राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस १ जुलाई

1 जुलाई हर वर्ष डॉक्टर डे के रूप में मनाया जाता है. डॉ विधान चन्द्र रॉय के सम्मान और श्रधांजलि देने के लिए डॉ रॉय १ जुलाई को ये दिन ( डॉक्टर्स डे ) मनाया जाता है. इनका जन्म १ जुलाई १८८२ को पटना जिले में और म्रत्यु १ जुलाई १९६२ को हुई.
डॉक्टर को हम भगवान का दर्जा देते है. क्योंकी एक डॉक्टर ही है जो किसी मरीज को एक नया जीवन दान देता है. यही कारण है की डॉक्टर को जीवन दाता कहा जाता है.
साल २०२० में चिकित्सक होने का महत्त्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकी कोरोना वायरस जैसी महामारी के काल में डॉक्टर ही है जो फ्रंट लाइन योद्धा के रूप में उभर के आये है.

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डॉ बिधान चन्द्र रॉय

बिधान चन्द्र रॉय का जन्म १९८२ में पटना में हुआ. वे एक महान चिकित्सक और एक स्वंत्रता सेनानी भी थे.
लंदन के प्रतिष्ठित सेंट बार्थोलोम्यू अस्पताल से डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने कई दिक्कतों का सामना किया.
एक साथ फिजिशन और सर्जन की रॉयल कॉलेज की सदस्यता पाई जो की कोई आसान काम नही था.
डॉ रॉय ऐसे डॉक्टर थे जो मरीज का चेहरा देख कर ही रोगों का निदान और उपचार कर देते थे. अपने कार्यकाल के दौरान डॉ रॉय ने कई सारी उपाधि और पुरस्कार हासिल किए. जिस प्रकार उनको रोग की नाडी की जानकारी थी उसी प्रकार देश की नाडी की भी जानकरी रखते थे. यही कारण था की वे बंगाल के दुसरे मुख्यमंत्री भी रहे.

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१९६१ में डॉ बिधान चन्द्र रॉय को भारत रत्न से भी नवाजा गया.

चिकित्सक दिवस की शुरुवात

इस दिन की शुरुवात १९९१ में केंद्र सरकार द्वारा की गयी थी. हर साल भारत के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दुसरे मुख्यमंत्री को सम्मान और श्रधांजलि देने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है.
हर वर्ष राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है परन्तु इस वर्ष २०२० में अभी तक इस दिन की थीम धोषित नही की गयी है.