Anal fissure, गुदा में दरार या गुदाचीर | Homeopathic treatment
सामान्यतः , लोग गुदा अर्थात एनल सम्बन्धी किसी भी समस्या को बवासीर मान लेते है , परन्तु एनल सम्बन्धी हर समस्या बवासीर नहीं होती हैं। Anal fissure को हिंदी में गुदा में दरार या गुदाचीर भी कहा जाता हैं पाचन तंत्र के विभिन्न रोगों जैसे gastritis , पेप्टिक अलसर , बवासीर , गुदा दरारे हो सकते है। पुरानी कब्ज वाले व्यक्ति को यह हो सकती हैं , दिनचर्या अस्त-व्यस्त होना, पेट साफ न होना , पानी कम पीना आदि , इसके कारण भी गुदा दरार हो सकता है, कई बार इसमें बहुत तेज दर्द होता है ।
लक्षण :
- शौच के समय लाल रक्त निकलना
- लगातार गुदा क्षेत्र में खुजली
- तेज चुभन वाला दर्द होना
- कब्ज रहना
दवाईयां :
होम्योपैथिक दवा में आप एनल फिशर के लिये Nux Vomica 30 की 5 बुँदे सिर्फ रात में (7 :00 pm) पर लें , इसके साथ Sulphur 30 की 5 बुँदे सवेरे खाली पेट लें, और Acid Nit . 30 की 5 बुँदे दिन में एक बार लेनी हैं , इनके साथ Aesculus Q की 15 बुँदे दिन में 3 बार लें होम्योपैथिक दवाओं के साथ ही साथ आप अपने खाने पीने का ख्याल भी रखें , साथ में खूब सारा पानी पिये , और जो दवाएं बताई गयी हैं उन्हें खाये आपका लाभ होगा।