गुर्दे की समस्या : किडनी डायलिसिस

किडनी हमारे शरीर से विषेले प्रदार्थों को फ़िल्टर करता है. इस कारण किडनी हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है. परन्तु बीते कुछ सालों में लगातार देखा जा रहा है की किडनी के साल दर साल बड़ते जा रहे है. जिसमे से कई बिमारियों के कारण किडनी फेल हो जाती है.
गुर्दा या किडनी जब विषाक्त प्रदार्थों को शरीर से निकालने में असमर्थ होती ही तो किडनी डायलेसिस द्वारा रक्त से विषेले प्रदार्थ को निकाला जाता है.

किडनी डायलेसिस के कारण

अक्सर जब किडनी पूरी तरह से ख़राब हो जाती है तो डायलिसिस की आवश्कता पड़ती है.
साथ ही यदि शरीर में तरल प्रदार्थ खतरनाक स्तर में पहुच जाये तो भी किडनी डायलिसिस की जरूरत होती है.

किडनी खराब होने के बाद मरीज के पास या तो किडनी ट्रांसप्लांट या डायलिसिस का विकल्प बचता है। इसके साथ ही किडनी ट्रांसप्लांट, अंतिम चरण के किडनी फेलियर वाले अधिकांश मरीजों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, खासतौर पर युवा मरीजों के लिए। यदि मरीज की उम्र ज्यादा न हो, गंभीर हृदय रोग न हो, मानसिक बीमारी न हो या अन्य कोई गंभीर बीमारी न हो तो अधिकांश मरीज अंतिम चरण के किडनी फेलियर में ट्रांसप्लांट करा सकते हैं।

इस लेख में दिए गये विडियो में आप जानेगे डॉ नवीन चन्द्र पाण्डेय जी द्वारा होमियोपैथी में किडनी डायलिसिस और किडनी की अन्य समस्याओं के लिए होम्योपैथिक दवाए