जोड़ों का दर्द होम्योपैथिक उपचार हिंदी
सामान्य भाषा में ओस्टियोआर्थराइटिस को संधिवात या घुटने का दर्द कहते हैं. इसी को जोड़ों का दर्द भी कह सकते हैं। इस रोग का सामान्य रूप से ४५-५० वर्ष से अधिक उम्र के लोगो में पाया जाना एक आम बात सी हो गयी है।
इसे गठिया रोग भी कह सकते है. ये रोग पुरुषो की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होता है. साथ ही पतले लोगों के उपेक्षा मोटे लोगों में अधिक होता है. इतना ही नही मानसून में ये रोग काफी हद तक बढ़ जाता है.
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इस रोग का मुख्य कारण हमारे जोड़ों की हड्डी के उपर Cartilags (गद्दियाँ) लगी रहती है, किसी कारणवश जब यह गद्दियाँ समाप्त हो जातीं हैं, तो हड्डियाँ एक दुसरे से टकराने लगती हैं, जिस कारण हमारे जोड़ों में तेज दर्द व सुजन आने लगती है। इस स्तिथि को ही आर्थाराइटिस कहा जाता है। इस रोग के अन्य कारण यह भी हो सकते हैं,
अ ) आयु ,
ब) मोटापा,
स) चोट(injury) आदि।
इसके अलावा और भी कारण हो सकते हैं। खैर कारण कोई भी हो ये रोग रोगी की परेशानियों को बड़ा देता है। इस रोग के लक्षण –
१ – तेज दर्द कभी भी हो जाता है
२- सुजन व जकडन
३- कई बार जोड़ो से आवाजें आने लगती हैं
४- कई केसेज में देखा गया है कि रोगी को सही इलाज या इलाज सही वक़्त में ना मिले तो रोगी के जोड़ टेड़े मेड़ें आकार के हो जाते हैं।
जोड़ों के दर्द पर होम्योपैथिक दवाए –
सबसे पहले एक सप्ताह तक Osteo, Arth. Nosade30 की दो बूंदें ३ बार दें, उसके बाद SBL कंपनी का Homeocal tab के २-२ गोली ३ बार इसके साथ Calc Phos 6x की 4 गोली सुबह , दोपहर , शाम और Adveen कंपनी का OsteodinZ दवा की दोनों बोतलों को एक साथ मिला कर 10 -15 बूदें दिन में 3 से 4 बार आधे कप पानी में मिला कर लें, आपको लाभ मिलेगा।
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साथ है कुछ बातों का ध्यान रखे. जैसे अपने वजन को काबु में रखे. ज्यादा वजन होने के कारण जोड़ों में दवाब पड़ता है और दर्द बढ़ जाता है. साथ ही जोड़ो की मालिश करें इससे भी आपको फायदा मिलता है. खाने में सधा नमक का प्रयोग करें, इसमें मैग्नीशियम सलफेट होता है जो जोड़ों के दर्द में कारीगर होता है.
ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें.