गर्दन के पीछे गांठ की समस्या
शरीर में कभी-कभी ये गांठ छोटी तो कभी बड़ी होती है जिसे लोग नजरअंदाज करते हैं। लेकिन यह गांठ आगे चलकर जानलेवा बीमारी का कारण बन सकती है। कई लोगों के गर्दन के आसपास गांठ बन जाती है जिसमें दर्द नहीं होता है इसे एपिडरमाइड सिस्ट के नाम से जाना जाता है। यह गांठ की समस्या किसी को भी कभी भी हो
सकती है। इन सिस्ट को सेबेसियस सिस्ट भी कहा जाता है। इसमें दर्द न होने की वजह से कई लोग इसे हटवाते भी नहीं हैं। होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार बड़ी आसानी से किया जा सकता है।
आइये जानते है इसके कारण-
थायराइड ग्रंथि शरीर का एक नियामक है जो गर्दन के सामने स्थित है। इस ग्रंथि के साथ समस्याएं गर्दन में ठोस या तरल गांठ पैदा कर सकती हैं। वही गर्दन की पीठ पर गांठ भी त्वचा से उत्पन्न हो सकती है जो त्वचा के ऊतकों के नीचे या ऊपर मोटी हो जाती है। हालांकि अधिकांश गांठ कैंसर नहीं है और कुछ लक्षणों का कारण नहीं है। एक थायरोग्लोसल डक्ट पुटी एक बच्चे के गले में एक पुटी या एक गांठ की स्थिति है जो वयस्कता में बढऩा जारी रख सकती है। कंठमाला एक संक्रामक वायरस के चलते होने वाला संक्रमण है। यह वायरस लार ग्रंथि में दर्द के साथ सूजन का कारण बनता है। एक गांठ के रूप में या बाईं गर्दन में एक गांठ के रूप में दिखाई दे सकते हैं। गर्दन के पीछे, दायीं या बायीं ओर गांठ विकसित हो सकती है ।
होम्योपैथिक विधि-
होम्योपैथिक विधि से हम इन गांठों का उपचार कर सकते है। लाइपोमा की गांठें आपकी त्वचा के अंदरूनी हिस्से में होती हैं जो एक से तीन सेंटीमीटर तक मोटी हो सकती हैं।लाइपोमा की गांठें खिसकती भी हैं। ये अपनी पोजीशन बदल सकती हैं। उन्होंने इस बीमारी पर होम्योपैथिक उपचार से रोगी निजात पा सकता है। आपकों इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर द्वारा बताये गये होम्योपैथिक दवाईयों का उपयोग करना होगा।