गर्भाशय में दर्द

महिलाओं में पैल्विक दर्द अधिक सामान्य है। दर्द के कई अलग-अलग कारण होते हैं। जब आप गर्भधारण करती हैं और योनि से रक्तस्राव जैसे अन्य लक्षणों के साथ-साथ दर्द होता हैं, तब इन लक्षणों के आधार पर उन्हें अलग -अलग श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। आमतौर पर जब गर्भाशय में मांसपेशियां कस जाती हैं या सिकुड़ जाती हैं, तब ऐंठन और दर्द महसूस होता है। बदलता वातावरण गर्भाशय को अत्यधिक प्रभावित करता है, जिसके कारण महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है। इसके कारण महिलाओं को असहनीय पेट दर्द, बुखार, सिरदर्द और कमर दर्द का सामना करना पड़ता है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

गर्भाशय में दर्द के कारण

पेट की सूजन
रक्तस्राव
कब्ज
ठंड लगना
पेल्विस पेन
थकान महसूस करना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी गर्भाशय में दर्द की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर गर्भाशय में दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

ठंड में गठिया रोग

हवा में चुभन का यह मौसम बुजुर्गों और गठिया के रोगियों की परेशानी बढ़ा देता है। इस मौसम में कई रोगियों के घुटने का दर्द, अकडऩ और असहजता बढ़ जाती है क्योंकि वातावरणीय दबाव के कारण रक्तसंचार में बाधा होती है। इसे अक्सर आयु सम्बंधी नुकसान या मौसमी बदलाव समझा जाता है, लेकिन यह गठिया के लक्षण हो सकते हैं।अर्थराइटिस जोड़ों में होने वाली एक बहुत ही आम बीमारी है। इस बीमारी में जोड़ों में दर्द होता है और जोड़ों को घुमाने, मोडऩे, हिलाने और हरकत करने में परेशानी होती है।100 से भी अधिक किस्म के अर्थराइटिस होते हैं। अर्थराइटिस से व्यक्ति की रोज़मर्रा की जीवनशैली बुरी तरह प्रभावित होती है। यह जीवन भर सताने वाली बीमारी होती है। बीमारी अधिक बढऩे पर मरीज के जोड़ों में असहनीय पीड़ा होती है । आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

गठिया रोग के लक्षण

जोड़ों में दर्द
सूजन
रंग बदलना
हाथ-पैरों के जोड़ों में दर्द

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी गठिया रोग की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर गठिया रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

घेंघा रोग की समस्या

घेंघा गले से संबंधित रोग है। गले में थायराइड ग्रंथि बढ़ जाती है, जिस वजह से सूजन होने लगती है। थायराइड में हुई सूजन के कारण श्वसन नली और अन्नप्रणाली पर दबाव पडऩे लगता है। इस वजह से खांसी, गले में घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई या खाना व पानी निगलने में कठिनाई हो होती है। बिगड़ी हुई दिनचर्या और अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कई तरह के रोगों की वजह बन जाती है। ऐसा ही एक रोग है, घेंघा। अपने नियमित खान-पान पर ध्यान न देने और समय-समय पर संपूर्ण शरीर का चेकअप न करवाने के कारण हम कई बार घेंघा रोग की चपेट में आ जाते हैं। इस रोग के होने की संभावना पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होती है। वैसे यह रोग पुरुषों-महिलाओं को हो सकता है। ये रोग किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन इसके कारणों पर नियंत्रण पाकर आप इससे होने वाली परेशानी और दर्द से थोड़ी राहत पा सकते हैं। अगर आप भी घेंघा रोग से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

आयोडीन की कमी
दवाओं को सेवन
संक्रमण
धूम्रपान
थायराइड हार्मोन का न बनना
सोया
मूंगफूली
ब्रोकली
गोभी परिवार की सब्जियां

घेंघा रोग के लक्षण-

सांस लेने में परेशानी
खाना निगलने में परेशानी
गले में जकडऩ
गले में खराश

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी घेंघा रोग की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर घेंघा रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

तनाव की समस्या

तनाव हमेशा बुरा नहीं होता। जब यह छोटे स्तर पर होता है तो यह दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने में आपकी मदद करता है, लेकिन यह काफी ज्यादा हो जाए तो आप उसे मैनेज नहीं कर पाएंगे और तब आपका जीवन और कामकाज प्रभावित होगा। ऑफिस या घर जीवन के हर क्षेत्र में आपका काम प्रभावित होगा और आपके संबंध भी प्रभावित होंगे। तनाव आज के समय में हर किसी की जिन्दगी में अपनी पैठ बना चुका है। चाहे बच्चे हों या बड़े, हर व्यक्ति किसी ना किसी तरह की चिंता से हमेशा ही घिरा रहता है। कुछ हद तक तनाव होना स्वाभाविक भी है। लेकिन जब यही तनाव बढऩे लगता है तो इससे व्यक्ति को एंग्जाइटीए अवसाद व अन्य कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर तनाव बढ़ जाए तो इससे बाहर निकल पाना व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। अगर आप भी तनाव में जी रहे है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है।

तनाव के कारण-

सही आहार का सेवन न करना
नींद की कमी
बदलती दिनचर्चा
आर्थिक परेशानी
वातावरण
रिश्तो का खराब होना
सिरदर्द की समस्या
मांसपेशियों में कमजोरी
पेट की समस्या

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी तनाव की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर तनाव की समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देख अपने बच्चे को होम्योपैथिक दवा दे सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बच्चों में खाँसी

बच्चों को खाँसी होना बहुत ही आम बात है। अक्सर यह देखा जाता है कि जब भी बच्चे को खांसी होती है तो माता-पिता बहुत घबरा जाते हैं और तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करते हैं। खाँसी कोई बीमारी नहीं है। ऐसे में आप इसका होम्योपैथिक उपचार भी कर सकते है। खांसी बहुत पीड़ादायक होती है और बच्‍चों को खांसी हो जाए तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। सुरक्षा के लिहाज से इतने छोटे बच्‍चों को ओटीसी दवाएं देना सुरक्षित नहीं रहता है इसलिए बच्‍चों में खांसी के घरेलू इलाज ज्‍यादा इस्‍तेमाल किए जाते हैं। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप बच्चों की खांसी के लिए होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल कर सकते है।

बच्चों में खांसी के कारण-

ज़ुकाम
दमा
क्षय रोग
विषाणु संक्रमण
फ्लू
कप
काली खांसी
दम घुटना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा खांसी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर खांसी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देख अपने बच्चे को होम्योपैथिक दवा दे सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बच्चे के पेट में कीड़े

अक्सर पेट में कीड़ों की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, लेकिन इसके ज्यादा मामले 1 से 14 वर्ष के बच्चों में अधिक देख जाते हैं। आंकड़ों की माने तो भारत में लगभग 24.1 करोड़ बच्चे पेट में कीड़ों से प्रभावित हैं। यह एक गंभीर समस्या है, इसलिए माता-पिता के लिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी हो जाता है कि कहीं उनका बच्चा पेट के कीड़ों से ग्रसित तो नहीं है। हम आपको इस लेख में जानिए पेट में कीड़ों के कारण, इसके लक्षण और बच्चों को इससे निजात दिलाने के लिए होम्योपैथिक उपचार बतायेंगे।

आइये जानते है इसके कारण-

पेट में दर्द होना
बच्चे का वजन घटा जाना
चिड़चिड़ापन
मल द्वार पर खुजली
उल्टी होना
खांसी होना
दस्त होना
भूख न लगना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके बच्चे के पेट में भी कीड़े की समस्या परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर कीड़ों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बच्चों में अतिसार

सामान्य रूप से पतले बिना मरोड़ के मल का बार-बार आना, अतिसार, दस्त या डायरिया रोग कहलाता है। यह बच्चों व जवानों व बुजुर्गों को हो जाने वाला सामान्य रोग है। डायरिया को शिशुओं की मौत की सबसे बड़ी वजह माना जाता है। क्योंकिदस्त बार-बार आने से शरीर में पानी की और खनिज लवण निकलने से शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पता। नतीजा कि कभी-कभी इससे बच्चे की जान तक चली जाती है। अगर आपका बच्चा भी अतिसर की समस्या से जूझ रहा है तो आज ही होम्योपैथिक विधि से उसका उपचार करें।

अतिसार के लक्षण-

बुखार
मलत्याग की आवृत्ति में बढ़ोतरी
भूख मरना
वजन गिरना
मतली और उल्टी
शरीर में पानी की कमी होना
पेट में ऐंठनयुक्त दर्द
मुँह, जीभ और होंठ सूखना
मूत्रत्याग का घट जाना
कमजोरी

आइये जानते है इसके कारण-

वायरस
बैक्टीरिया
परजीवियों
एंटीबायोटिक्स
दस्तावर
भोजन विषाक्तता
भोज्य पदार्थ की एलर्जी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा भी अतिसार की समस्या परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर अतिसार की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

मुंह पकने की समस्या

मुँह के छालों की समस्या को मुखपाक कहा गया है। अधिक तीखा, पेट की खराबी या कब्ज होने पर यह स्थिति देखी जाती है इसमें जलन तथा कुछ भी खाने में बहुत कठिनाई होती है। मुँह में छाले पित्त दोष होने के कारण होता है। होम्योपैथिक उपचार के द्वारा पित्त दोष को संतुलित करके छालों का आना कम किया जाता है। मुँह के छाले छोटे और बड़े दोनों प्रकार के होते हैं। कारण के आधार पर इसे दो प्रकार के होते हैं। अगर आप भी मुंह पकने की समस्या से परेशान है आज ही होम्योपैथिक विधि से उपचार करें।

आइये जानते है इसके कारण-

पेट की खराबी
महिलाओं में हार्मोन्स में बदलाव
तीखा भोजन
ऐस्पिरिन या एल्कोहल
कब्ज रहना
दाँतों को कडक़ ब्रश से साफ करना
चबाते समय गलती से गाल का कट जाना
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी
विटामिन बी की कमी
अत्यधिक तला-भुना भोजन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मुंह पकने की समस्या परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मुंह पकने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

सर्दियों में जुकाम

नाक के रोग में सामान्य जुकाम एक बड़ी समस्या है। हर व्यक्ति को इससे गुजरना पड़ता है। नाक के रोग में जुकाम नाक और गले के संक्रमण की वजह से होता है। हालांकि, इसके पीछे कई अलग-अलग तरह के वायरस जिम्मेदार होते हैं। जुकाम होने पर व्यक्ति असहज महसूस कर सकता है। लेकिन, इससे तत्कालिक रूप से कोई अन्य शारीरिक परेशानी नहीं हो सकती है। हालांकि नाक के रोग में सामान्य जुकाम एक सामान्य स्थिति है। यह छह साल से छोटे बच्चों में जुकाम होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है।

जुकाम के लक्षण-

बार-बार छींक आना
शरीर में हल्का दर्द
सिर दर्द होना
शरीर का तापमान बढऩा
अच्छा महसूस नहीं करना
नाक से पानी आना
नाक बंद होना
गले में खराश होना
कफ आना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी जुकाम की समस्या परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकीहोम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर जुकाम की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

पेट फूलना

पेट में एक अंदरूनी परत होती है, जिसे म्यूकोसा कहते हैं। इसी परत में कई छोटी-छोटी ग्रन्थियां होती हैं, जो भोजन को हजम करने के लिए स्टमक एसिड और पेप्सिन नामक एंजाइम का निर्माण करती हैं। जहां, स्टमक एसिड भोजन को पचाता है, वहीं पेप्सिन प्रोटीन को हजम करता है। जब इसी अंदरूनी परत में सूजन आ जाती है, तो पेट में गैस की समस्या होने लगती है। इस कारण स्टमक ऐसिड और पेप्सिन का उत्पादन कम होने लगता है और पेट खराब हो जाता है, पेट फूलना की समस्या होने लगती है। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

बार-बार गैस बनना
गैस निकलने पर बदबू आना
खट्टी डकारे आना
उल्टी जैसा महसूस होना
भूख कम लगना
लगातार हिचकी आना
पेट में ऐंठन होना
घबराहट
बेचैनी
पेट में दर्द
कब्ज या दस्त
वजन घटना
थकान
तेज सिरदर्द
कभी-कभी बुखार आना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पेट फूलने की समस्या परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पेट फूलने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।