PCOD(Polycystic Ovarian Disease) homeopathic treatment |

आजकल हर दस महिला या युवतियों में से एक को PCOD पॉलीसायस्टिकओवरी सिंड्रोम/पॉलीसायस्टिकओवरी डिजीज होता हैं। भागदौर भरी जिंदगी , इतनी व्यस्त व तनावपूर्ण लाइफस्टाइल के चलते अक्सर युवतियाँ या महिलायं अपनी सेहत का सही तरह से ध्यान नही रख पाती हैं , जिस कारण कई समस्यायें होती हैं कई पर तो ध्यान भी नही दिया जाता हैं , शुरुआत में तो यह सामान्य सी दिखाई देती हैं परन्तु यदि समय पर उपचार नही कराया गया तो आगे चलकर यह एक गंभीर समस्या बन जाती हैं , यह महिलाओं के हार्मोनल गड़बड़ी के करण पायी जाती हैं। इसमें महिलाओ के शरीर में मेल हारमोंस (androgen) का स्तर बढ़ जाता हैं , और साथ में ओवरीज में एक से ज्यादा सिस्ट हो जाते हैं ।

लक्षण : अगर लक्षणों (symptoms) की बात करें तो कई बार पता ही नही चल पता की ये समस्या हो रही हैं, पर जो लक्षण नजर आते हैं उनमे से कुछ जसे :- वजन बढ़ना , अनियमित पीरियड्स (कभी कम , कभी ज्यादा , कभी महीनो तक न होना ), शरीर व चेहरों पर बालों का बढ़ना , तैलीय त्वचा होना , चेहरे पे मुहासे होना , बालों का झड़ना , ओवरी पर सिस्ट होना, ब्लड प्रेशर का बढ़ना आदि लक्षण हो सकते हैं ।

यदि आपको इसे कुछ लक्षण नजर आये तो आप अपना टेस्ट कराएँ व निम्मं होम्योपैथिक दवाये खाए

दवाये : सबसे पहले आप Pulsatilla की 5 बुँदे सवेरे खली पेट लें, इसके साथ Janosia Ashoka Q की आधे कप पानी में 1o बुँदे , 3 बार (सवेरे , दिन में , शाम को ) लें । इसके साथ आप Ova tosta 3x की 2 गोली , 3 बार ( सवेरे , दिन में , शाम को) और B.C – 15 की 4 गोली सवेरे, दिन में और शाम को लें।

Pulsatilla: 5 बुँदे सवेरे
Janosia Ashoka Q: 10 बुँदे, 3 बार
Ova tosta: 2 गोली, 3 बार
B.C – 15: ४ गोली 3 बार