जुखाम की होम्योपैथिक दवा

सर्दी ज़ुखाम नाक, गले, साइनस और ऊपरी वायुमार्ग का वायरल संक्रमण है, जो आपतौर पर गम्भीर नहीं होता। यह बहुत आम है और अधिकांश मामलों में एक या दो सप्ताह के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है। मौसम बदलाव के साथ बीमारियां भी बढऩे लगी है। सुबह शाम की ठंड और दिन की तेज धूप के चलते कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों पर इसका ज्यादा असर हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा सर्दी, बुखार और जुकाम का रहता है। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग हर क्षेत्र में जाकर लोगों की कोरोना जांच करेगा। क्योंकि कोरोना और सर्दी के लक्षण एक जैसे हैं

सर्दी के लक्षण –

गले में खऱाश का होना।
बंद और बहती नाक।
छींक आना।
खांसी होना।
मांसपेशियों में दर्द होना।
स्वाद और गंध ना महसूस होना।
आँखों में हल्की जलन।
कान और चेहरे पर दबाव का अहसास होना।

उपचार-

अगर आप जुखाम से परेशान है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो में डॉक्टर की सलाह पर दवा लेकर आप जुखाम जैसी समस्या से छुटकारा पा सकते है।

चिड़चिड़ापन क्यों होता है?

युवाओं में डिप्रेशन का सबसे आम कारण व्यवहार में बदलाव, ग्रेड्स में गिरावट, सामाजिक तौर पर अलग-थलग होना, चिड़चिड़ा होना या जल्द गुस्सा आना ऐसे संकेत हैं जो कि डिप्रेशन को झलकाते हैं और इनको गंभीरता से लेने की जरूरत है। डिप्रेशन एक ऐसी परिस्थिति है जो उसका व्यवहार भी लगातार उसके हताश होने को दर्शाता ही है। उसकी सामाजिक गतिविधियों और जिंदगी के अन्य हिस्सों में भी हताशा स्पष्ट दिखने लगती है। अगर आप ऐसे किसी भी चरण का सामना कर रहे हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। 20 प्रतिशत युवा अपनी जिंदगी में कभी ना कभी डिप्रेशन का शिकार होते ही हैं। ऐसे में आप सिर्फ अकेले नहीं है जोकि जिंदगी में निराशा महसूस कर रहे हैं।

आइये जानते है चिड़चिड़पन के लक्षण-

नींद नहीं आना।
गुस्सा ज्यादा आना।
शिजी फ्रेनिया।
मानसिक अवसाद।
आत्महत्या का विचार।
माइग्रेन।

ऐसे बचे चिड़चिड़ेपन से-

चिड़चिड़ापन होने पर इससे बचाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। अगर कोई बोर हो रहा है, इसलिए उसे टीवी या मोबाइल न दें। बल्कि उसे किसी हॉबी में शामिल करें जो भी उसे पसंद हो, जैसे- कलरिंग, खेलना, स्विमिंग आदि। अपने बच्चे को हम उम्र बच्चों के साथ खेलने और दोस्त बनाने के लिए प्रेरित करें। इससे उनकी सोशल स्किल्स विकसित होगी। ऐसा करने से बच्चों में चिड़चिड़ापन की समस्या नहीं होगी और वह खुश रहने के साथ.साथ उसका
शारीरिक विकास भी बेहतर होगा।

क्या आप पथरी से परेशान है?

कई बार गलत खान-पान की आदत किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है। जिसके कारण पथरी से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी भी हो सकती है और अन्य जगह भी, कभी न भुलाए जाने वाला दर्द दे सकता है और इसके होने पर सर्जरी या चीरे के बाद ही इसे ऑपरेशन के दौरान निकाला जाता है। लेकिन अगर आप ऑपरेशन से डऱते हैं तो आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर सकते है। आइये सबसे पहले जानते है इसके कारण और लक्षण।

आइये जानते है पथरी के कारण

थायराइड का होना।
वजन का अधिक होना।
बाइपास सर्जरी का कराना।
डिहाइड्रेशन का होना।
कम पानी पीने की आदत
विटामिन सी या कैल्शियम वाली दवा का अधिक सेवन।

पेट में पथरी के लक्षण-

वंशानुगत पथरी।
बार-बार पेशाब में संक्रमण होना।
पेशाब मार्ग में अवरोध होना।
लम्बे समय तक शैयाग्रस्त रहना
हाइपर पैराथायराइडिज्म की तकलीफ होना

उपचार-

अगर आप भी पथरी की समस्या से परेशान है तो होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक से परामर्श के बाद पथरी का उपचार करा सकते है। अगर आपकों होम्योपैथिक विधि को लेकर कोई परेशानी होती है तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक में संपर्क कर सकते है।

क्या आपका वजन बढ़ रहा है?

गलत खानपान और लाइफस्टाइल के चलते वजन का बढऩा एक सामान्य बात है। हालांकि लोग वजन घटाने के लिए कई तरीके अपनाते हैं लेकिन फिर भी कुछ खास फायदा नहीं होता। कई ऐसे बहुत से कारण होते हैं, जो कहीं न कहीं वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं । मोटे लोगों में सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में इस हालत को प्राप्त करने की संभावना तीन से सात गुना अधिक होती है लेकिन छह माह के दौरान वजन में पांच से 10 प्रतिशत तक की कमी से मधुमेह व मोटापे से संबंधित अन्य बीमारियों की शुरुआत में देरी की जा सकती है।

आइये जानते है वजन बढऩे से क्या समस्या हो सकती है-

कमजोर इम्युनिटी सिस्टम
कमजोर मांसपेशियां
हृदय की समस्याएं
विकास में अस्थिरता
कुपोषण
ऊर्जा की कमी
बुखार आना

वजन बढऩे के कारण-

पूरी नींद न लेने के कारण।
अत्यधिक तनाव लेना।
गलत जीवनशैली।
बहुत ज्यादा कैलोरी वाले चीजों का सेवन करना।
अधिक खाना खाने से।
थायराइड होने पर ।
हार्मोन्स में असंतुलन ।
दवाइयों का दोष प्रभाव।
ज्यादा उम्र के चलते।
शरीरिक मेहनत बिल्कुल न करना।

उपचार-

अगर आप वजन बढऩे की समस्या से परेशान है तो घबराये नहीं। आप होम्योपैथिक विधि से वजन बढऩे की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक की सलाह पर अपना उपचार करें।

नाक से खून निकलना

नाक से खून निकलना वयस्कों में कॉमन होता है। गर्मी में नाक से खून आना आम बात है। नाक से खून आने की समस्‍या को नकसीर कहते हैं और ग‍र्मियों के मौसम में ये दिक्‍कत अधिक होती है। नकसीर का उपचार आप होम्योपैथिक विधि से कर सकते हैं। बहुत ज्‍यादा छींक आने या नाक को रगडऩे, चोट लगने, एलर्जी, साइनोसाइटिस या संक्रमण जैसे कि स्‍कारलेट फीवर, मलेरिया या टायफाइड जैसी स्थितियों के कारण नाक से खून आ सकता है। लेकिन सबसे पहले जानते है नाक से खून निकलने के कारण और समस्या।

नाक से खून निकलने के कारण-

कोई वस्तु नाक में अटकने पर।
बार-बार छींक आने से
नाक को ऊपर उठाने से
ठंडी हवा के कारण
केमिकल इरीटेंट कारण।
एलर्जी के कारण
नाक पर चोट लगने से

आइये जानते है इसके लक्षण-

नाक से खून निकलना।
कभी.कभी कान और मुंह से भी खून निकलना।

उपचार

अगर आपके नाक से खून निकलता है तो सबसे पहले आप धूम्रपान छोड़ दें। इसके अलावा छींकते समय अपना मुंह खुला रखें। शराब और कोकीन का सेवन न करें। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक की सलाह पर उपचार करें।

शीघ्रपतन की समस्या का होम्योपैथिक उपचार

हेल्दी सेक्स रिलेशनशिप के लिए जरूरी है कि दोनों ही पार्टनर संतुष्ट हों, लेकिन शीघ्र पतन या अर्ली इजेकुलेशन की समस्या के चलते महिला को यौन संतुष्टि नहीं मिल पाती। ऐसे में वीर्य स्खलित होने के बाद पुरुष को तो आनंद की अनुभूति होती है मगर महिला शीघ्रपतन के चलते क्लाइमेक्स तक नहीं पहुंच पाती, इससे वह तनाव का शिकार हो जाती है। आइये जानते है सबसे पहले इसके क्या कारण है।

आइये जानते है शीघ्रपतन के कारण-

मस्तिष्क का असामान्य स्तर।
ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन, प्रोलैक्टिन,और थायराइड हार्मोन विकारों के असामान्य हार्मोनल स्तर
प्रोस्टेट या मूत्रमार्ग की सूजन।
संक्रमण जैसे कि क्रोनिक प्रोस्टेटाइटिस।
लिंग में उत्तेजना।
न्यूरोलॉजिकल रोग।
कोकीन और डोपामिनर्जिक दवाओं के सेवन से।

शीघ्र पतन के लक्षण-

स्खलन कम यौन उत्तेजना ।
स्खलन पर खराब नियंत्रण।
शर्मिंदगी या हताशा।
डिप्रेशन।
घबराहट।
तनाव या तनाव।

उपचार-

शीघ्रपतन या शीघ्र स्खलन एक सामान्य और सामान्य प्रकार की यौन शिकायत है जो विभिन्न कारणों से विभिन्न आयु वर्ग के पुरुषों को प्रभावित करती है। अगर आप इस समस्या से परेशान है तो होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक की सलाह पर अपना उपचार करें।

कैसे करें खर्राटो का होम्योपैथिक उपचार

कोई आपके के बगल में सोकर आपकी नींद हराम कर रहा है। तो खर्राटे लेने वाले को सावधान हो जाना चाहिए। कई बार लोग इसे आम बात समझ कर नजरअंदाज कर देते है। लेकिन ये दिल के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस समस्या के दौरान सांस नली संकीर्ण हो जाती है। एयरफ्लो के संकुचित हो जाने के कारण कंपन के साथ ध्वनि पैदा होती है। इसे ही खर्राटे कहते हैं। अगर आपकों भी खर्राटे लेने की आदत है तो सबसे पहले जानिये इसके कारण और लक्षण-

आइये जानते है इसके कारण-

शराब का अधिक मात्रा में सेवन ।
नाक संबंधी समस्या होना।
पर्याप्त मात्रा में नींद न ले पाना।
गलत तरीके से सोने के कारण।
अधिक वजन का होना।

खर्राटे के लक्षण-

नाक, मुंह या गले में हवा कितनी प्रतिबंधित है।
सर्दी में नाक का जाम होना।
गले की सूजन के कारण।
कभी बढ़ी हुई मुंह की कोशिकाएं।
गले में टॉन्सिल के कारण।

आइये जानते है इसके उपाय-

खर्राटे लेना स्लीप एपनिया का भी लक्षण हो सकता हैण् यह तब होता है जब आपकी सांस का चलना काफी धीमा हो जाता है या आपके सोते समय एक बार में 10 सेकंड से अधिक समय तक सांस रूकती है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार करा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये लिंक पर क्लिक कर वीडियो देख सकते है।

क्या आप लीवर की बीमारी से परेशान है?

लीवर शरीर की सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी ग्रंथी है। जो शरीर की बहुत सी क्रियाओं को नियंत्रित करता है। लिवर खराब होने पर शरीर की कार्य करने की क्षमता न के बराबर हो जाती है और व्यक्ति को लिवर की खराबी का पता तब चलता है, जबकि वह 90 फीसद खराब हो जाता है। लिवर की खराब के कारण हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, ईए, होता है और कई बार तो स्थिति यह हो जाती है कि व्यक्ति की मौत तक हो जाती है। अगर आप भी लीवर की बीमारी से परेशान है तो घबराये नहीं। इसका बेहतर उपचार करा सकते है। आइये सबसे पहले जाने है इसके लक्षण और कारण-

लीवर खराबी के कारण-

अधिक तेल मसाले वाला भोजन करने पर।
ज्यादा शराब पीने।
बाहर का खाना अधिक खाने कारण।

लीवर खराबी के लक्षण-

मुंह बदबू आना।
आंखों के नीचे काले धब्बे पडऩा।
पेट में हमेशा दर्द रहना।
भोजन का सही ढंग से न पचना।
त्वचा पर सफेद धब्बे पडऩा।
पेशाब या मल गहरे रंग का होना।

कैसे करें उपचार-

लीवर खराब होने से पीलिया, फैटी लिवर, हेपेटाइटिस, शराब से लिवर को होने वाली बीमारियां और लिवर कैंसर जैसे समस्या होती है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये ये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना उपचार कराये।

क्या आप एग्जाम्स फोबिया के शिकार तो नहीं

बच्चों के एग्जाम्स शुरू होते ही टेंशन शुरू हो जाती है। इस दौरान उन पर स्टडी प्रेशर बहुत बढ़ जाता है। ऐसे में कुछ बच्चे एग्जाम्स फोबिया का शिकार हो जाते हैं। एग्जाम फोबिया एक ऐसी मानसिक दशा है कि जिसमें एग्जाम के डर और घबराहट की वजह से स्टूडेंट्स का उर्जा स्तर गिरने लगता है और मानसिक और शारीरिक तनाव के साथ-साथ मेमरी भी कम होने लगती है। स्टूडेंट्स को आसान से सब्जेक्ट भी कठिन लगने लगते हैं। उसके लिए बार-बार याद करने पर भी चीजों को याद करना कठिन हो जाता है।

नकारात्मक विचारों का आना-

बच्चे के आसपास नकारात्मक विचारों के व्यक्ति को न आने दें। ऐसे व्यक्तियों का दृष्टिकोण काफी निराशावादी होता है और वे हमेशा नकारात्मक सुझाव देते हैं। ऐसे लोगों का संपर्क आपके बच्चे के आत्मविश्वास को कम कर सकता है। टाइम टेबल बनाएं, तो बीच-बीच में ब्रेक लेने के लिए टाइम निर्धारित करें। आप ब्रेक्स में डिनर, लंच और ब्रेकफास्ट को भी शामिल कर सकते हैं। 3-4 घंटे के अंतराल पर थोड़ी देर संगीत सुनना भी ब्रेक लेने का अच्छा तरीका है। पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेने से उत्साह वापस आ जाता है।

उपचार-

अगर आप फोबिया की बीमारी से परेशान है तो मानसिक तनाव को दूर करने के लिए कम से कम छह से आठ घंटे की गहरी नींद बच्चों को दें। पर्याप्त नींद लेने से मानसिक और शारीरिक थकान को दूर करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा आप डॉक्टर की सलाह पर होम्योपैथिक विधि से उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह के बाद उपचार करें।

पेशाब में रूकावट की समस्या

अक्सर पेशाब में संक्रमण होना या मूत्र विसर्जन के दौरान दाह होना जैसी समस्याएं सामने आती है। खान-पान में गड़बड़ी और जीवनचर्या में अचानक आए बदलाव की कारण ऐसी समस्याएं आती है। हालांकि 50 वर्ष की उम्र पार करते ही महिलाओं व पुरुषों में बार-बार लघुशंका की शिकायतें शुरू हो जाती है, इसके अलावा पेशाब में संक्रमण की समस्याएं भी देखने आती हैं। समय पर सटीक इलाज और सावधानी के अभाव में यह बीमारी लगातार बढ़ती जाती है। इसका कारण पेशाब में इंफेक्शन होना ही होता है। आइये जानते है पेशाब के रूकने का कारण-

पेशाब के रूकने का कारण-

यूरिन इंफेक्शन।
ब्लैडर में इंफेक्शन।
ब्लैडर या गुर्दे में पथरी।
गुर्दे में खराबी।
लंबे समय से नशा करने में।

उपचार-

पेशाब अटकने का इलाज करने के लिए पहले अवरोध के कारण का पता लगाना ज़रूरी होता है। आमतौर पर नली लगाना मुश्किल नहीं होता है लेकिन पूरस्थ ग्रंथी की सूजन हो तब नली डालना मुश्किल होता है। आप होम्योपैथिक विधि से पेशाब रूकने की समस्या से निजात पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह के बाद उपचार करें।