Cholera’s Homeopathic Treatment in Hindi

Cholera’s Homeopathic Treatment in Hindi : Cholera’s Homeopathic Treatment detailed cure in Hindi available here. होम्योपैथी द्वारा हैजा का उपचार कैसे करें – जानें होम्योपैथी द्वारा हैजा का उपचार कैसे किया जाता है।

Cholera’s Homeopathic Treatment (Hindi)

हैजा, आंतों में इंफेक्शन होने वाली गंभीर बिमारी है। यह विब्रिओ कॉलेरी नामक बैक्टीरिया से फैलता है। आमतौर पर इस बिमारी की शुरुआत उल्टी या दस्त से होती है, लेकिन सही समय पर अगर इसका इलाज नहीं किया जाए तो जानलेवा भी हो सकता है।

अक्सर लोग शुरुआत में हैजा के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं जिसकी वजह यह समस्या गंभीर हो जाती है। हैजा के शुरुआती अवस्था में उल्टी व दस्त की समस्या होती है। अगर आपको एक-दो बार से ज्यादा ऐसी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपंर्क करना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए इसके लक्षणों, कारण और उपचार के बारें में जानें।

संक्रमित आहार या पानी पीने से हैजा के बैक्टेरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलती है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बीमार होने का कोई खतरा नहीं होता। हैजा का इंफेक्शन होने पर 3 से 6 घंटे में रोगी को बार-बार उल्टियां व दस्त लगने लगते हैं। कोई इलाज ना लेने पर धीरे-धीरे यह समस्या घातक रूप ले लेती है और रोगी का ब्लड प्रेशर कम होन लगता है।

लक्षण

  • हैजे के बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर अपनी संख्या बढ़ाते रहते हैं और जब पर्याप्त संख्या में हो जाते हैं तो वहां विष पैदा करते हैं, यह विष रक्त द्वारा शरीर के अन्य भागों में जाता है और रोग बढ़ता है।
  • इस रोग में उलटियां व दस्त होते हैं।
  • जी मिचलाता है व उलटी होने जैसा प्रतीत होता है।
  • उलटी में पानी बहुत अधिक होता है, यह उलटी सफेद रंग की होती है। कुछ भी खाया नहीं कि उलटी में निकल जाता है।
  • उलटी के साथ ही पतले दस्त लग जाते हैं और ये होते ही रहते हैं, शरीर का सारा पानी इन दस्तों में निकल जाता है।
  • रोगी निढाल, थका-थका सा कमजोर व शक्तिहीन हो जाता है।
  • इस रोग में प्यास ज्यादा लगती है, पल्स मंद पड़ जाती है, यूरिन कम आता है व बेहोशी तारी होने लगती है।
  • रोगी के हाथ-पैर ठंडे पड़ जाते हैं।
  • सांस टूटने लगती है.यूरीन में समस्या होती है और पीले रंग का होता है।
  • रोगी की नाडी तेज चलने लगती है और कमजोर रहती है।
  • हैजा में ज्यादा बुखार नहीं होता, जैसा कि दूसरे इन्फेक्शन में होता है ।हैजा में रोगी की हृदय गति बढ़ जाती है।

जानते है हैजा के लिए होम्योपैथिक उपचार

Veratrum Album 30ch की २ बुँदे दिन में ३ बार लें , २ बुँदे सवेरे, २ बुँदे दिन में, २ बुँदे शाम को
Cholerasol १-२ बुँदे, आधे कप पानी में मिला कर यदि ५ साल से छोटा बच्चा हैं तो , और ५ साल से बड़ो को ५ बुँदे आधे कप पानी में मिला कर दें
Bio-combination 9 की ४ गोली दिन में ३ बार लें, ४ गोली सवेरे, ४ गोली दिन में, ४ गोली शाम को
इन दवाओं के सेवन से हैजा की समस्या पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी।

 

जानें चर्म रोग का उपचार होम्योपैथी द्वारा।