KIDNEY STONES
किडनी स्टोन्स
किडनी स्टोन्स को गुर्दे की पथरी भी कहा जाता है। रोजमर्रा की भागदौड़ और अव्यवस्थित लाइफस्टाइल के चलते बहुत से लोग किडनी स्टोन के मरीज बन चुके हैं. पथरी का दर्द जब उठता है तो वो असहनीय हो जाता है इसके कारण पेशाब में संक्रमण व किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए किडनी स्टोन यानि गुर्दे की पथरी का उपचार जरुरी है।
गुर्दे की पथरी के कारण
किडनी स्टोन्स का मुख्य कारण गलत खान-पान व जरुरत से कम पानी पीना हैं ।
कुछ लोगों में अनुवांशिकता के कारण भी गुर्दे की पथरी होने की समस्या रहती है।
कुछ पुरानी बीमारियां गुर्दे की पथरी का कारण हो सकती है।
30 से 50 वर्ष की आयु के पुरुषों में गुर्दे की पथरी पायी जाने की संभावना अधिक देखी गयी है।
गुर्दे की पथरी के लक्षण
पीठ की तरफ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द अचानक शुरू होना ।
पेशाब में खून आना ।
सामान्य से अधिक बार पेशाब आने की इच्छा होना परन्तु एक बार में थोड़ा सा ही पेशाब आना।
पेशाब करते समय दर्द महसूस करना या पेशाब करने में कठनाई महसूस करना ।
जैसे कुछ लक्षण पथरी के मरीज में पाए जाते है ।
गुर्दे की पथरी का होम्योपैथिक उपचार
गुर्दे की पथरी होने पर सबसे पहले तो अतिरिक्त मात्रा में पानी पिए साथ ही कैल्शियम , सोडियम युक्त आहार लें , पथरी बनाने वाले खाघ प्रदार्थ जैसे कद्दू, बैगन,अमरुद, चुकंदर, पालक, चॉकलेट, चाय,दूध, टमाटर आदि प्रदार्थो से बचे या इन्हे कम से कम लें ।
इसके साथ ही होमियोपैथी में पथरी का कुशल उपचार सम्भव है, इसलिए होम्योपैथिक उपचार को जरूर अपनाये, होमियोपैथी की दवाओं को बताई गयी मात्रा में समय पर लेने से आपको पथरी से तुरंत राहत मिलेगी तो चलिए गुर्दे की पथरी के लिए जानते है होम्योपैथिक दवाइयाँ :
Calcarea Renal 6 , की दो-दो बुँदे, दिन में 3 बार (२ बुँदे सुबह , २ बुँदे दिन में और २ बुँदे शाम को लें )।
Berberis vulgaris Q , की 15-20 बुँदे, दिन में चार बार लें, 1 गिलास पानी में मिला कर।
Sbl कंपनी की Clearstone, की 20 बुँदे सवेरे, 20 बुँदे दिन में, 20 बुँदे शाम को लें. इन दवाओं को सही मात्रा व समय पर लेने से आपको बेहद लाभ मिलेगा।