दमा की बीमारी से पाये निजात

कई लोगों में दमा रोग या अस्थमा के लक्षण अक्सर तीव्र खाँसी, घरघराहट और रोगी को सांस लेने में तकलीफ के साथ शुरू होते हैं। दमा के रोगी को नियमित रूप से अस्थमा के इलाज का पालन करने की आवश्यकता होती है। अस्थमा के उपचार में दवा, इनहेलर या अस्थमा पंप और पल्मनरी रीहैब / फुफ्फुसीय पुनर्वास (पीआर) शामिल हैं। आप दमा रोग से परेशान है तो आप इसका होम्योपैथिक विधो से उपचार कर सकते है। आइए जानते है दमा रोग के कारण और लक्षणों के बारे में साथ ही इस बीमारी का उपचार कैसे किया जाय।
दमा रोग के लक्षण

दमा रोग में साँस चढ़ना / साँस फूलना जैसी समस्या।
सीने में जकड़न या दर्द की शिकायत।
सांस की तकलीफ।
खांसी या घरघराहट के कारण नींद में परेशानी होना।
सांस छोड़ते समय सीटी बजना या घरघराहट की आवाज आना (छाती में घरघराहट होना।
सर्दी या फ्लू जैसे वायरस द्वारा बढ़ जाते हैं।

आईये जानते है इसके कारण

धूम्रपान करना- दमा फेफड़े की बीमारी है, इसी कारण जिन लोगों को स्मोकिंग करने का शौक है, उन्हें दमा की बीमारी हो सकती है।
मोटापा होना- मोटापा कई सारी बीमारियों का कारण बन सकता है।
एलर्जी -दमा की शुरूआत एलर्जी के साथ होती है।
स्ट्रेस लेना- आज के समय में कई सारी बीमारियां फैल रही हैं। इनमें दमा भी शामिल है।
प्रदूषण होना- दमा की बीमारी के होने की संभावना उस स्थिति में काफी बढ़ जाती है।

दमा का उपचार
दमा को कंट्रोल करना काफी लंबी लड़ाई है, जिसे दमा के मरीज को लड़ना पड़ता है। लेकिन, डॉक्टर की मदद से इस काम को आसानी से किया जा सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से इस बीमारी से छुटकारा पा सकते है । अधिक जानकारी कब लिए आप ऊपर दिये गए वीडियो को देखें।