सांस की नली में सूजन

सांस नली की सूजन आपके श्वासनलियों के अस्तर की सूजन है, जो आपके फेफड़ों में और आपके लिए हवा ले जाती है। श्वास नली की सूजन वाले लोग अक्सर मोटे हुए बलगम की खांसी करते हैं, जो विच्छेदित किया जा सकता है। श्वांस नली की सुजन या तो तीव्र या पुराना हो सकती है। अक्सर ठंड या अन्य श्वसन संक्रमण से विकसित होने पर तीव्र श्वास नली की सूजन बहुत आम है। क्रोनिक ब्रॉन्काइटिस, एक और अधिक गंभीर स्थितिए श्वासनलिकाओं के अस्तर की लगातार जलन या सूजन होती है, जो धूम्रपान के कारण होती है। अगर आपकी की सांस की नली में सूजन है तो आप होम्योपैथिक विधि से उपचार कर सकते है।

सूजन के लक्षण-

खांसी का आना।
बलगम
थकान
साँसों की कमी
थोड़ा बुखार
ठंड लगना
सीने में बेचैनी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सांस की नली मेंं सूजन से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सांस की नली मेंं सूजन से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

किडनी में पथरी

किडनी में पथरी होना बेहद दर्दनाक होता है। ऐसी स्थिति में मरीज को तेज दर्द होता है जो कि कई बार असहनीय हो जाता है। अक्सर किडनी में पथरी होने पर दर्द पेट के निचले हिस्से में होता है। पथरी, खनिजों और नमक का संग्रह होता है जो ज्यादातर कैल्शियम और यूरिक एसिड से बना पत्थर होता है। जो कि गुर्दे के भीतर हो जाती है। जब हमारे शरीर के कुछ खनिज मूत्र में जमा हो जाते हैं तो गुर्दे के अंदर पत्थर बन जाते हैं। इसे ही किडनी की पथरी कहते हैं। अगर आप भी किडनी में पथरी की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है तो आइये जानते है इसके कारण और उपचार की विधि

आइये जानते है किडनी में पथरी के लक्षण-

पेशाब करते समय दर्द
मूत्र में धुंधलापन
मूत्र से खून आना
बुखार आना
ठंड लगाना
उल्टी आना

पथरी के कारण

भोजन
दवाईयां
अन्य बीमारियां
जलवायु
आनुवांशिक

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी किडनी की पथरी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर किडनी की पथरी छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

सांस फूलने की समस्या

सांस फूलना एक ऐसा लक्षण हैं, जो काफी आम है। मरीज परेशान रहता है एवं भयभीत रहता है कि कहीं जान चली जाए। कई बार तो काफी जांच पड़ताल के बावजूद पता नहीं चलता कि आखिर सांस क्यों फूल रहा है। मरीज एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर भटकता रहता है, इलाज नहीं हो पाता। ऐसे में ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत पड़ती है। अगर आप सांस फूलने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर रहे है।

आइये जानते है इसके कारण-

सांस फूलना
सांस ठीक से लेने का अहसास होना
संक्रमण
सूजन
एलर्जी

सांस फूलने के लक्षण

खांसी
वुखार
सांस में दिक्कत
छाती दर्द
सांस की गति तेज होना
धडक़न तेज होना
थकावट
ब्लड प्रेशर कम होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सांस फूलने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सांस फूलने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

पित्त की थैली में पत्थरी

पित्त की थैली यानि गॉलब्लेडर, शरीर का एक छोटा सा अंग है जो लीवर के ठीक पीछे होता है। इसका कार्य पित्त को संग्रहित करना तथा भोजन के बाद पित्त नली के माध्यम से छोटी आंत में पित्त का स्त्राव करना है। पित्त रस वसा के अवशोषण में मदद करता है। कभी-कभी पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव हो जाता है। अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रॉल की बनी होती है। धीरे-धीरे वे कठोर हो जाती है तथा पित्ताशय के अंदर पत्थर का रूप ले लेती है। आप अगर पत्थरी से परेशान है तो होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है कारण-

अनुवांशिक कारण का होना.
मसालेदार भोजन खाना
किसी सर्जरी को कराना
अधिक वजन का होना
अधिक उम्र का होना

पित्त की थैली के लक्षण

डायरिया होना
अपच
जी मचलाना
उल्टी आना
पेट में दर्द होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पित्त की थैली में पत्थरी की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पित्त की थैली में पत्थरी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

कमर दर्द की समस्या

कमर दर्द इतनी आसान-सी समस्या भी नहीं है। बड़े पेंच हैं इसमें सामान्य-सा प्रतीत होता कमर दर्द भी किसी बड़ी मुसीबत का संदेशवाहक सिद्ध हो सकता है। यह दर्द आपकों जीवनभर के लिए विकलांग तक बना सकता है, बिस्तर से लगा सकता है। कमरदर्द की जड़ कमर में न होकर अन्यत्र किसी और बीमारी में हो सकती है। अगर आप भी कमर दर्द की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

कमर दर्द के कारण

शरीर में अत्याधिक कमजोरी
शरीर को झुकाकर बैठना या चलना
झटके के साथ भारी वजन उठाना
लगातार बैठकर या खड़े होकर काम करना
मांसपेशियों में खिंचाव आना

कमर दर्द के लक्षण

अक्सर उठने और बैठने में कमर में दर्द
सुबह सोकर उठते वक्त कमर में दर्द
लंबे समय तक कमर में दर्द रहना।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी कमर दर्द की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर कमर दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

पैर में मोच आना

बच्चे जब पहली बार साइकिल चलाना सिखते हैं या स्कूल में ऐन्यूअल स्पोट्र्स डे होता है तब पैर या हाथ में मोच आना जैसे लाज़मी हो जाता है। लेकिनकई बार चलते-चलते या खेलते-खेलते अचानक से पैर मुडऩे भर से ही हमारे पैर में मोच आ जाती है, जिससे हमारे पैर में दर्द के साथ सूजन भी आ जाती है। दरअसल पैर में मोच पैर में किसी तनाव, खिंचाव या मांसपेशियों में चोट लगने से आती है। पैर में मोच बाहरी और आंतरिक दोनों ही तरह से आ सकती है। आमतौर पर पैर में मोच एड़ी या घुटने में आती है। इसके अलावा हाथ में भी मोच आना एक आम समस्या है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप मोच आने पर होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

पैर में मोच आने के कारण –

पैर का अचानक मुडऩा
गिरना
तेज दौडऩा
ऊंची जगह से कूदना
घुटने में चोट लगने से

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पैर में मोच से समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पैर में मोच की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

छाती में दर्द की समस्या

50 साल पार करने के बाद हर व्यक्ति को सावधान हो जाना चाहिए। 50 पार करने के बाद प्रतिवर्ष बीपी एवं शुगर की जांच करानी चाहिए। इससे बीमारी प्रारंभिक चरण में ही पकड़ में आ जाएगी। छाती में दर्द, भारीपन, सांस लेने में तकलीफ आदि समस्या हार्ट की बीमारी के प्रारंभिक लक्षण हैं। सीने में दर्द एक ऐसी समस्या है, जिसे बिल्कुल भी नजऱअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। कभी व्यक्ति को बहुत तेज सीने में दर्द होता है तो व्यक्ति इसे हार्ट अटैक समझकर घबरा जाता है, वहीं हल्का दर्द होने पर व्यक्ति उसे अनदेखा करता है। सीने में दर्द के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से छाती के भारीपन से छुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है कारण-

फेफड़े के रोग
पेट के रोग
खाने के बाद
आहार नली में भोजन फंसना
दवा का सेवन
मसालेदार खाना
पैर के नसों में खून जमना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी छाती में भारीपन की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर छाती में भारीपन की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

रीढ़ की हड्डी में दर्द

रीढ़ की हड्डी संबंधी विकार विकलांगता के प्रमुख कारणों में से हैं। विश्व रीढ़ दिवस रीढ़ की हड्डी संबंधी विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वयं की अच्छी देखभाल करके रीढ़ के दर्द और विकलांगता को रोकने के लिए सभी उम्र के लोगों को सूचित, शिक्षित और प्रेरित करना रखा गया है। गठिया के कारण गर्दन के जोड़ों को नुकसान पहुंच सकता है,जिससे गंभीर जकडऩ और दर्द पैदा हो सकता है। रूमैटिक गठिया आमतौर पर गर्दन के ऊपरी भाग में होता है। स्पाइनल टीबीएस्पाइनल ट्यूमर, स्पाइनल संक्रमण भी इस रोग के प्रमुख कारण हैं। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से रीढ़ की हड्डी का उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

लिखने और बटन लगाने में समस्या
भोजन करने में समस्या
मल-मूत्र संबंधी समस्या
चलने में कठिनाई
कमजोरी के कारण
सुन्नपन
झुनझुनी का अहसास होना
कमर में दर्द

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी रीढ़ की हड्डी की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर रीढ़ की हड्डी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

मस्सों को होम्योपैथिक उपचार

खूबसूरती पर दाग की तरह होते हैं मस्से। इन मस्सों से छुटकारा पाने के लिए जरूरी नहीं है कि आप कॉस्मेटिक सर्जन के क्लीनिक का ही चक्कर लगाएं। कुछ बेहद आम बातों को ध्यान मे रखकर भी आप इन मस्सों से छुटकारा पा सकती हैं। कोई खूबसूरत चेहरे की कामना करता है, लेकिन इस खूबसूरत चेहरे पर जब कोई दाग, मुहांसे या मस्से इत्यादि हों तो चेहरा एकदम बिगड़ सा जाता है। मस्सों से निजात पाने के लिए आज युवा हर उपाय अपनाने को तैयार रहते हैं। हालांकि मस्से सिर्फ चेहरे पर ही नहीं, बल्कि गर्दन, हाथ, पीठ, चिन, पैर इत्यादि कहीं पर भी हो सकते है।

मस्से के लक्षण-

अलग-अलग रंग
खुरदुरा मस्सा
मुलायम मस्सा
बगैर दर्द वाला मस्सा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मस्सों की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मस्सों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

होम्योपैथिक विधि से लंबाई बढ़ाये

एक उम्र के बाद तो हम सभी की हाइट बढऩा रुकती है, पर आखिर क्या वजह है कि किसी व्यक्ति की लंबाई बहुत अच्छी होती है, तो कुछ की सामान्य से भी कम रह जाती है। हालांकि बाजार में बिकने वाली कई दवाएं हाइट बढ़ाने का दावा करती हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं। आप होम्योपैथिक विधि से अपनी लंबाई बड़ी आसानी से बढ़ा सकते है। नीचे दिये गये वीडियो को ध्यानपूर्वक देखे। युवावस्था में एक समय तक लंबाई बढऩे की गति चार इंच प्रति वर्ष हो जाती है।आमतौर पर लड़कियों की लंबाई उनकी किशोरावस्था या पीरियड आने तक बढ़ती है, वहीं लडक़ों की लंबाई उनके किशोरावस्था से गुजरने के बाद भी कुछ लोग तो यह भी सोचते है कि 18 साल की उम्र की बाद आपकी हाइट नहीं बढती है। जबकि यह गलत अवधारणा है। आप अपनी हाइट 18 साल के बाद भी बढ़ा सकते है। अगर आप नियमित रूप से व्यायाम, पौष्टिक भोजन आदि करने से आपकी हाइट में बढोत्तरी होगी।

लंबाई कम होने के कारण-

पानी कम पीना
गलत आदतें
अधिक भार उठाना
मानसिक परेशानी
बीमारी
पोषण में कमी
आनुवांशिकता

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी लंबाई कम होने समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर लंबाई कम होने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।