लिवर की समस्या

लिवर की समस्या जिन लोगों को भी होती है, उन्हें अक्सर पेट से जुड़ी कोई ना कोई शिकायत बनी ही रहती है। कई बार थोड़ा खाने पर भी उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे ओवर ईटिंग कर ली है। जबकि कई बार वे खाना खाते जाते है, अपनी डायट से बहुत अधिक खा लेते हैं। लेकिन फिर भी पेट भरने का अहसास नहीं होता है। छुट्टियों का मौसम है ठंड है और लोग रम और ब्रैंडी को अपना सहारा मान कर लोग अपने दिन काट रहे हैं। पार्टियां भी जोर-शोर से हो रही हैं। क्या कभी सोचा है कि अक्सर सर्दियों के समय पेट में दर्द की शिकायत क्यों हो जाती है। वैसे तो न इसका कोई तय मौसम है, न ही तय शिकार, लेकिन लिवर की समस्या आसानी से किसी को भी हो सकती है। लिवर की बीमारी के पहले मरीज की बॉडी उसे कुछ सिग्नल देती है। आज हम आपको मरीज के अनुभव दिखाते हुए होम्योपैथिक विधि से उपचार बतायेंगे।

लिवर की बीमारी के संकेत

धीरे-धीरे दर्द का बढऩा
सूजन बढऩा
निशान
पीलापन
खुजली
थकान
वजन बढऩा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी लिवर की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर लिवर की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर आप अपने बच्चे का सही तरीके से उपचार कर सकते है।

सफेद दाग की समस्या

इस बीमारी को समाज में कलंक के रूप में भी देखा जाता है। विटिलिगो किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है, लेकिन विटिलिगो के आधा से ज्यादा मामलों में यह 20 साल की उम्र से पहले ही विकसित हो जाता है। वहीं 95 प्रतिशत मामलों में 40 वर्ष से पहले ही विकसित होता है। शरीर के किसी अन्य अंग पर सफेद दाग दिखने लगता है। सफेद दाग का सही समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है वरना ये शरीर के बाकी हिस्सों पर भी फैल सकता है। स्किन के किसी अंग या बालों का सफेद होना विटिलिगो कहलाता है। जिसे सफेद दाग के नाम से भी जानते है। यह समस्या शरीर में मेलानोसाइट्स की कमी के कारण होते है। जो मेलानिन नामक स्किन के पिगमेंट बनाती है। जिससे स्किन में रंग बनने वाली कोशिकाएं खत्म होने के कारण यह सफेद दाग होते हैं। यह सफेद दाग शरीर में किसी भी जगह हो सकते हैं। समय से पहले सिर के बाल,भौहें, पलकें, दाढ़ी के बालों का रंग उड़ जाता है या सफेद हो जाती है। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप सफेद दाग से छुटकारा पा सकते है।

सफेद दाग के कारण-

पाचन तंत्र खराब
कैल्शियम की कमी
बच्चों के पेट में कृमि
अनुवांशिकता
लीवर रोग
जलने पर
चोट लगने से

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सफेद दाग की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सफेद दाग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर आप अपने बच्चे का सही तरीके से उपचार कर सकते है।

पैरों में दर्द

अक्‍सर पैरों में और जोड़ों में दर्द होता है या फिर आपकी बॉडी में भारीपन सा लगता है तो इसे साधारण समझने की कोशि‍श न करें क्‍योंकि ये शरीर में विटामिन डी की कमी के लक्षण हो सकते हैं। लंबे समय तक एक जगह खड़े या बैठकर काम करने से अक्सर लोगों को पैर दर्द की दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कई बार पैरों का दर्द इतना असहनीय हो जाता है कि लोग उसके लिए पेनकिलर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन बार-बार पेनकिलर का सेवन करना सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में पेनकिलर की जगह होम्योपैथिक उपचार से पैर दर्द से छुटकारा पाना एक अच्छा विकल्प रहेगा। आज हम बतायेंगे आपकों कैसे पैरों के दर्द को आप होम्योपैथिक विधि से दूर कर सकते है।

पैरों में दर्द का कारण-

गठिया
मोच
कैलस
गोखरू
इडिमा
डायबिटीज
टूटी हुई हड्डिया

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पैरों मेें दर्द की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पैरों के दर्द से समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर आप अपने बच्चे का सही तरीके से उपचार कर सकते है।

शिशु में उदरशूल की समस्या

एक स्वस्थ शिशु में उदरशूल अक्सर लंबे समय तक और तीव्र रोना या चिड़चिड़ाहट होना है। उदरशूल विशेष रूप से माता पिता के लिए निराशाजनक हो सकता है। क्योंकि बच्चे का संकट किसी स्पष्ट कारण के लिए नहीं होता है और कोई भी सांत्वना कोई राहत नहीं देती है। तीन महीने से कम उम्र के बच्चे जो लगातार रोते रहते हैं और इसी वजह से उनके पेट में दर्द रहता है उसे उदरशूल कहते हैं । इसमें बच्चा लगातार रोता रहता है। माता-पिता इस बात का पता नहीं लगा पाते हैं कि बच्चा क्यों रो रहा है। इसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। जब वह छठे सप्ताह तक पहुंच जाता है तो रोना काफी हद तक बेकाबू हो जाता है और माता-पिता बेहद परेशान हो जाते हैं उनके समझ नहीं आता की वह क्या करें। माता-पिता आमतौर पर अपने बच्चों को भयानक रोने के कारण उसको कम करने के लिए डॉक्टर के पास ले जाते हैं। जिससे की उन्हें आराम मिल सके। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप उदरशूल की समस्या से अपने बच्चे को निजात दिला सकते है।

उदरशूल के कारण-

कमजोर
बचपन के माइग्रेन
पारिवारिक तनाव
पाचन तंत्र का विकसित न होना
स्वस्थ बैक्टीरिया का असंतुलन
खाद्य एलर्जी
अतिसंवेदनशील
अंडरफेडिंग

उदरशूल के लक्षण-

शिशु का लगातार रोना
बिना कारण रोना
रोजाना रोना
शिशु का चिड़चिड़ा होना
चेहरे का रंग बदलना
रोते समय शरीर में तनाव

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा भी उदरशू की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर उदरशूल की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर आप अपने बच्चे का सही तरीके से उपचार कर सकते है।

पसली में दर्द की समस्या

सांस लेते समय क्या आपने बाईं पसली के नीचे अचानक तेज दर्द महसूस होता है। अगर हां तो आपने जरूर सोचा होगा कि यह हार्ट अटैक का लक्षण है और इससे आपकी जान भी जा सकती है। यदि आपको अपनी बाईं पसली के नीचे दर्द होता महससू हो तो घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह अन्य कारणों से भी हो सकता है। आइये जानते हैं बाईं पसली के नीचे दर्द हार्ट अटैक के अलावा अन्य किन कारणों से होता है। आप पसली मेें दर्द की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

पसली में दर्द के कारण-

चोट लगना
गठिया
शारीरिक तनाव
जोड़ों में इन्फेक्शन
टयूमर

पसली में दर्द के लक्षण-

छाती में बांयी तरफ दर्द
सांस लेते समय दर्द
तेज दर्द
पीड़ा या छाती में दबाव

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पसली की दर्द से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पसली के दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

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गर्भाशय में दर्द

महिलाओं में पैल्विक दर्द अधिक सामान्य है। दर्द के कई अलग-अलग कारण होते हैं। जब आप गर्भधारण करती हैं और योनि से रक्तस्राव जैसे अन्य लक्षणों के साथ-साथ दर्द होता हैं, तब इन लक्षणों के आधार पर उन्हें अलग -अलग श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। आमतौर पर जब गर्भाशय में मांसपेशियां कस जाती हैं या सिकुड़ जाती हैं, तब ऐंठन और दर्द महसूस होता है। बदलता वातावरण गर्भाशय को अत्यधिक प्रभावित करता है, जिसके कारण महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है। इसके कारण महिलाओं को असहनीय पेट दर्द, बुखार, सिरदर्द और कमर दर्द का सामना करना पड़ता है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

गर्भाशय में दर्द के कारण

पेट की सूजन
रक्तस्राव
कब्ज
ठंड लगना
पेल्विस पेन
थकान महसूस करना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी गर्भाशय में दर्द की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर गर्भाशय में दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

ठंड में गठिया रोग

हवा में चुभन का यह मौसम बुजुर्गों और गठिया के रोगियों की परेशानी बढ़ा देता है। इस मौसम में कई रोगियों के घुटने का दर्द, अकडऩ और असहजता बढ़ जाती है क्योंकि वातावरणीय दबाव के कारण रक्तसंचार में बाधा होती है। इसे अक्सर आयु सम्बंधी नुकसान या मौसमी बदलाव समझा जाता है, लेकिन यह गठिया के लक्षण हो सकते हैं।अर्थराइटिस जोड़ों में होने वाली एक बहुत ही आम बीमारी है। इस बीमारी में जोड़ों में दर्द होता है और जोड़ों को घुमाने, मोडऩे, हिलाने और हरकत करने में परेशानी होती है।100 से भी अधिक किस्म के अर्थराइटिस होते हैं। अर्थराइटिस से व्यक्ति की रोज़मर्रा की जीवनशैली बुरी तरह प्रभावित होती है। यह जीवन भर सताने वाली बीमारी होती है। बीमारी अधिक बढऩे पर मरीज के जोड़ों में असहनीय पीड़ा होती है । आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

गठिया रोग के लक्षण

जोड़ों में दर्द
सूजन
रंग बदलना
हाथ-पैरों के जोड़ों में दर्द

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी गठिया रोग की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर गठिया रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

घेंघा रोग की समस्या

घेंघा गले से संबंधित रोग है। गले में थायराइड ग्रंथि बढ़ जाती है, जिस वजह से सूजन होने लगती है। थायराइड में हुई सूजन के कारण श्वसन नली और अन्नप्रणाली पर दबाव पडऩे लगता है। इस वजह से खांसी, गले में घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई या खाना व पानी निगलने में कठिनाई हो होती है। बिगड़ी हुई दिनचर्या और अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कई तरह के रोगों की वजह बन जाती है। ऐसा ही एक रोग है, घेंघा। अपने नियमित खान-पान पर ध्यान न देने और समय-समय पर संपूर्ण शरीर का चेकअप न करवाने के कारण हम कई बार घेंघा रोग की चपेट में आ जाते हैं। इस रोग के होने की संभावना पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होती है। वैसे यह रोग पुरुषों-महिलाओं को हो सकता है। ये रोग किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन इसके कारणों पर नियंत्रण पाकर आप इससे होने वाली परेशानी और दर्द से थोड़ी राहत पा सकते हैं। अगर आप भी घेंघा रोग से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

आयोडीन की कमी
दवाओं को सेवन
संक्रमण
धूम्रपान
थायराइड हार्मोन का न बनना
सोया
मूंगफूली
ब्रोकली
गोभी परिवार की सब्जियां

घेंघा रोग के लक्षण-

सांस लेने में परेशानी
खाना निगलने में परेशानी
गले में जकडऩ
गले में खराश

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी घेंघा रोग की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर घेंघा रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

तनाव की समस्या

तनाव हमेशा बुरा नहीं होता। जब यह छोटे स्तर पर होता है तो यह दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने में आपकी मदद करता है, लेकिन यह काफी ज्यादा हो जाए तो आप उसे मैनेज नहीं कर पाएंगे और तब आपका जीवन और कामकाज प्रभावित होगा। ऑफिस या घर जीवन के हर क्षेत्र में आपका काम प्रभावित होगा और आपके संबंध भी प्रभावित होंगे। तनाव आज के समय में हर किसी की जिन्दगी में अपनी पैठ बना चुका है। चाहे बच्चे हों या बड़े, हर व्यक्ति किसी ना किसी तरह की चिंता से हमेशा ही घिरा रहता है। कुछ हद तक तनाव होना स्वाभाविक भी है। लेकिन जब यही तनाव बढऩे लगता है तो इससे व्यक्ति को एंग्जाइटीए अवसाद व अन्य कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर तनाव बढ़ जाए तो इससे बाहर निकल पाना व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। अगर आप भी तनाव में जी रहे है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है।

तनाव के कारण-

सही आहार का सेवन न करना
नींद की कमी
बदलती दिनचर्चा
आर्थिक परेशानी
वातावरण
रिश्तो का खराब होना
सिरदर्द की समस्या
मांसपेशियों में कमजोरी
पेट की समस्या

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी तनाव की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर तनाव की समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देख अपने बच्चे को होम्योपैथिक दवा दे सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बच्चों में खाँसी

बच्चों को खाँसी होना बहुत ही आम बात है। अक्सर यह देखा जाता है कि जब भी बच्चे को खांसी होती है तो माता-पिता बहुत घबरा जाते हैं और तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करते हैं। खाँसी कोई बीमारी नहीं है। ऐसे में आप इसका होम्योपैथिक उपचार भी कर सकते है। खांसी बहुत पीड़ादायक होती है और बच्‍चों को खांसी हो जाए तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। सुरक्षा के लिहाज से इतने छोटे बच्‍चों को ओटीसी दवाएं देना सुरक्षित नहीं रहता है इसलिए बच्‍चों में खांसी के घरेलू इलाज ज्‍यादा इस्‍तेमाल किए जाते हैं। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप बच्चों की खांसी के लिए होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल कर सकते है।

बच्चों में खांसी के कारण-

ज़ुकाम
दमा
क्षय रोग
विषाणु संक्रमण
फ्लू
कप
काली खांसी
दम घुटना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा खांसी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर खांसी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देख अपने बच्चे को होम्योपैथिक दवा दे सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।