Stomach Cramps
पेट की मरोड़
पेट का मरोड़ वैसे तो सामान्य परेशानी है। पेट के ऊपरी या निचले हिस्से में दर्द की भावना को पेट में दर्द कहा जाता है। पेट का दर्द के कई कारण हो सकते है, किसी गंभीर बीमारी के कारण, आंतो के विकार कारण, गुर्दे की परेशानी कारणों से पेट दर्द की समस्या पैदा होती है।
पेट में दर्द के मुख्य 3 प्रकार होते है : सामान्य पेट दर्द, स्थानीय दर्द, और ऐंठन
पेट दर्द के कारण
गैस्ट्राइटिस, लीवर में खराबी, आमाशय में छेद होने के कारण पेट का दर्द पैदा होता है। पित्त की थैली में पथरी होने पर आमतौर पर पेट के दाएं तरफ दर्द होता है।
अकसर पैन्क्रियाज की खराबी के कारण पेट के बीच में दर्द होता है। महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे गर्भाशय में किसी तरह की खराबी, फाइब्रायड, एंड्रीयोमेट्रीयोसिस, माहवारी या कोई अन्य बीमारी ।
पेट के एक तरफ दर्द का कारण गुर्दे में पथरी या गुर्दे की अन्य कोई बीमारी हो सकती है। एसीडिटी या अल्सर की शिकायत होने पर पेट के बीचो बीच अधिक दर्द होता है।
आंतों में सूजन भी पेट दर्द का कारण होती है इसके कारण पेट दर्द असहनीय हो जाती है।
पेट में दर्द के कई अन्य कारण भी है जैसे :
फ़ूड पोइज़निंग
अल्सर
पथरी
मूत्र पथ में संक्रमण
अपच
कब्ज, दस्त आदि
पेट दर्द के लक्षण
देखा जाये तो पेट में दर्द अपने आप में ही बीमारी का एक लक्षण है,बार बार पेट में उठता दर्द किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है और ऐसे में बिना दरी किये जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए
पेट में दर्द के लिए होम्योपैथिक उपचार
पेट का दर्द किसी भी कारण हो, होमियोपैथी में इसका सफल उपचार उपलब्ध है:
Dysentry co 30 को 2-2 बुँदे, 3 बार ( 2 बुँदे सवेरे, 2 बुँदे दिन में , 2 बुँदे शाम को ) लगातार 15 दिन के लिए लें।
Bio-Combination 3 की 4 गोली सवेरे, 4 गोली दिन में , 4 गोली शाम को लें ।
Bio-Combination 8 की 4 गोली सवेरे, 4 गोली दिन में , 4 गोली शाम को लें ।
इन दवाइयों को बताई गयी मात्रा में , और समय पर ले इनसे आपको पेट दर्द में लाभ मिलेगा इसके अलवा खूब पानी पिए और हरी सब्जी खाये ।