रीढ़ की हड्डी में दर्द

रीढ़ की हड्डी संबंधी विकार विकलांगता के प्रमुख कारणों में से हैं। विश्व रीढ़ दिवस रीढ़ की हड्डी संबंधी विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वयं की अच्छी देखभाल करके रीढ़ के दर्द और विकलांगता को रोकने के लिए सभी उम्र के लोगों को सूचित, शिक्षित और प्रेरित करना रखा गया है। गठिया के कारण गर्दन के जोड़ों को नुकसान पहुंच सकता है,जिससे गंभीर जकडऩ और दर्द पैदा हो सकता है। रूमैटिक गठिया आमतौर पर गर्दन के ऊपरी भाग में होता है। स्पाइनल टीबीएस्पाइनल ट्यूमर, स्पाइनल संक्रमण भी इस रोग के प्रमुख कारण हैं। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से रीढ़ की हड्डी का उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

लिखने और बटन लगाने में समस्या
भोजन करने में समस्या
मल-मूत्र संबंधी समस्या
चलने में कठिनाई
कमजोरी के कारण
सुन्नपन
झुनझुनी का अहसास होना
कमर में दर्द

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी रीढ़ की हड्डी की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर रीढ़ की हड्डी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

मस्सों को होम्योपैथिक उपचार

खूबसूरती पर दाग की तरह होते हैं मस्से। इन मस्सों से छुटकारा पाने के लिए जरूरी नहीं है कि आप कॉस्मेटिक सर्जन के क्लीनिक का ही चक्कर लगाएं। कुछ बेहद आम बातों को ध्यान मे रखकर भी आप इन मस्सों से छुटकारा पा सकती हैं। कोई खूबसूरत चेहरे की कामना करता है, लेकिन इस खूबसूरत चेहरे पर जब कोई दाग, मुहांसे या मस्से इत्यादि हों तो चेहरा एकदम बिगड़ सा जाता है। मस्सों से निजात पाने के लिए आज युवा हर उपाय अपनाने को तैयार रहते हैं। हालांकि मस्से सिर्फ चेहरे पर ही नहीं, बल्कि गर्दन, हाथ, पीठ, चिन, पैर इत्यादि कहीं पर भी हो सकते है।

मस्से के लक्षण-

अलग-अलग रंग
खुरदुरा मस्सा
मुलायम मस्सा
बगैर दर्द वाला मस्सा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मस्सों की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मस्सों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

होम्योपैथिक विधि से लंबाई बढ़ाये

एक उम्र के बाद तो हम सभी की हाइट बढऩा रुकती है, पर आखिर क्या वजह है कि किसी व्यक्ति की लंबाई बहुत अच्छी होती है, तो कुछ की सामान्य से भी कम रह जाती है। हालांकि बाजार में बिकने वाली कई दवाएं हाइट बढ़ाने का दावा करती हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं। आप होम्योपैथिक विधि से अपनी लंबाई बड़ी आसानी से बढ़ा सकते है। नीचे दिये गये वीडियो को ध्यानपूर्वक देखे। युवावस्था में एक समय तक लंबाई बढऩे की गति चार इंच प्रति वर्ष हो जाती है।आमतौर पर लड़कियों की लंबाई उनकी किशोरावस्था या पीरियड आने तक बढ़ती है, वहीं लडक़ों की लंबाई उनके किशोरावस्था से गुजरने के बाद भी कुछ लोग तो यह भी सोचते है कि 18 साल की उम्र की बाद आपकी हाइट नहीं बढती है। जबकि यह गलत अवधारणा है। आप अपनी हाइट 18 साल के बाद भी बढ़ा सकते है। अगर आप नियमित रूप से व्यायाम, पौष्टिक भोजन आदि करने से आपकी हाइट में बढोत्तरी होगी।

लंबाई कम होने के कारण-

पानी कम पीना
गलत आदतें
अधिक भार उठाना
मानसिक परेशानी
बीमारी
पोषण में कमी
आनुवांशिकता

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी लंबाई कम होने समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर लंबाई कम होने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

दस्त का होम्योपैथिक उपचार

अक्सर लोगों को दस्त की शिकायत रहती है। ऐसे में आप घरेलू उपचार के साथ-साथ दवाओं का उपयोग करते है। जब गुदा मार्ग से पानी की तरह बार-बार मल का बाहर निकलता है जो उसे दस्त कहते है। दस्त कई कारणों से हो सकती है। जब शरीर में उपस्थित दोष वात,पित्त, कफ में मुख्यत: वातदोष असंतुलित हो जाता है। इससे शरीर की पाचन क्रिया को कमजोर हो जाती है। दस्त पेट के मुख्य लक्षणों में से एक है, अन्य उल्टी है। दस्त पेट या आंत की सूजन होती है जो जीवाणु या वायरल संक्रमण के परिणामस्वरूप होती है। दस्त आमतौर पर इलाज की आवश्यकता के बिना 2-4 दिनों तक रहता है। अगर आप भी दस्त की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है।

आइये जानते है दस्त के कारण-

परजीवी
भोजन का न पचना
आंत के बैक्टीरिया
वायरस

दस्त के लक्षण-

मतली
बुखार आना
भूख में कमी
पानी जैसे दस्त
पेट की खऱाब
पेट में ऐंठन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी दस्त की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर दस्त की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

हस्तमैथुन की समस्या

हस्तमैथुन को लेकर पूरी दुनिया में लोगों के भीतर कईं भ्रांतियां और प्रश्न हैं। कईं लोग इसे गलत नज़रिए से देखते हैं तो कुछ सही समझते हैं, परंतु अगर बात विज्ञान की की जाए तो विज्ञान इसे गलत नहीं मानता बल्कि वह इसे स्वास्थ्य के लिए की जाने वाली एक सामान्य एक्सरसाइज़ की तरह देखता है और बेहतर स्वास्थ्य का एक विकल्प मानता है। स्वंय को बेहतर महसूस कराने के लिए जब कोई व्यक्ति अपने प्राइवेट पार्ट को सैक्स क्रिया की भांति प्रयोग करता हैं तो उसे हस्तमैथुन माना जाता है । हर इसे व्यक्ति इसे अलग-अलग तरीके से करने का इच्छुक होता है क्योंकि यह क्रिया कहीं न कहीं उसके दिमाग और मन में उपजी उसकी भावनाओं को दर्शाती है। अगर आप भी हस्तमैथुन की समस्या से छुटकारा पाना चाहते है तो नीचे दिये गये वीडियो को ध्यान पूर्वक देखे।

हस्तमैथुन के कारण-

हस्तमैथुन कुछ हार्मोनों की रिहाई को बढ़ावा देता है जो स्वाभाविक रूप से यौन संतुष्टि और संतुष्टि की भावना प्रदान करते हैं। यह नशे की लत हो जाता है क्योंकि लोग या तो पोर्नोग्राफी को इतनी आकर्षक लगते हैं कि वे वास्तविक जीवन के अनुग्रहों को अनदेखा करते हैं, या वे अवसाद और वैकल्पिक यौन गतिविधि की कमी, सामान्य यौन गतिविधि की कमी या उनके से बचने के विकल्प के रूप में हस्तमैथुन और संबंधित संतुष्टि और संतुष्टि लेते हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हस्तमैथुन की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हस्तमैथुऩ की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

मानसिक रोग का होम्योपैथिक उपचार

मानसिक रोग से पीडि़त होने पर प्रभावी व्यक्ति का जीवन बदल जाता है। मानसिक रोगी होने पर व्यक्ति की मनोदशा, याददाश्त, स्वभाव और जीवनशैली की अन्य प्रक्रियाओं पर काफी असर पड़ता है। बायपोलर डिसऑर्डर गंभीर और खतरनाक मानसिक बीमारी ये है। देशभर में मनोरोगियों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। मुख्य रूप से डिप्रेशन एंग्जाइटी और सिजोफ्रेनिया से लोग ज्यादा प्रभावित हैं। डिप्रेशन पीडि़तों में बुजुर्गो और महिलाओं की संख्या अधिक है। डिप्रेशन की वजह से होने वाली आत्महत्याओं में भी वृद्धि हुई है। यह रोग व्यक्ति के मनोयोग, स्वभाव, ध्यान और संयोजन एवं बातचीत करने की क्षमता में समस्या पैदा करता है। इसलिए व्यक्ति असामान्य व्यवहार का शिकार हो जाता है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कई कारक उत्तरदायी है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

मूड का बार-बार बदलना
मूड खऱाब रहना
अक्सर उदास रहना
असामान्य बर्ताव करना
घबराहट
डर लगना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मानसिक समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मानसिक रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

दमा रोग का होम्योपैथिक उपचार

अक्सर दमा रोगी को सांस लेने में तकलीफ और कठिनाई महसूस होती है। दमा रोग सांस नलिकाओं में दोषों के कारण सुजन और विकारों के कारण नलिका का सिकुड़ जाने के कारण होता है। इसके कारण फेफड़ो में भी सुजन और कफ जम जाता है। अगर समय पर इलाज ना कराया तो यह रोग विकराल होता जाता है। दमा रोग से रोगी में घबरावट, घरघराहट, सीने में जकडऩ और और खांसी का आना स्वभाविक है। अगर आपभी दमा रोग से परेशन है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

ठंड में या व्यायाम में ज्यादा
सामान्य से शुरु
सूखा बलगम
सांस लेने से घरघराहट
सीने में जकडऩ और
सांस के साथ सीने से सिटी की आवाज

दमा रोग के कारण-

एलजी
कोकरोच, दीमक
खाद्य पदार्थो के कारण
वायु प्रदुषण
अनुवांशिक
पराग कण
सर्दी और मौसम बदलाव
धुम्रपान
मोटापा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी दमा रोग की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर दमा रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

बवासीर की समस्या

बवासीर होने पर एनस के अंदर और बाहरी हिस्से की शिराओं में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से गुदा के अंदरूनी हिस्से में या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से जैसे बन जाते हैं, जिनमें से कई बार खून निकलता है और दर्द भी होता है। लोग यह बीमारी होने पर जल्दी से कहने में हिचकिचाते हैं या फिर इसे नजरअंदाज करते हैं। जिसके कारण व्यक्ति को कब्ज, मल त्याग के दौरान दर्द व जलन व अन्य कई तरह की समस्याएं होती है। वैसे तो बवासीर की समस्या किसी को भी हो सकती है। बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है। एक इंटरनेल हेमोराइड्स यानि अंदरूनी बवासीर और दूसरा एक्टर्नल हेमोराइड यानि बाहरी बवासीर है। बवासीर में मलद्वार के पास की नसों में सूजन होता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप बवासीर का होम्योपैथिक विधि से उपचार कर सकते है।

बवासीर के लक्षण-

गुदा के आस-पास कठोर गांठ
पेट साफ ना हेने का आभास
शौच के वक्त जलन
खून का आना
शौच के समय पीड़ा
गुदा के आसपास खुजली
लालीपन
सूजन रहना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी बवासीर की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर स्तन में बवासीर की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

स्तनों में सूजन

महिलाओं का स्तन यानी ब्रेस्ट उनके शरीर का सबसे ज्यादा संवेदनशील भाग है। महिलाओं को इसे स्वस्थ रखने के लिए खास देखभाल भी करनी होती है। ज्यादातर महिलाओं को स्तन से जुड़ी समस्याओं की कम जानकारी होती है, स्तन में जरा-सा बदलाव उन्हें तनाव में डाल देता है। इन्हीं बदलावों में से एक है स्तनों में सूजन आना। स्तनों में सूजन आने पर उसके लक्षण साफ दिखने और महसूस होने लगते है। सूजन आने पर स्तनों के बनावट में बदलाव होता है, आसपास की त्वचा में परिवर्तन होता है और स्तनों में भारीपन महसूस होता है। आप होम्योपैथिक विधि से स्तनों में सूजन की समस्या को हल कर सकते है। आइये जानते है स्तनों में सूजन के लक्षण

स्तन में सूजन के लक्षण-

स्तनों की बनावट में परिवर्तन
स्तनों में भारीपन
स्तनों में गर्माहट
स्तन में गांठे

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी स्तन मे सूजन समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर स्तन में सूजन की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

स्तर कैंसर की होम्योपैथिक दवा

कैंसर दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है और यही वजह है कि लोगों में इसको लेकर भ्रांतियां और जानकारी का अभाव भी सामने आ रहा है। चूंकि भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लिहाजा आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि स्तनों में होने वाली सभी गांठें कैंसर नहीं होतीं। स्तन कैंसर महिलाओं में देखने को मिलता है। अगर आप भी स्तर कैंसर की समस्या से जूझ रहे है तो आप स्तन कैंसर को होम्योपैथिक विधि से दूर कर सकते है।

स्तन कैंसर के लक्षण

स्तन के आकार में बदलाव महसूस होना
स्तन पर गांठ महसूस होना
स्तन को दबाने पर दर्द होना
कोई तरल या चिपचिपा पदार्थ स्त्रावित होना
निप्पल के अग्रभाग का मुडऩा
निप्पल का रंग लाल होना
स्तनों में सूजन आ जाना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी स्तन में कैंसर समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर स्तन में कैंसर की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।