Tag Archive for: होम्योपैथिक डॉक्टर हल्द्वानी

मुंह की बदबू से है परेशान

अक्सर मुंह से बदबू आने पर शर्मिंदगी का अहसास होता है. कई बार तो लोग हमसे दूर इसलिए भागने लगते है क्योंकी हमारे मुँह से बदबू आती है. पर क्या इस निजात से छुटकारा पाना आसन है. जी हां, इस लेख में जाने मुह से बदबू आने पर क्या करें

बरसात और मच्छर: कौन कौन से रोगों को देंगे जन्म

मानसून यानी मच्छरों का मौसम. इस मौसम में मच्छर से कई सारी बीमारियाँ फैलती है. डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के कारण लाखो जान जाती है. तो कैसे बचे मच्छरों से इस मानसून में

अनिंद्रा या नींद न आना का इलाज | Insomnia

आज कल की व्यस्त दिनचर्या और भाग दौड़ भरी जिंदगी में नींद न आना एक बहुत आम समस्या है. पर ये समस्या अपने साथ काई और समस्याओं को जन्म देती है.इस लेख में जाने कैसे नींद आने की समस्या से पाए छुटकारा अ[अपनाए होमियोपैथी

choking throat

गले में कुछ अटक जाना

गले में कुछ फसां हुआ सा लगना, गले में कुछ अटकना. कभी न कभी साथ ये जरुर हुआ होगा की आपके गले में कुछ अटक जाए.

allergy cough and cold sneexing

सुमन जी की एलर्जी बिलकुल ठीक हुई. बार छिक के आने से परेशान है आप भी?

एलर्जी के कारण छींके आती है, आँखों से जलन और पानी निकलने लगता है ? ऐसी एलर्जी से बचने के लिए अपने होम्योपैथिक उपचार.

एनीमिया की जानकारी व उपचार | Anemia Treatment

एनीमिया यानि खून की कमी से ग्रस्त है तो आप कुछ घरेलु और कुछ होम्योपैथिक उपचारों को अजमाकर एनीमिया से छुटकारा पा सकते है.

Homeopathic Treatment

होमियोपैथ कैसे करते है औषधि चयन

होमियोपैथी में रोगों का जड़ से उपचार मौजूद है इसलिए इए एक कुशल होमियोपैथी को कुछ विशेष सिद्धांत के बारे में जानकारी होना अवश्यक है .

Tonsil treatment in homeoapthy

टोंसिल के कारण , लक्षण और उपचार | Tonsil causes, Symptoms and Treatment

टोंसिल को अक्सर लोग बहुत हलके में लेलेते है परन्तु टोंसिल कभी कभी बहुत घातक हो सकता है. आईये जानते है टोंसिल के लिए कुछ जरुरी होम्योपैथिक दवाए

Face Warts

मस्से

मस्सा वायरस से प्रेरित स्किन ग्रोथ का प्रकार हैं। त्वचा पर पेपीलोमा वायरस के कारण छोटे खुरदरे कठोर गोल पिण्ड बन जाते हैं जिसे मस्सा कहते हैं। ये मस्से कई प्रकार के होते हैं। कुछ मस्से ऐसे होते हैं जो उत्पन्न होकर अपने आप एकाएक समाप्त हो जाते हैं। जब कोई रोगी मस्से को काट या फोड़ देता है तो उस मस्से का वायरस शरीर के अन्य स्थानों पर जाकर वहां भी मस्से बना देते हैं। कभी-कभी मस्से का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की त्वचा पर आकर उसकी त्वचा पर भी मस्से बना देते हैं।

मस्से के प्रकार
मस्से कई प्रकार के होते है, जिनमे से कुछ सामन्य प्रकार है :
सामान्‍य मस्‍सा, प्‍लांटार वार्ट्स,फ्लैट वार्ट्स, फिलिफ्रोम वार्ट्स, पेरींगुअल वार्ट्स, जननांग मस्‍सा

मस्सॊ का मुख्य कारण मानव (ह्यूमन) पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) होता है।

मस्सों के लक्षण :-
मस्सो के वैसे तो कई लक्षण देखे गए है, जिनमे से कुछ खास लक्षण है :
मांसपेशियों की वृद्धि से छोटा बम्प्स
हाथ-पैरों पर सफेद व गुलाबी रंग के मस्से हो जाते हैं जो कठोर व खुरदरे होते हैं।
मस्से छूने पर खुरदुरे लगते हैं।
कभी-कभी मस्से समूहों में उत्पन्न होते हैं जो अधिकतर भी गर्दन, चेहरे एवं छाती पर होते हैं।
कुछ लोगों के अंगुलियों व पैरों के नाखूनों के किनारों पर भी मस्से उभरे आते हैं।

मस्सों के लिए होम्योपैथिक उपचार

होमियोपैथी में मस्सों का कुशल उपचार संभव है तो चलिए जानते है मस्सों के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाएं :

Causticum 200ch 2 2 बुँदे सवेरे
Acidum Nitricum 200, 2 बुँदे शाम को
Berberis Aquifolium Q, 10 बुँदे दिन में तीन बार , (10 बुँदे सवेरे , 10 बुँदे दिन में, 10 बुँदे शाम को )

इन दवाओं के उपयोग के साथ साथ, कुछ बाते ध्यान में रखे जैसे :
हाथ को नियमित रूप से धोते रहे , मस्से को ब्लेड या किसी भी चीज़ से छेड़े या कटे नहीं ।