Arthritis Pain
क्या आपके जोड़ों में दर्द रहता है ? क्या आपके जोड़ों में सूजन रहता है ? यदि हाँ तो सावधान हो जाये ये गठिया रोग यानी अर्थराइटिस भी हो सकता है। अर्थराइटिस, जिसे संधि शोथ भी कहा जाता है, एक प्रकार के जोड़ों की सूजन होती है। जब हड्डियों में यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो ये गठिया का रूप ले लेता है। यह एक या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित कर सकती है। गठिया 65 वर्ष से अधिक उम्र वालों में देखा जाता है, हालांकि यह बच्चों टीनएजर और युवाओं में भी विकसित हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिकतर इस रोग को देखा जाता है, खासतौर पर उन में जिनका वजन ज्यादा हो।
अर्थराइटिस में सूजन के साथ दर्द और उंगलियों, बाजुओं, टांगों और कलाइयों में अकड़न व मरोड़ सी होती है और यही गठिया के मुख्य लक्षण भी है। इसमें शरीर के जोड़ों में काफी दर्द होता है। यह दर्द सुबह के समय ज्यादा प्रभावित होता है ।
गठिया के प्रकार:
गठिया मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है
ओस्टियो आर्थराइटिस : यह ऑस्टियो आर्थराइटिस सबसे आम प्रकार का अर्थराइटिस है। यह बढ़ती उम्र के साथ होता है। यह अंगुलियों और कूल्हों के अलावा पूरे शरीर का भार सहन करने वाले घुटनों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इस समस्या के होने पर घुटनों में सूजन और चलते समय घुटने में तेज दर्द होता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस : यह गठिया का बहुत अधिक पाया जाने वाला गंभीर रूप है। इस अर्थराइटिस का समय पर प्रभावी उपचार करवाना आवश्यक होता है वरना बीमारी बढ़ने पर एक साल के अन्दर ही शरीर के जोड़ों को काफी नुकसान हो जाता है।
मेडिकल साइंस की भाषा में इसे आटो-इम्यून डिजीज यानी स्व-प्रतिरक्षित बीमारी कहा जाता है।ठण्ड के कारन इस बीमारी का दर्द असहनीय हो जाता है ।
गठिया के लक्षण :
गठिया के किसी भी रूप में जोड़ों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के चलते जोड़ों में दर्द, जकड़न और फुलाव होने लगता है। रोग के बढ़ जाने पर तो चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होने लगती है।
गठिया के कुछ अन्य मुख्य लक्षण है :
जोड़ों में सूजन आ जाना।
जोड़ों में दर्द रहना।
घुमाने या मूव करने में परेशानी होना।
जोड़ों को घुमाने–फिराने में देर लगना।
जोड़ों में भारीपन आ जाना।
जोड़ों में सूजन आ जाना।
जोड़ों में दर्द रहना।
घुमाने या मूव करने में परेशानी होना।
जोड़ों को घुमाने–फिराने में देर लगना।
जोड़ों में भारीपन आ जाना।
गठिया का होम्योपैथिक उपचार :
होमियोपैथी में गठिया का कुशल उपचार सम्भव है। बस शर्त है आप दवाइयों को जैसे बताई गयी है उसी तरह है, और उसी मात्रा में लें :
Polyarthritis 10m : Polyarthritis 10m की sugar milk में 6 Dosage (पुड़िया) बनवा ले, इन पुड़िया को आपको 2 दिन तक , 3 बार लेना है (1 पुड़िया सुबह, 1 दोपहर, 1 शाम) ।
बायो कॉम्बिनेशन 19 (Bio-Combination 19 ) की 4 गोली , 3 बार (4 गोली सुबह , 4 गोली दिन में , 4 गोली शाम को) ।
Adel 4 की 20 बुँदे, दिन में 3 बार, (20 बुँदे सुबह, 20 बुँदे दिन में, 20 बुँदे शाम को )आधे कप पानी के साथ मिला के लें ।