मधुमेह हो या न हो ये जानकारी है जरुरी
मधुमेह आज पुरे विश्व में सर्वधिक व्यापार बीमारी के रूप में उभरी है. पिछले कई वर्षों में इसके रोगियों की संख्या हर वर्ष बढ़ते जा रही है.
डायबिटीज अपने आप में बहुत गंभीर बीमारी है, साथ ही यह अन्य कई भयंकर बिमारियों को जन्म देती है. जैसे किडनी फेलियर के एक तिहाई मामले डायबिटीज के कारण होते है. हर वर्ष लाखो की संख्या में डायबिटीज के रोगियों के अंग काटना पड़ता है और लाखो की संख्या में रोगी अंधे हो जाते है.
डायबिटीज विश्व महामारी की तरह है. इसको दो भागों में विभाजित किआ है:
टाइप १ डायबिटीज बच्चों में देखा गया है, इसमें इन्सुलिन बनना एक दम बंद जाता है. और उन्हें इन्सुलिन लेना पडता है.
टाइप २ व्यस्क लोगों में देखी जाती है.
इन्सुलिन हमारे शरीर में बनने वाला एक प्राकर्तिक हार्मोंस होते है जिसे Pancreas बनता है. इसका मुख्य कार्य हमारे शरीर में शुगर पहुचना और उसकी मात्रा को संतुलित रखना है. व्यस्त दिनचर्या के कारण हमारे खान पान में बदलाव आये है, शारीरिक श्रम में भी कमी आई है और हमारे भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स और तेल की भरमार है .
शरीर सिमित मात्रा में शुगर चाहता है. जब हम जरुरत से ज्यादा मात्रा में शुगर लेते है तो इन्सुलिन उसको कण्ट्रोल करता है. पर धीरे धीरे इन्सुलिन के काम करने की शक्ति कम हो जाती है. जिसके बाद कुछ वर्षों तक तो pancreas इन्सुलिन ज्यादा मात्र में बनाते है पर कुछ समय बाद ये बेकार हो जाता है. अब शरीर में इसुलिन की कमी होने लगती है, रक्त में शुगर घुल कर हमारी कोशिकाओं में जमा होने लगती है. शुगर बढ़ने लगती है, जिस कारण फैट इक्कठा हो जाती है.
डायबिटीज / मधुमेह के कारण:
रक्त में शुगर घुल जाने के कारण कई समस्या आती है. जैसे
- मोटापा बढ़ जाता है.
- रक्त धमनियों में इन्फ्लेमेशन शुरू हो जाता है. जो हार्ट अटैक और लकवा के रूप में सामने आता है.
- रक्तचाप बढ़ जाता है.
- शरीर में रक्त के थक्के बनने की प्रवृति बढ़ जाती है.
- अच्छा कलेस्टोल कम हो जाती है.
डायबिटीज की जांच हेतु सुबह खाली पेट लिया गया ब्लड शुगर टेस्ट होता है. ब्लड शुगर दिन भर में कई बार बढ़ता घटता रहता है.
पर समस्या की बात यह है की, आमतौर पर जब मधुमेह का रोगी लक्षणों को लेकर डॉक्टर के पास जाता है तो उसे ६० प्रतिशत से ज्यादा रोग हो चूका होता है.
डायबिटीज के लिए उपचार:
इसके लिए कोई भी उपचार करने से पहले हमे अपनी जीवनशैली को बदलना होगा.
३ कामो को अपनी दिनचर्या में शामिल करें :
१: नियमित रूप से व्यायाम.
२: ऐसा भोजन करें जिसमे ब्लडशुगर का लेवल कम हो.
३: इन्सुलिन के प्रति सक्रियता बढ़ाने क लिए कुछ दवाए या सप्लीमेंट का प्रयोग करें.
इसके साथ होम्योपैथिक उपचार अजमाए :
दिए गये विडियो में डॉ नवीन चन्द्र पाण्डेय जी द्वारा मधुमेह के रोगी के लिए दवाए बाताई गयी है. विडियो को देखे और अपने परिचितों में जरुर शेयर करें.