जब भी हम अनियमित ढंग से खाना खाते है तो हमारे पाचन तंत्र पर असर पड़ता है. अपच की स्थिति यदि लम्बे समय तक रहे तो कब्ज की परेशनी बन जाती है और पतले दस्त लगना शुरू हो जाता है पाचन ठीक न हो तो मल में चिकनापन आ जाता है जिसे आंव (आम) कहते हैं। और थोड़ी थोड़ी मात्रा में बार बार मल निकलता है जिसे अतिसार कहते हैं। और इस कारण पेट में दर्द होने लगता है और यहाँ तक की पेट में मरोड़े भी उठाने लगती है.
लोग स्वास्थ्य से ज्यादा स्वाद को महत्व देने लग गये हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता रहता है। गलत खान पान का प्रभाव पाचन संस्थान पर विपरीत ही पड़ता है, और पाचन ठीक से नहीं होने से अपच, अजीर्ण, वात प्रकोप (गैस ) पित्त प्रकोप (एसिडिटी) पतले दस्त लगना, आंवखून के दस्त लगना, ( खूनी पेचिश ) इत्यादि व्याधियां पैदा होती है। यही पेचिश है।
आईये वीडियो में जाने पेचिस के लिए कुछ जरुरी मेडिसिन्स :
पेचिस के कारण
पेचिस के कई कारण है पर कुछ मुख्य कारण, आईये जानते है :
बासी या दूषित खाने का सेवन करना
दूषित पानी का सेवन
संक्रमित भोजन का सेवन,जो भोजन किसी जीव द्वारा संक्रमित हो या फिर किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा बनाया या छुआ गया हो
पेट में संक्रमण होने के कारण भी हमारी पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है, जिस कारण पेचिस होने का खतरा बना रहता है
जंक फ़ूड का सेवन या खुले हुए खाने का सेवन करने के कारण भी पेचिस होने का खतरा रहता है.
पेचिस के लक्षण
पेचिस के कारण मुह का स्वाद बिगड़ जाता है, और मुँह बार बार सूखने लगता है
पेचिस ने बार बार मलत्याग की इच्छा होने लगती है
मल में खून या म्यूकस का आना
पेट में तीव्र दर्द के साथ अव या दस्त में खून निकलना
पेचिस होने पर कई बार रोगी को उल्टियां भी होने लगती है