त्वचा में खुजली की समस्या

खुजली की समस्या होना आम बात है। यह समयस्या बेचैन कर देती है और कई बार तो खारिश करते-करते आपकी त्वचा पर घाव हो जाता है। खुजली होने के कई सारे कारण हो सकते है जिनमें त्वचा का रुखा होना, किसी दवा से एलर्जी या किसी खाने के चीज से हुई एलर्जी। इनके अलावा रोजाना ना नहाने, गंदे कपड़े पहनने, मच्छर के काटने या फिर किसी त्वचा रोग के कारन भी एलर्जी की शिकायत हो सकती है। खुजली चाहे जिस वजह से हो रही हो, चेहरे पर खुजली का इलाज क्या है। साथ ही हम आपका यह भी बताएंगे कि सामान्यत: किन बातों का ध्यान रखने से आप चेहरे पर होने वाली खुजली से बच सकती है। आप होम्योपैथिक विधि से चेहरे पर खुजली का उपचार कर सकते है।

त्वचा में खुजली के लक्षण-

त्वचा में घाव
सूजन
फफोले
त्वचा में खरोच
लीवर रोग

त्वचा में खुजली के कारण-

सूखी त्वचा
आंतरिक रोग
जलन
एजर्ल
गर्भावस्था
चकते

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी त्वचा में खुजली की समस्या से परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर त्वचा में खुजली की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

काली खांसी की समस्या

काली खांसी एक सांस से संबंधी बीमारी है। काली खांसी बच्चों की बीमारी है लेकिन ऐसा नहीं है। यह बड़ों को भी हो जाती है। यह खतरनाक बीमारी है क्योंकि यह संक्रामक होती है यानी इस बीमारी के वायरस हवा के जरिये एक इंसान से दूसरे तक पहुंचते हैं। यह खांसी रात और दिन में बढ़ जाती है। कई बार खांसते-खांसते दम फूलने लगता है। आंखें लाल हो जाती हैं। इस खांसी को कुक्कुर खांसी भी कहते हैं। खांसी शुरू होने के लगभग 2 सप्ताह तक संक्रमित लोग सबसे ज्यादा संक्रामक होते हैं। एंटीबायॉटिक्स इसके संक्रामण से काफी हद तक बचाता है।

यह बीमारी ठंड की तरह के लक्षणों से शुरू होती है। हल्की खांसी या बुखार हो सकता है। शिशुओं में खांसी कम या नहीं भी हो सकती है। काली खांसी बच्चों के लिए सबसे खतरनाक है। 1 वर्ष से कम उम्र के करीब आधे बच्चों को अस्पताल में देखभाल की जरूरत पड़ती है। 1 से 2 सप्ताह के बाद और जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, काली खांसी के पारंपरिक लक्षण दिखाई देते हैं।

तेज खांसी
तीव्र खांसी
ल्टी होना
खांसी के बाद थकावट।

ये है काली खांसी के कारण-

बहती नाक
नाक का बंद होना
लाल, पानी आँखें होना
बुखार आना
खांसी आना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी काली खांसी की समस्या से परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर काली खांसी से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

मसूड़ों में सूजन

अक्सर लोग मसूड़ों की समस्या से परेशान है। पके मसूड़े अजीब लगते हैं, क्या उनमें दर्द और तकलीफ होती है। ब्रश करते समय या फ्लॉस करते हैं, तो मसूड़ों से खून आता है या उसकी सतह पर एक सफेद धब्बा देखा है। ऐसे कई मुद्दे हैं जो आपके मसूड़ों को प्रभावित कर सकते हैं। जरूरी नहीं कि दांतों या मसूड़ों की सूजन और मसूड़ों की बीमारी को हल्के में लिया जाए। मामूली सी लगने वाली मसूड़ों की सूजन कैंसर का भी एक संकेत हो सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से मसूडं़ों का उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

गले में खराश
कान में दर्द
मुंह में बार-बार छाले होना
अचानक से वजन कम हो जाना
एचपीवी
होंठ से टॉन्सिल
मुंह से खून आना
मुंह में दर्द होना
मुंह में गांठ बनना
पपड़ी बनना
मुंह में लाल या सफेद पैच का निशान

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मसूड़ों की सूजन का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मसूड़ों के सूजन से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

सांस फूंलने की समस्या

सांस के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इसी वजह से सांस प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले फेफड़ों की समस्या, सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलने की परेशानी एक बड़ी और गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। जो कि जानलेवा साबित हो सकती है। सांस फूलना एक ऐसा लक्षण हैं, जो काफी आम है। मरीज परेशान रहता है एवं भयभीत रहता है कि कहीं जान चली जाए। कई बार तो काफी जांच पड़ताल के बावजूद पता नहीं चलता कि आखिर सांस क्यों फूल रहा है। डिस्पनिया यानि सांस रोग हो सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है। आइये जानते है क्या है सांस फूलने के कारण और लक्षण।

सांस फूंलने के लक्षण-

सांस की गति तेज होना
धडक़न तेज होना
थकावट
ब्लड प्रेशर कम होना
खांसी
वुखार
सांस में दिक्कत
छाती दर्द

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सांस फंूलने की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सांस फूंलने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

भूख न लगना

कई बार बच्‍चे अपनी पसंद का खाना होने पर भी खाने से मना कर देते हैं या हरी सब्जियों को देखकर मुंह बना लेते हैं। कुछ बच्‍चे तो रोज बस थोड़ा-सा ही खाना खाते हैं।। अगर आपका बच्‍चा भी ऐसा करता है तो ये भूख कम लगने का संकेत हो सकता है। क्या आपको भी है भूख न लगने की परेशानी है। अच्छा और स्वादिष्ट खाना देखकर भी आपका उसे खाने की इच्छा नहीं होती है। आप होम्योपैथिक विधि से अपनी खोई हुई भूख को वापस ला सकते हैं या भूख न लगने की परेशानी है, तो क्या करना चाहिए। भूख न लगना हमारे पाचन शक्ति में गड़बड़ी का संकेत है। ऐसे में प्राकृतिक तरीका अपनाकर आप इस समस्या से निजात पा सकती हैं। यह तो आप भी मानती होंगी कि अनियमित दिनचर्या का सीधा-सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। भूख न लगने के कई कारण है। हम आपके हर आर्टिकल में बीमारियों को दूर करने की विधि बताते है। इसका वीडियो आपको हमारे यू-ट्यूब चैनल पर भी मिलेगा। आर्टिकल पढऩे के साथ-साथ वीडियो को भी देखें।

भूख न लगने कारण-

गले में खराश
पेट दर्द या खराब
स्‍नैक्‍स या जंक फूड ज्‍यादा खाना
हाई शुगर
बेवरेज पीने
डिप्रेशन या तनाव में होना
हॉर्मोनल असंतुलन होना
पुरानी बीमारी होना
बुखार

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी भूख न लगने की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर भूख न लगने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

हड्डियों से कट-कट की आवाज

कभी-कभी अचानक से जब हम उठते बैठते है तो हमारे घुटनों से कट-कट की आवाज आती है जिसे हम सुन कर भी अनसुना कर देते हैं क्योंकि न तो हमारे घुटनो में दर्द होता है और न ही सूजन और हम उस आवाज को नजरअंदाज कर देते है वैसे तो ये कोई बीमारी नहीं है लेकिन बीमारी का संकेत जरूर है। अगर आपकी हड्डियों से कट-कट की आवाज आ रही हो तो आपको इसे गंभीरता से लेना होगा क्योंकि यह हड्डियों से जुड़ी गंभीर बीमारी का लक्षण है। जोड़ों से आने वाली इस प्रकार की आवाज को मेडिकल साइंस में क्रेपिटस कहा जाता है। ऐसी आवाज आने के पीछे का कारण जोड़ों में मौजूद द्रव में हवा के छोटे बुलबुलों का फूटना है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसका कारण-

कई बार जोड़ों के बाहर मौजूद मांसपेशियों के टेंडन या लिगामेंट्स की रगड़ से भी आवाज सुनाई देती है। अक्सर यह समस्या होती है, तो यह गठिया का या हड्डियों के जोड़ों में लुब्रिकेंट की कमी का संकेत हो सकते है। यह समस्या कैल्शियम की कमी के कारण भी होती हैं। हड्डियों की एक बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर होने लगती है। उम्र के साथ जोड़ों में या हड्डियों में आवाज आना या दर्द होना आम बात हो सकती है लेकिन कम उम्र में भी कई लोगों इस समस्या से परेशान रहते हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हड्डियों से कट-कट की आवाज की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हड्डियों से कट-कट की आवाज की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

कंधे में दर्द की समस्या

कंधे का दर्द आमतौर पर लगातार सुस्त और दर्दनाक सनसनी की विशेषता है जो कंधे के जोड़ से या अन्य मांसपेशियों, लिगामेंट और या टेंडन से उत्पन्न हो सकती है जो कंधे के क्षेत्र को घेरती है। कंधे के जोड़ से उत्पन्न होने वाला कंधे का दर्द आमतौर पर इस लक्षण वाले व्यक्ति के कंधे या ऊपरी बांह की गति के साथ बिगड़ जाता है। अक्सर लोग दर्द को नजरअंदाज करना ही उचित समझते हैं। दर्द किसी भी तरह का हो, उसे नजरअंदाज नहीं बल्कि उसका इलाज करना चाहिए। यूं तो व्यक्ति को कई तरह के शारीरिक दर्द से अकसर दो चार होना पड़ता है। इन्हीं में से एक है कंधे का दर्द। कभी अत्यधिक काम तो कभी अनावश्यक का तनाव, कंधे में दर्द की वजह बनता है । हालांकि कई लोग कंधे में दर्द होने पर मालिश करते है यह एक अच्छा विचार है। लेकिन अगर आप कंधे के दर्द से परेशान है तो होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है।

आइये जानते है कंधा दर्द के कारण-

जमे हुए कंधे
मोच और तनाव
मल्टीपल स्क्लेरोसिस
फ्रोजन सोल्डर
चोट
कंधा उतर जाना
पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस
रूमेटाइड गठिया
टेन्डेंटिस
सेप्टिक गठिया
रोटेटर कफ की चोट

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी कंधे के दर्द की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर कंधे के दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

ऐसे खोले बंद नाक

सर्दियां आते ही नाक, गले की परेशानियां भी शुरू हो जाती है। ऐसे में ज्यादातर लोग डॉक्टर के पास जाना पसंद नहीं करते और घर में रखी कोई पेन किलर खा लेते हैं लेकिन बार-बार दवाई लेने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। इसलिए आपको इन छोटी-छोटी परेशानियों का होम्योपैथिक उपाय करना चाहिए। हालांकि लोग विक्स के जरिए बंद नाक खोलने का तरीका अपनाते है। गले पर लगाने से भी यह काफी हद तक राहत देता है। आप बंद नाक और गले की दिक्कत के लिए गर्म पानी में विक्स डालकर उसकी भाप भी ले सकते हैं। लेकिन आप होम्योपैथिक विधि से इसका सही उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

एलर्जी
परागज ज्वर
नाक की बीच वाली दीवार
नाक में कैंसर
वातावरणीय पदार्थ
साइनस संक्रमण

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी नाक बंद होने की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर नाक बंद होने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

बच्चों में सूखा रोग

बच्चों में सूखा रोग एक ऐसी स्थिति है जब हड्डियां नरम और भंगुर हो जाती है। इस बीमारी के सबसे सामान्य कारणों में विटामिन डी की कमी और बच्चों द्वारा कैल्शियम का कम सेवन है। दूसरे शब्दों में कुपोषण हड्डियों की क्षति में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। जेनेटिक स्थितियां भी इस बीमारी का एक कारण हो सकती हैं। बच्चे मुख्य रूप से प्रभावित होते हैं। कभी-कभी वयस्क भी प्रभावित हो जाते हैं और इस स्थिति को ऑस्टियोमलेशिया कहा जाता है। कमजोर हड्डियों के साथ व्यक्ति में विकास अवरुद्ध और कंकाल की विकृति भी होती है। आज हम बतायेंगे होम्योपैथिक विधि से आप कैसे बच्चों में होने वाले सूखा रोग से छुटकारा पा सकते है।

सूखा रोग के लक्षण

हड्डियों का कमजोर होना
टांगे मुडऩा
मांसपेशियों में ऐंठन
बौनापन
शारीरिक विकास में कमी
हड्डियों में फ्रैक्चर

आइये जानते है इसके कारण-

विटामिन डी की कमी
सीलिएक रोग
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज
किडनी रोग

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा भी सूखा रोग की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सूखा रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

ऐसे बढ़ाये चेहरे की इम्यूनिटी

चेहरा हमेशा दमकता रहे, इसके लिए तरह-तरह के जतन करते हैं। सैकड़ों-हजारों रुपए खर्च करने के बावजूद और कई बार तो प्राकृतिक उपायों से भी अपने चेहरे को इन काले-कलूटे से दिखने वाले दाग-धब्बों से बचा पाना मुश्किल होता है। मुहांसों से ज़्यादा परेशान करने वाली कोई दूसरी समस्या नहीं है। किसी भी अच्छे अवसर पर शामिल होने जाना हो तो वे अक्सर चेहरे पर उग ही आते हैं और फिर जाने का नाम ही नहीं लेते, चाहे आप उन्हें हटाने के लिए कितने ही नुस्खे क्यों न आज़मा ले। कई लोगों को लगता है कि मुहांसों की वजह से आए चेहरे के दाग धब्बे अपने आप ही चले जाएंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं है।

आइये जानते है दाग-धब्बों के कारण-

मनुष्य की त्वचा की रंगत शरीर में मौजूद मेलानिन नामक तत्व पर निर्भर करती है। यह एक प्राकृतिक वर्णक होता है। जिनमें मेलानिन की मात्रा ज्यादा होती है उनका रंग गहरा होता है। जबकि कम मेलानिन वाले लोगों का रंग साफ होता है। लोगों में हाइपरपिगमेंटेशन तब होता है जब मेलानिन का उत्पादन अधिक होने लगता है। इसके अलावा अगर मेलानोसाइट नामक कोशिकाओं में कोई गड़बड़ी होती है तो इसके चलते भी काले दाग-धब्बे हो सकते हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी अपने चेहरे पर दाग-धब्बों का समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर दाग-धब्बों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।