Bone Fracture

बोन फ्रैक्चर जिसे हड्डी का टूटना भी कहा जाता हैं, जब शरीर की हड्डी में दरार पड़ जाती हैं या हड्डी खिसक जाती हैं उसकी बनावट में दरार पड़ जाती हैं तो उसे हड्डी का फ्रैक्चर कहा जाता हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में रोजाना सुनने को आता हैं, रोड दुर्घटना के बारे में जो अक्सर हड्डियों के टूटने का कारण बन जाती हैं इसके साथ ही कही फिसल जाने के कारण, चक्कर आने के कारण या चोट लगने के कारण हड्डी खिसक जाती हैं। हड्डी टूटने के कारण बेहद दर्द होता है और सूजन आ जाती हैं साथ ही अंग हिलने में दिक्कत होती हैं. ज्यादातर हड्डिया टूटी है हड्डियों में दबाव पड़ने के कारण।

जानते हैं बोन फ्रैक्चर के कारण

हड्डी टूटने के कई कारण होते हैं. जिनमे कुछ कारण निम्न हैं:-
चोट लगने के कारण
फिसलने के कारण
कही ऊंचाई से गिरने के कारण
किसी सड़क दुर्घटना के कारण
ओस्ट्रोपेरोसिस के कारण
हड्डियों में दबाव पड़ने के कारण

जानते हैं बोन फ्रैक्चर के लक्षण

जानते हैं हड्डी टूटने के कुछ लक्षण :
हड्डी के फ्रैक्चर होने पर हड्डी के आसपास सूजन , दर्द, लाली आ जाती है
सूजन होने के साथ साथ उस जगह पर नीला भी पद जाता है
इसके अलावा हड्डी के टूटने पर कभी कभी हड्डी मांस के बाहर आ जाती है

जानते हैं बोन फ्रैक्चर का होम्योपैथिक उपचार

Calcarea Phos की ४ गोली , दिन में ३ बार (४ गोली सवेरे, ४ गोली दिन में, ४ गोली शाम को )
Symphytum Q, 10-15 बुँदे, दिन में ३ बार (१०-१५ बुँदे सवेरे, १०-१५ बुँदे दिन में, १०-१५ बुँदे शाम को)
Symphytum Plus, २० बुँदे, दिन में ३ बार (२० बुँदे सवेरे,२० बुँदे दिन में, २० बुँदे शाम को)

इन दवाओं को उचित मात्रा में सेवन और सही समय पर इन दवाओं का सेवन करने पर आपको बोन फ्रेक्चर में आपको आराम मिलेगा और हड्डी को मजबूती मिलेगी इसके साथ ही आप गाड़ी ध्यान से चलाये और हड्डी को मजबूत बनाने के लिए उचित मात्रा में कैल्शियम लें, पोषण युक्त आहार लें , और शारीरिक गतिविधियां करें।

ध्यान दे – दवाओं का सेवन बताई गयी विधि और मात्रा में ही करें, आप किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त हैं तो दवाओं का उपयोग करने से पूर्व अपने निकटतम विश्वसनीय होमोपथिक विशेषज्ञ से जरुर परामर्श कर लें।