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fungal infection treatment

फंगल इन्फेक्शन और खुजली | Fungal infection & Itching in Hindi

खुजली, फंगल इन्फेक्शन का कुशल उपचार: Fungal Infection, Itching  complete Treatment

अलग अलग बीमारियों के अलग-अलग लक्षण है. जिनमे से एक है खुजली. हमारे शरीर में खुजली होने के कई कारण होते है. जैसे एलर्जी के कारण खुजली होना, इन्फेक्शन के कारण खुजली होना, या किसी और कारण से.

पर खुजली होने पर मरीज को खुजलाते खुजलाते कभी त्वचा घिस जाती है.
आज इस लेख में हम फंगल इन्फेक्शन और उसके कारण हो रही खुजली के बारे में बात करेंगे.

फंगल इन्फेक्शन बहुत आम रोग है. मानव शरीर में कुछ लाभदायक फंगस होती है. जो शरीर के लिए उपयोगी होती है. परन्तु कभी कभी त्वचा में हानिकारक फंगस लग जाती है. जिस कारण त्वचा में खुजली, लाल चकते , त्वचा में पपड़ी और त्वचा में दरार आदि होने लगते है.

फंगल इन्फेक्शन के प्रकार : Types of Fungal Infection

फंगस अलग अलग प्रकार के होते है. अलग अलग फंगस शरीर के अलग अलग हिस्से में असर डालती है.

  • जैसे नाख़ून में फंगस.
  • पैरों में फंगस का संक्रमण.
  • त्वचा में, आंतों में, योनी में होने वाला फंगस.
  • मुँह के अन्दर होने वाला फंगस, रिंगवर्म, दाग.
  • खोपड़ी में फंगस आदि.

फंगल इन्फेक्शन के लक्षण : Symptoms of Fungal Infection

फंगल इन्फेक्शन के कुछ सामान्य लक्षण है :

  • त्वचा का लाल होना और  खुजली होना
  • फंगल वाली जगह में सफ़ेद घेरे, लाल चकते होना
  • त्वचा में दरार सी पड़ना
  •  पपड़ी बन कर त्वचा का सुख कर निकलना
  • त्वचा में पस भरे फोड़े होना और कही कही स्किन बिल्कुल मुलायम होना

होम्योपैथिक में फंगस इन्फेक्शन का उपचार रिव्यु: Fungal infection treatment in Homeopathy Review

मीनू जी हल्द्वानी में रहती है. कुछ समय पहले मीनू जी की त्वचा में खुजली होने लगी और त्वचा रुखी सी हो गयी. खुजली के कारण मीनू बहुत परेशान हो गयी और बहुत चिडचिडी हो गयी. एलोपैथी की दवाए अजमाने के बाद भी मीनू जी को कई फरक देखने को नही मिला.आराम सिर्फ तब तक मिला जबतक दवाए चली. पर मीनू जी को चाहिए था इलाज ऐसा को जड़ से उनकी खुजली को ठीक करें.

किसी ने उन्हें होमियोपैथी अजमाने की सलाह दी. मीनू जी ने  हल्द्वानी में बेस्ट होम्योपैथिक डॉक्टर की तलाश की. उनको हर जगह से डॉ नवीन चन्द्र पाण्डेय ,विरिष्ट होम्योपैथिक फिजिशियन साहस होमियोपैथी के बारे में ही राय दी गयी.

मीनू ने साहस होमियोपैथी में डॉ नवीन चन्द्र पाण्डेय जी से मिलने और होमियोपैथी की दवाए अजमाई. उन्हें मात्र २ महीने में ही बहुत ही अच्छे परिणाम देखने को मिले. ३ -४ महीने में पूरी तरह जड़ से खुजली और फंगल इन्फेक्शन से आराम मिला.
जिस तरह मीनू जी ठीक हुई. इसी तरह साहस होमियोपैथी में लाखो की संख्या में  रोगियों को डॉ नवीन चन्द्र पण्डे जी द्वारा पूर्ण तरह स्वस्थ किये जा चुके है.

अगर आपकी भी त्वचा/ चर्म रोग से जुडी समस्या जैसे एक्सज्मा, खुजली , सफ़ेद दाग, सोरेसिस आदि.

कोई भी अन्य समस्या हो और आप भी जड़ से रोग को खत्म करना चाहते है. तो अपनाये साहस होमियोपैथ का फोर्मुला .

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बहुत से लोगों को जैसे ही मालूम होता है कि उन्हें गठिया है, तो वे जीने की उमंग ही खो बैठते हैं। लेकिन जिस तरह हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है, उस तरह गठिया का भी मुकाबला करके सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है और दर्द को कम किया जा सकता है। यहाँ प्रस्तुत हैं ऐसा करने के कुछ आसान तरीके-

जोड़ों का दर्द साधारणतया दो प्रकार के होते हैं। छोटे जोड़ों के दर्द को वात यानी रिक्हिटज्म कहते हैं। वात रोग (गाउट) में जोड़ों की गाँठें सूज जाती हैं, बुखार भी आ जाता है। बेहद दर्द एवं बेचैनी रहती है।

कारण : अधिक माँस खाना, ओस या सर्दी लगना, देर तक भीगना, सीसा धातुओं से काम करने वाले को लैड प्वाइजनिंग होना, खटाई और ठंडी चीजों का सेवन करना, अत्यधिक मदिरा पान एवं वंशानुगत (हेरिडिटी ) दोष।

लक्षण – रोग के आरंभ में पाचन क्रिया का मंद पड़ना। पेट फूलना (अफारा) एवं अम्ल का रहना (एसिडिटी), कंस्टिपेशन रहना। क्रोनिक (पुराने) रोग होने पर पेशाब गहरा लाल एवं कम मात्रा में होना।

आईये जाने होमियोपैथी द्वारा गठिया रोग का उपचार :