टिसोल नामक एक स्ट्रेस हार्मोन होता है, जो हमें किसी खतरे की स्थिति में बचने के संकेत देता है। इसी हार्मोन की वजह से दिल की धडक़न, रक्तचाप और रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। आज हम आपकों बतायेंगे हार्मोन्स की कमी किन कारणों से होती होती और कैसे हम उन्हें होम्योपैथिक विधि से ठीक कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

मूड में उतार-चढ़ाव
सूजन
मेनोपॉज
नपुंसकता
छोटा कद
दुबलापन
मेटाबॉलिज्म में असंतुलन
मुंहासे की समस्या

असंतुलन के लक्षण-

अकारण वजन बढऩा
कमर पर चर्बी बढऩा
थकान महसूस करना
नींद न आना
गैस, कब्ज
तनाव, चिंता
बहुत पसीना आना
सेक्स की इच्छा में कमी
बालों का झडऩा
असमय सफेद होना
ज्यादा प्यास लगना
ज्यादा ठंड या गर्मी लगना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हार्मोन्स की कमी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हार्मोन्स की कमी छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

हड्डियों का कमजोर होना

बुढ़ापे में तो हड्डियां कमजोर हो ही जाती हैं, पर इस कमजोरी के मतलब क्या है। क्या जवानी या अधेड़ उम्र में हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। आजकल हर डॉक्टर कह देता है कि बोन डेन्सिटी की जांच करा लें जिससे पता चल सके कि आपकी हड्डियां कमजोर तो नहीं हो रहीं।हड्डियां कमजोर होने को चिकित्सा शास्त्र में आस्टियोपोरोसिस कहते हैं। आज हम बतायेंगे अगर आपकी हड्डियां कमजोर है या टूट रहे है तो आप किस तरह होम्योपैथिक विधि से उसका उपचार कर सकते है। हड्डियां कमजोर होने का मतलब शरीर की हड्डियों की शक्ति इतनी कम हो जाए कि हड्डी टूटने का खतरा कई गुना बढ़ जाये। हड्डियां खोखली-सी होने लगें। ढांचा तो खड़ा हो और पलस्तर झड़ जाए। फिर छोटी-सी चोट से या कभी-कभी तो पता ही न चले और हड्डी टूट जाए।

आइये जानते है इसके लक्षण

टूटते नाखून
जोड़ो में दर्द
मसूड़ों का फूलना
लंबाई का कम होना
कमजोर होना
अचानक फ्रैक्चर होना
मांसपेशियों में दर्द
दुबला-पतला होना

हड्डिया कमजोर होने के कारण-

थाइरॉइड
अनुवांशिक
कैल्शियम की कमी
शराब का सेवन
धूम्रपान करना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हड्डियां कमजोर होने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हड्डियां कमजोर होने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

सीने में जलन की समस्या

सीने में जलन के बाद लोगों को काफी परेशानी होती है। सीने में जलन एसिड रिफलक्स का एक सामान्य लक्षण होता है। ऐसे में पेट की सामग्री भोजन एक दबाव के द्वारा वापस गले में आने की कोशिश करती है, जिस कारण सीने के निचले हिस्से में जलन होने लगती है। जलन इसलिए होती है, क्योंकि पेट की सामग्री वापस इसोफेगस में आ जाती है। अगर आप भी सीने की जलन से परेशान है तो आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक दवाओं से इसका उपचार कर सकते है।अक्सर सीने में जलन के साथ अक्सर गले या मुंह में एक कड़वा स्वाद भी महसूस होता है।

आइये जानते है इसके कारण-

धूम्रपान करना
ज्यादा वजन
मोटापा होना
कैफीन युक्त पेय पीना
चॉकलेट खाना
मिंट या पेपरमिंट्स
खट्टे फल
टमाटर से बने उत्पाद ;
शराब पीना
मसालेदार भोजन

सीने में जलन के लक्षण-

खाना खाने के बाद सीने में जलन
लेटने
झुकने से दर्द
छाती के निचले हिस्से में जलन
खांसी या गला बैठना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सीने की जलन से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सीने की जलन की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।