बरसात में मच्छर से होने वाले रोग :
ये बरसात मौसम जितना ही सुहाना होता है उतने की रोग भी उत्पन्न करता है.
जहाँ एक तरफ बरसात के दिनों में हम रिम झिम बारिश का आनद लेते है. वही भारत के कई भागों में बारिश के मौसम में मछर कई तरह के रोगों को जन्म देते है. जो मौत का कारण भी बन सकता है.
इस लेख में आप जानेगे
बरसतो में मच्छरों से कैसे बचा जाये?
क्या क्या रोग मच्छरों से पैदा हो सकते है?
उन रोगों से कैसे बचा जाये और रोग के लक्षण नजर आये तो क्या करें?
मच्छर जो की दिखने में तो छोटा सा होता है. पर बहुत खतरनाक जीव है. मच्छर के काटने से कई प्रकार के घातक रोग हो जाते है. जिससे हर साल लाखो की संख्या में मौत हो जाती है.
जब मच्छर हमे काटता है तो वो हमारे शरीर के अन्दर कुछ इसे परजीवी डाल देता है, जो हमारे शरीर में रोग को जन्म देते है. मच्छर बीमारी को फ़ैलाने का काम करते है. एक व्यक्ति से बुमारी के वायरस को दुसरे व्यक्ति में फ़ैलाने का काम करते है.
मच्छरों के काटने से कई प्रकार के रोग हो सकते है. जिनमे से कुछ मुख्य रोग है डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, जीका वायरस, यलों फीवर आदि.
वास्तव में सिर्फ मादा मच्छर ही इंसानों का खून चुस्ती है. क्योंकी मादा मच्छरों को अंडे देने के लिए ज्यादा एनर्जी की जरुरत होती है. बाकी मच्छर तो फुल और फलों के रस पर ही निर्भर रहते है.
जानते है मच्छर से होने वाले रोगों के बारे में :
मलेरिया :
लोगों के अन्दर मलेरिया के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए, हर वर्ष २५ अप्रैल मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह रोग एनाफिलीज मादा मच्छर के काटने से होता है. मलेरिया मच्छर की उत्त्पति गन्दे पानी के जमा होने से व दूषित पानी में होती है. एनाफिलीज मादा मच्छर के डंक का परजीवी रक्त में प्रवेश कर कोशिकाओं को प्रभावित करता है और व्यक्ति में मलेरिया बुखार होने लगता है.
मलेरिया में रोगी को उलटी होना, बुखार आना,बदन दर्द, ठंड लगना, थकान, चक्कर आना आदि लक्षण नजर आते है.
डेंगू :
डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है. क्यों की इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को हड्डी टूटने सा दर्द होता है. १६ मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. जो डेंगू के प्रति जागरूकता फैलने के लिए मनाया जाता है.
एडीज मच्छर के काटने से डेंगू रोग होता है. इस रोग में अगर लापरवाही बरती जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.
इस रोग का यानी डेंगू का वायरस रक्त प्रवाह में प्रवेश करता है और रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुचता है. जिस कारण प्लेट्स नही बनती या प्लेट्स गिर जाती है, जिससे व्यक्ति की मौत तक हो जाती है.
डेंगू के रोगी को कमजोरी, बुखार, पेट में दर्द , जी मचलना , शरीर में लाल च्क्कते आदि लक्षण नजर आते है.
चिकनगुनिया :
ऐडीस इजिप्ती और एडीस एल्बोपिक्टस मच्छर चिकनगुनिया बीमारी फैलाते है. ये मच्छर दिन के समय कटते है.
चिकनगुनिया में रोगी को अचानक से बुखार आना, मांसपेशियों में दर्द होना, हड्डियों में दर्द, शरीर में लाल च्क्कते होना, जोड़ों में दर्द होना आदि लक्षण नजर आते है.
ये कुछ मुख्य रोग है जो मच्छरों द्वारा फैलाते है.
मच्छरों से कैसे बचे
- बारिश के दिनों में जमा हुए पानी का विशेष ध्यान दे.
- खुले में पानी जमा न होने दे. पानी को ढक कर रखे.
- कूलर का इस्तेमाल करते है तो बरसतो में इसका पानी निकल कर सुखा दे.
- शौचालय किचन या कही भी में जमा हुआ पानी खाली कर दे.
- पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद कर के रखे.
- सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें, और हमेशा शरीर को ढके रहे.
होमियोपैथी में मच्छरों से होने वाले रोगों के लिए एक बेहतर उपचार उपलब्ध है,