Air Sickness

Air sickness

एयर सिकनेस यानि की हवाई सफर के दौरान जी मचलना या मतली आना दोस्तों घूमना फिरना तो सभी को बहुत अच्छा लगता है। परंतु किसी किसी को सफर करने के नाम से ही डर लगने लगता है। विशेषकर जो भी लम्बा सफर हो क्योकि उन्हें ट्रेवलिंग के समय उल्टियां होती है या जी घबराता है। किसी किसी को चक्कर आते हैं या सिरदर्द हो जाता है। सफर के दौरान चक्कर आने को मोशन सिकनेस, एयर सिकनेस या फर ट्रेवल सिकनेस के नाम से भी जाना जाता हैं.
इससे घूमने फिरने का मजा किरकिरा हो जाता है। और पेट घूमने लगता है , बच्चो में, महिलाओ में और बूढ़े लोगो में औरों की तुलना में ज्यादा समस्या दिखाई देती हैं.
एयर सिकनेस के कारण
एयर सिकनेस का वैसे तो कोई विशेष कारण नहीं है, कई लोगो को कमजोरी के कारण मोशन सिकनेस का सामना करना पड़ता हैं.
कुछ लोगों में यात्रा को लेकर डर और चिंतन देखने को मिलता है अक्सर ऐसे लोग भी मोशन सिकनेस से ग्रस्त होते है
खाली पेट यात्रा करने के कारण भी मोशन सिकनेस हो सकती हैं
यात्रा के दौरान दम घुटने के कारण
पेट ख़राब या खाना नहीं पचने के कारण
यात्रा के दौरान जरूरत से ज्यादा खाने के कारण
एयर सिकनेस के लक्षण
एयर सिकनेस के कुछ निम्न लक्षण दिखाई देते है :
मतली, उलटी या जी मचलाना
शरीर में कमजोरी सी महसूस होना, थकान
पेट में गड़बड़ या पेट घूमना
सिरदर्द, सिर घूमना
सांस लेने में मुश्किल होना , सांस फूलना
चक्कर और नींद आना
ये कुछ सामन्य लक्षण है जो एयर सिकनेस में दिखाई देते हैं.
एयर सिकनेस का होम्योपैथिक उपचार:-
यात्रा के दौरान Cocculus Indicus 30 की २-२ बुँदे जल्दी जल्दी लेंगे,आप चाहे तो इसे आधे ड्राम की गोलियां बनवा लें और २ -२ गोली जल्दी जल्दी लें.
एयर सिकनेस होने पर आप इस होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करें साथ ही जब भी आप यात्रा करने वाले हों उससे कुछ पहले से ही ये दवाये आप शुरू कर सकते है, इसके साथ ही यात्रा में घबराये नहीं , यात्रा से पहले ज्यादे मसालेदार खाने से परहेज करें।
ध्यान दे – दवाओं का सेवन बताई गयी विधि और मात्रा में ही करें, आप किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त हैं तो दवाओं का उपयोग करने से पूर्व अपने निकटतम विश्वसनीय होमोपथिक विशेषज्ञ से जरुर परामर्श कर लें।