Polycystic Ovarian Disease

जानें पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और होम्योपैथिक उपचार

आजकल महिलाओं में पीसीओएस यानी पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्‍या बहुत तेजी से फैल रही है। पीसीओएस ओवरी में होने वाला एक प्रकार का सिस्‍ट है। शरीर में हार्मोन असंतुलन से पीरियड्स अनियमित होने से ओवरी में छोटे-छोटे सिस्‍ट बन जाते हैं। कुछ सालों पहले यह समस्या 30 से 35 साल के ऊपर की महिलाओ में ही आम होती थी परन्तु आजकल छोटी उम्र की लड़कियां भी इसका शिकर हो रही हैं। यह बीमारी आमतौर पर असंतुलित आहार, शारीरिक व्‍यायाम और पौष्टिकता की कमी, तनाव और कुछ खराब आदतों जैसे स्‍मोकिंग या शराब पीने के कारण होती है।

ओवरी में सिस्‍ट से लड़कियों की प्रजनन क्षमता पर विपरीत असर पड़ने लगता है। इसके अलावा वजन बढ़ना, शरीर पर अधिक बाल, चेहरे और पीठ पर मुंहासे, सिर के बालों का पतला होना, पेटदर्द आदि समस्‍या सामने आने लगती है। हालांकि पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की बीमारी कभी भी जड़ से खत्‍म नहीं हो सकती। इसे हमेशा कंट्रोल कर के रखना पड़ता है। पीसीओएस को कंट्रोल करने के कई इलाज मौजूद हैं, जिनमें से होम्योपैथिक चिकित्सा से पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को काफी हद तक सही किआ जा सकता हैं और आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। यह हार्मोनल असंतुलन को ठीक कर मासिक चक्र को नियमित करने में मदद करता है। इस समस्‍या से शरीर में तेजी से होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण उभरने वाले लक्षणों को होम्‍योपैथी के इलाज की मदद से प्रभावशाली रूप से कंट्रोल किया जा सकता है। होम्‍यापैथी इलाज से शरीर के हार्मोन हमेशा कंट्रोल में रहते हैं। केवल होम्‍योपैथी दवाओं से पीसीओएस का पूरा इलाज करना संभव नहीं है। इसके लिये तनाव और वजन को नियंत्रित करना, सही दिनचर्या और समय पर दवाई लेना भी जरुरी होता है।

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कई कारण हैं, चलिए जानते है कुछ सामन्य कारण
शरीर में बढ़ती सूजन के कारण
अनुवांशिकता है एक मुख्य कारण
इंसुलिन प्रतिरोधिता
डायबिटीज व पीरियड में भी अनियमितता है तो ऐसे महिलाओं में भी पीसीओएस होने की संभावना बढ़ जाती है।

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कुछ मुख्य लक्षणों के बारे में
चहरे पे अनचाहे बालों का बढ़ना
अनियमित माहवारी
महिलाओं में यौन इच्छा में अचानक कमी आ जाना
शरीर में सूजन व वजन बढ़ना
अधिक रक्तस्रव
गर्भधारण में मुश्किल होना
मुहांसे
बढ़ता वजन
डिप्रेशन
जैसे कई अन्य लक्षण पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में देखने को मिलते हैं

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लिए होम्योपैथिक उपचार

होमियोपैथी में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लिए काफी बेहतर दवाएं उपलब्ध है, जो पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम काफी हद तक कण्ट्रोल कर सही करते है, जानते हैं पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लिए होम्योपैथिक दवाएं :

सबसे पहले आप Pulsatilla की 5 बुँदे सवेरे खली पेट लें, इसके साथ Janosia Ashoka Q की आधे कप पानी में 1o बुँदे , 3 बार (सवेरे , दिन में , शाम को ) लें । इसके साथ आप Ova tosta 3x की 2 गोली , 3 बार ( सवेरे , दिन में , शाम को) और B.C – 15 की 4 गोली सवेरे, दिन में और शाम को लें।

इन दवाओं को लेने के साथ साथ पोषण और फाइबर युक्त आहार लें और मानसिक तनाव से दूर रहें।