मुंह पकने की समस्या
मुँह के छालों की समस्या को मुखपाक कहा गया है। अधिक तीखा, पेट की खराबी या कब्ज होने पर यह स्थिति देखी जाती है इसमें जलन तथा कुछ भी खाने में बहुत कठिनाई होती है। मुँह में छाले पित्त दोष होने के कारण होता है। होम्योपैथिक उपचार के द्वारा पित्त दोष को संतुलित करके छालों का आना कम किया जाता है। मुँह के छाले छोटे और बड़े दोनों प्रकार के होते हैं। कारण के आधार पर इसे दो प्रकार के होते हैं। अगर आप भी मुंह पकने की समस्या से परेशान है आज ही होम्योपैथिक विधि से उपचार करें।
आइये जानते है इसके कारण-
पेट की खराबी
महिलाओं में हार्मोन्स में बदलाव
तीखा भोजन
ऐस्पिरिन या एल्कोहल
कब्ज रहना
दाँतों को कडक़ ब्रश से साफ करना
चबाते समय गलती से गाल का कट जाना
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी
विटामिन बी की कमी
अत्यधिक तला-भुना भोजन
होम्योपैथिक उपचार-
अगर आप भी मुंह पकने की समस्या परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मुंह पकने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।