क्या आप एग्जाम्स फोबिया के शिकार तो नहीं
बच्चों के एग्जाम्स शुरू होते ही टेंशन शुरू हो जाती है। इस दौरान उन पर स्टडी प्रेशर बहुत बढ़ जाता है। ऐसे में कुछ बच्चे एग्जाम्स फोबिया का शिकार हो जाते हैं। एग्जाम फोबिया एक ऐसी मानसिक दशा है कि जिसमें एग्जाम के डर और घबराहट की वजह से स्टूडेंट्स का उर्जा स्तर गिरने लगता है और मानसिक और शारीरिक तनाव के साथ-साथ मेमरी भी कम होने लगती है। स्टूडेंट्स को आसान से सब्जेक्ट भी कठिन लगने लगते हैं। उसके लिए बार-बार याद करने पर भी चीजों को याद करना कठिन हो जाता है।
नकारात्मक विचारों का आना-
बच्चे के आसपास नकारात्मक विचारों के व्यक्ति को न आने दें। ऐसे व्यक्तियों का दृष्टिकोण काफी निराशावादी होता है और वे हमेशा नकारात्मक सुझाव देते हैं। ऐसे लोगों का संपर्क आपके बच्चे के आत्मविश्वास को कम कर सकता है। टाइम टेबल बनाएं, तो बीच-बीच में ब्रेक लेने के लिए टाइम निर्धारित करें। आप ब्रेक्स में डिनर, लंच और ब्रेकफास्ट को भी शामिल कर सकते हैं। 3-4 घंटे के अंतराल पर थोड़ी देर संगीत सुनना भी ब्रेक लेने का अच्छा तरीका है। पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेने से उत्साह वापस आ जाता है।
उपचार-
अगर आप फोबिया की बीमारी से परेशान है तो मानसिक तनाव को दूर करने के लिए कम से कम छह से आठ घंटे की गहरी नींद बच्चों को दें। पर्याप्त नींद लेने से मानसिक और शारीरिक थकान को दूर करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा आप डॉक्टर की सलाह पर होम्योपैथिक विधि से उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह के बाद उपचार करें।