हर साल भारत में अस्थमा के मरीज बढ़ते जा रहे है और कई गंभीर केस में रोगी की जान भी चले जाती है. परन्तु डॉ नवीन चन्द्र पाण्डेय जी ने होम्योपैथिक दवाओ के चमत्कारों से लाखों की संख्या में अस्थमा के रोगियों को उनकी खुशहाल जिंदगी जीने का मौका दिया है. पर कई लोगों को इस बात की जानकारी नही होती की अस्थमा क्या होता है? कैसे होता है? क्यों होती है? और सबसे बड़ी बात की इसका कोनसा उपचार इसे जड़ से खत्म कर सकता है?
इस लेख में अस्थमा से जुडी पूरी जानकारी आपको मिलेगी इसलिए इसे जरुर पढ़े:
अस्थमा क्या है ?
दमा या अस्थमा श्वास सम्बन्धी एक समस्या है. वायुमार्ग में सुजन के कारण अस्थमा होता है. इसके परिणाम स्वरुप इसके आसपास को मांसपेशियों में संकुचन बढ़ जाता है. इसके कारण साँस लेने में तकलीफ होने लगती है.
दमा के कारण सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सांस फुलाना जैसे तकलीफ होने लगती है.
अलग अलग व्यक्ति में अस्थमा के अलग अलग लक्षण देखें को मिलते है.
दमा के कारण रोगी डर से कुछ भी काम करने में कतराता और डरता है. परन्तु इससे डरने की जरुरत नही है बल्कि एक कुशल उपचार की जरुरत है.
कैसे होता है अस्थमा?
अस्थमा को दमा भी कहा जाता है. एलर्जी के कारण अगर आपको जुखाम, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो तो इसे नजर अंदाज न करें. इस एलर्जी के कारण सांस लेने की नलियाँ सूजने लगती है और इन्फेल्मेसन होने लगता है.
अस्थमा के लक्षण :
लक्षणों की बात करें तो विभिन्न व्यक्तियों में अस्थमा के अलग अगल लक्षण नजर आते है.
अस्थमा या दमा यानि सांस लेने में तकलीफ होना.
बैचनी और सीने में खिचाव या जकडन होना.
खांसी व जुखाम होना
उलटी आना और सांस फूलना.
ये कुछ सामान्य लक्षण है जो अस्थमा के रोगी में नजर आते है.
अस्थमा के कारण :
वायु प्रदूषण दमा का मुख्य कारण है.
इसके साथ ही घर में आसपास धुल होने के कारण.
घर में पालतू जानवरों के होने के कारण भी अस्थमा हो सकता है.
सर्दी में फ्लू होने के कारण.
तनाव या भय के कारण अस्थमा हो सकता है.
सर्दी के मौसम में एलर्जी होने के कारण.
अनुवांशिक कारण से.
होमियोपैथी में अस्थमा का कुशल उपचार मौजूद है. अगर आप या आपका कोई भी परिचित इस समस्या से जूझ रहा हो तो एक बार होम्योपैथिक उपचार को जरुर अजमाए;
निचे दिए गये विडियो में डॉ नवीन चन्द्र पाण्डेय जी द्वारा अस्थमा के लिए होम्योपैथिक दवाए बताई गयी है. ध्यान रहे की अलग अलग रोगी में अलग अलग लक्षण नजर आते है. इसके लिए उनको लक्षणों के आधार पर अलग अलग दवाए दी जाती है इसलिए बेहतर उपचार के लिए नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क करें.