Fever Treatment

बुखार

जब शरीर का ताप बढ़ने को बुखार कहते हैं। शरीर के किसी भी अंश में जलन होने या किसी तरह का जहर खून के साथ मिल जाने पर बुखार हो जाता है ।
बुखार ३ तरह का बताया गया हैं :
जो बुखार एक बार ठीक होकर दुबारा से आ जाता है तो उसे सविराम ज्वर या विषम ज्वर कहते हैं।
जो ज्वर हमेशा बना रहता है और ठीक नहीं होता है उसे अविराम ज्वर कहते हैं।
जो बुखार घटते-घटते फिर से बढ़ जाता है, उसे स्वल्प-विराम ज्वर कहते हैं।

बुखार आने से हमे पता चलता हैं की हमारे शरीर के अंदर किसी प्रकार का संक्रमण हो गया है। शरीर का सामान्य तापक्रम 98.6 फारेनहाइट या 36 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। शरीर का तापमान मुंह में या बगल में थर्मामीटर लगाकर नापा जा सकता है, लेकिन इन दोनों स्थानों के तापमान में लगभग एक डिग्री फारेनाहाइट का अंतर होता है।

कारण :-

बहुत ज्यादा परिश्रम करना, मासिकधर्म तथा डिम्ब क्षरण के समय, उच्चतापमान के वातावरण से, बैक्टीरिया, वायरस या फंगस का संक्रमण शरीर के किसी भाग में हो जाना आदि कारणों से बुखार होता है। बुखार कई प्रकार के रोगों के कारण भी होता है जैसे- कैंसर, आमवात, हारमोन में वृद्धि होना, थायराइड रोग, लू, चोटलगना आदि।

बुखार होने के लक्षण :-

बुखार होने का मुख्य लक्षण शरीर का ताप बढ़ना है परन्तु कई और लक्षण है, जिनसे आप बुखार का पता लगा सकते है :

मांसपेशियों में दर्द होना।
शरीर में कमजोरी महसूस होना।
सिर में दर्द होना।
कमर में दर्द होना।
सर्दी लगना
बेहोशीपन महसूस होना या कभी-कभी बेहोश हो जाना।
प्रलाप (बेहोशी में बुदबुदाना)।
त्वचा पर कई प्रकार की फुंसियां निकलना।
शरीर से पसीना आना।

बुखार के लिए होम्योपैथिक दवाइयां :
बुखार होने पर मरीज को होमियोपैथी की कुछ दवाये दे कर मरीज को ठीक किया जा सकता है। तो चलिए जानते है बुखार के लिए होम्योपैथिक दवाइयां :

Antipyrinum 30ch 2 बुँदे दिन में , तीन से छः बार,
अगले दिन से Acetanilidum की 2 बुँदे दिन में , तीन से छः बार,
Bio-Combination 11, 4 गोली दिन में , तीन बार (4 गोली सवेरे , 4 गोली दिन में, 4 गोली रात को )
बुखार से पीड़ित रोगी को शारीरिक और मानसिक श्रम से बचना चाहिए।
शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। रोगी को कार्बोनिक पेय, ठण्डे रस व फल जैसे ककड़ी, खीरे और केले का सेवन नहीं करना चाहिए।बुखार को कम करने के लिए माथे पर ठण्डी पटि्टयां लगानी चाहिए।अधिक बुखार होने पर पूरे शरीर को गीले कपड़े में लपेटने से लाभ मिलता है।बुखार से पीड़ित रोगी को हल्का और पौष्टिक भोजन करना चाहिए जिसमें सब्जियों का रस और सूप को जरूर शामिल करें ।