आँखों से पानी आना

आँखों से पानी आना या अश्रुपात एक ऐसी समस्या है जिसमें आंखों से अत्यधिक आंसू आने लगते हैं और इनका कारण भी समझ नहीं आता है।आंख या आंखों से अपर्याप्त आंसू फिल्म जल निकासी है। सामान्य प्रणाली के माध्यम से निकलने वाले आंसुओं के बजायए वे चेहरे पर बहते हैं। आंखों की सामने की सतह को स्वस्थ रखने और स्पष्ट दृष्टि बनाए रखने के लिए आँसू की आवश्यकता होती है। यह ड्राइविंग मुश्किल या खतरनाक बना सकता है। आज हम
आपको बतायेंगे कैसे आप आंखों से पानी आने की समस्या का होम्योपैथिक विधि से कर सकते है।

आइये जानते है कारण-

केराइटिस
कॉर्निया का संक्रमण
कॉर्नियल अल्सर
स्टाइल
बेल्स पाल्सी
सूखी आंखें
एलर्जी
दवाओं का सेवन

अधिक पानी आने के लक्षण –

आँख के आसपास सूजन
आँख में कुछ फंस जाना
आँखों की दृढ़ता
नॉस्टेल्जिया
छींकना
आँखों में सूखापन
आँखों की जलन
आँखों में खुजली होना
धुंधला दिखना
पलकों में सूजन होना
लाल और रक्त आँखें

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी आखों में पानी आने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर आंखों में पानी आने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

घुटनों में दर्द की समस्या

उम्र बढऩे के साथ-साथ आप को बहुत-सी बीमारियां व दर्द घेरने लगते हैं। जिनमें से एक है घुटनों का दर्द। घुटनों का दर्द एक गंभीर समस्या है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। कभी-कभी घुटनों के दर्द की वजह गठिया भी हो सकती है। घुटने का दर्द मांसपेशियों के चोटिल होने, लिगामेंट या कमजोर हड्डियों का परिणाम भी हो सकता है। बस अगर दर्द तीन-चार दिनों से अधिक समय तक बना रहे, तो चिकित्सक से सलाह लें। आप होम्योपैथिक विधि से घुटनों के दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

टेंडिनाइटिस
गाउट
बर्साइटिस
संधिशोथ
डिस्लोकेशन
मेनिस्कस टियर
हड्डियों में टयूमर

घुटनों में दर्द के लक्षण-

सूजन और जकडऩ
कमजोरी
त्वचा का लाल होना
घुटने से आवाज आना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी घुटनों की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर घुटनों के दर्द से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

महिलाओं में हार्मोन्स की कमी

अक्सर महिलाओं में हार्मोन की कमी के चलते कई बीमारियां हो जाती है। हार्मोन्स के संतुलन में थोड़ी-सी भी गड़बड़ी से भूख, नींद और तनाव के स्तर पर दिखने लगता है। असंतुलन से अर्थ है कि शरीर में या तो कोई हार्मोन ज्यादा बनता है या फिर बहुत कम। हमारे शरीर में कार्टिसोल नामक एक स्ट्रेस हार्मोन होता है, जो हमें किसी खतरे की स्थिति में बचने के संकेत देता है। इसी हार्मोन की वजह से दिल की धडक़न, रक्तचाप और रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। आज हम आपकों बतायेंगे हार्मोन्स की कमी किन कारणों से होती होती और कैसे हम उन्हें होम्योपैथिक विधि से ठीक कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

मूड में उतार-चढ़ाव
सूजन
मेनोपॉज
नपुंसकता
छोटा कद
दुबलापन
मेटाबॉलिज्म में असंतुलन
मुंहासे की समस्या

असंतुलन के लक्षण-

अकारण वजन बढऩा
कमर पर चर्बी बढऩा
थकान महसूस करना
नींद न आना
गैस, कब्ज
तनाव, चिंता
बहुत पसीना आना
सेक्स की इच्छा में कमी
बालों का झडऩा
असमय सफेद होना
ज्यादा प्यास लगना
ज्यादा ठंड या गर्मी लगना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हार्मोन्स की कमी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हार्मोन्स की कमी छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

हड्डियों का कमजोर होना

बुढ़ापे में तो हड्डियां कमजोर हो ही जाती हैं, पर इस कमजोरी के मतलब क्या है। क्या जवानी या अधेड़ उम्र में हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। आजकल हर डॉक्टर कह देता है कि बोन डेन्सिटी की जांच करा लें जिससे पता चल सके कि आपकी हड्डियां कमजोर तो नहीं हो रहीं।हड्डियां कमजोर होने को चिकित्सा शास्त्र में आस्टियोपोरोसिस कहते हैं। आज हम बतायेंगे अगर आपकी हड्डियां कमजोर है या टूट रहे है तो आप किस तरह होम्योपैथिक विधि से उसका उपचार कर सकते है। हड्डियां कमजोर होने का मतलब शरीर की हड्डियों की शक्ति इतनी कम हो जाए कि हड्डी टूटने का खतरा कई गुना बढ़ जाये। हड्डियां खोखली-सी होने लगें। ढांचा तो खड़ा हो और पलस्तर झड़ जाए। फिर छोटी-सी चोट से या कभी-कभी तो पता ही न चले और हड्डी टूट जाए।

आइये जानते है इसके लक्षण

टूटते नाखून
जोड़ो में दर्द
मसूड़ों का फूलना
लंबाई का कम होना
कमजोर होना
अचानक फ्रैक्चर होना
मांसपेशियों में दर्द
दुबला-पतला होना

हड्डिया कमजोर होने के कारण-

थाइरॉइड
अनुवांशिक
कैल्शियम की कमी
शराब का सेवन
धूम्रपान करना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हड्डियां कमजोर होने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हड्डियां कमजोर होने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

सीने में जलन की समस्या

सीने में जलन के बाद लोगों को काफी परेशानी होती है। सीने में जलन एसिड रिफलक्स का एक सामान्य लक्षण होता है। ऐसे में पेट की सामग्री भोजन एक दबाव के द्वारा वापस गले में आने की कोशिश करती है, जिस कारण सीने के निचले हिस्से में जलन होने लगती है। जलन इसलिए होती है, क्योंकि पेट की सामग्री वापस इसोफेगस में आ जाती है। अगर आप भी सीने की जलन से परेशान है तो आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक दवाओं से इसका उपचार कर सकते है।अक्सर सीने में जलन के साथ अक्सर गले या मुंह में एक कड़वा स्वाद भी महसूस होता है।

आइये जानते है इसके कारण-

धूम्रपान करना
ज्यादा वजन
मोटापा होना
कैफीन युक्त पेय पीना
चॉकलेट खाना
मिंट या पेपरमिंट्स
खट्टे फल
टमाटर से बने उत्पाद ;
शराब पीना
मसालेदार भोजन

सीने में जलन के लक्षण-

खाना खाने के बाद सीने में जलन
लेटने
झुकने से दर्द
छाती के निचले हिस्से में जलन
खांसी या गला बैठना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सीने की जलन से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सीने की जलन की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

त्वचा में नमी कैसे बढ़ाये

सर्दी, गर्मी या फिर बारिश का मौसम, त्वचा की जरूरतें बदलती रहती हैं। मौसम के अनुसार ही त्वचा की देखभाल भी करनी चाहिए। गर्मी और मानसून सीजन की तो स्किन को ग्लोइंग, सॉफ्ट, सुरक्षित और चमकदार बनान चुनौती का काम होता है। कई बार मानसून में चेहरे पर दाने, फोड़े-फुंसियां होने की समस्या अधिक बढ़ जाती है। कडक़ड़ाती ठंड के मौसम की मार स्किन पर साफ दिखाई देती है। इस मौसम में चलने वाली सर्द हवाएं स्किन की प्राकृतिक नमी को छीन लेती हैं। जिसके कारण स्किन बेहद रूखी व डल नजर आती है। स्किन में दोबारा जान डालने के लिए उसे मॉइश्चराइज करना बेहद आवश्यक होता है। आप होम्योपैथिक विधि से अपने चेहरे में चमक ला सकते है।

आइये जानते है त्वचा रूखी होने के कारण-

कठोर साबुन का इस्तेमाल
मधुमेह
तैरना
सूर्य की किरणें
दवाइयों का प्रभाव
एजिंग स्किन
गर्म पानी से नहाना
त्वचा रोग
शुष्क मौसम
हाइपोथायरायडिज्म

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी रूखी त्वचा से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने

नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर रूखी त्वचा की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन

बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय

से संपर्क कर सकते है।

हाथ पैरों मेें जलन

पैरों में जलन की समस्या को आमतौर पर छोटी समस्या माना जाता है। कुछ लोग यह भी मान लेते हैं कि यह अपने आप ठीक हो जाएगी। अगर आप भी हाथ पैरों की जलन से परेशान है तो इसे हल्के में न लें। यह समस्या शरीर के अन्य हिस्सों में भी तकलीफ पैदा कर सकती है। पैरों से संबंधित बहुत सी ऐसी बीमारियां होती हैं, जो लोगों को परेशान करती हैं। ऐसी ही एक परेशानी है पैरों में जलन की समस्या। पैरों में जलन की वजह कुछ और भी हो सकती है। विटामिन बी, फोलिक एसिड या कैल्शियम की कमी भी इसके कारण हो सकते हैं। आप होम्योपैथिक विधि से पैरों में जलन की समस्या से छुटकारा पा सकते है। आइये जानते है पैरों में जलन के कारण-

न्यूरोपैथी बीमारी
विटामिन बी की कमी
उच्च रक्तचाप
गुर्दे से जुड़ी बीमारी
थाइरॉइड हार्मोन
दवाओं का दुष्प्रभाव
रक्त वाहिकाओं में संक्रमण
डायबिटीज

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हाथ पैरों में जलन की समस्या से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने

नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हाथ पैरों में जलन की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

स्तन कैंसर की समस्या

स्तर कैंसर से रातों की नींद उड़ जाती है। हालांकि रातों को नींद न आना तो सामान्य बात है लेकिन यह जानना भी जरूरी है कौन सी गांठ कैंसर है और कौन सी नहीं। इससे पहले कि आप ब्रेस्ट कैंसर की दहशत का शिकार हो जाएं। अपने ब्रेस्ट को खुद जांचना सीखें। और यह भी जानें कि कौन सी बीमारियां ब्रेस्ट कैंसर जैसी होती हैंए लेकिन कैंसर नहीं होतीं। अगर आप भी स्तर कैंसर से परेशान है तो आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से स्तन कैंसर से छुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है स्तर कैंसर क्या है

ब्रेस्ट में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। अगर आप एक टाइट या खराब फिटिंग की ब्रा पहनती हैं, तो भी ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है। अगर आपके ब्रेस्ट का साइज बड़ा है, तो भार के कारण भी दर्द हो सकता है। कई बार सर्दियों में मेरे पास मरीज ब्रेस्ट में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं। यह कैंसर के कारण नहीं, तापमान में गिरावट के कारण हो सकता है।

कई बार आपको अपने ब्रेस्ट में कोई गांठ महसूस होती है और आप तुरन्त कैंसर के निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं। लेकिन लेडीज यह फाइब्रोसिस मोटे होने के कारण भी हो सकता है। यह आपके पीरियड्स के दौरान भी हो सकता है। यह हॉर्मोन्स के कारण होता है। कई बार फ्लूइड इक_ा होने के कारण सिस्ट हो सकती है और गांठ बन सकती है। फाइब्रो एडेनोमा को भी अक्सर ब्रेस्ट कैंसर समझा जा सकता है। इसे ब्रेस्ट माउस या ब्रेस्ट मार्बल भी कहते हैं। इसका कारण यह है कि यह लम्प यानी गांठ जगह बदलती रहती है जिससे महिलाएं घबरा जातीं हैं। यह कनेक्टिविटी टिश्यू या ग्लैंड्यूलर टिश्यू होते हैं। जिन्हें देखने के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है।

अगर आप भी स्तन कैंसर से जूझ रहे है तो सबसे पहले आपको समझने की जरूरत है कि आपको कैसी समस्या है। इसके बाद आप तुंरत डॉक्टर से परामर्श ले। आप होम्योपैथिक विधि से स्तर कैंसर की समस्या का समाधान कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी स्तन कैंसर की समस्या से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर स्तन कैंसर की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बीमारियों की जड़े है पटाखें

दिवाली में पटाखों से निकलने वाला धुआ मनुष्य के स्वास्थ्य पर असर करता है। ऐसे में कई राज्यों में पटाखें जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है और कई राज्यों में केवल दो घंटे के लिए पटाखें जलाने का समय दिया गया। दिल्ली में पटाखों पर बैन कर दिया गया। एयर क्वालिटी पर निगरानी रखने वाली केंद्र की एजेंसी सफर का कहना है कि अगर दिल्ली में दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़े जाते हैं, तो पीएम 2.5 का स्तर बीते चार सालों में सबसे कम रहने की संभावना है। ऐसे में पटाखे पर बैन की बहस से अलग सेहत के लिहाज से देखें्र तो पटाखों का असर पर्यावरण पर ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी पटाखे जलाना खतरनाक है। पटाखें से आपको कई रोग घेर सकते है।

सांस की बीमारी

पटाखों को बनाने में गन पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। पटाखों से हवा में सल्फर डाई ऑक्साइड फैलती है। जिसके कारण वायु प्रदूषण फैलता है और दमा के रोगियों के लिए जहर का काम करता है। यह दमा रोगियों के लिए खतरनाक है।

फेफड़ों का कैंसर

दिवाली में चारों ओर पटाखें जलाते जाते है। पटाखों में मौजूद पोटैशियम क्लोरेट तेज रोशनी पैदा करते हैं जिसकी वजह से हवा जहरीली हो जाती है और फेफड़ों से जुड़ी समस्या होती है।

आंखों की समस्या

दिवाली के पटाखों से होने वाले प्रदूषण से ऐसे जहरीले कण निकलते हैं जिनकी वजह से आंखों में जलन और पानी निकलने की समस्या हो जाती है। ऐसे में आंखों को नुकसान होता है।

बहरापन
दीवाली में अब बड़ी-बड़ी गंूज करने वाले बम आ गये है। ऐसे में कई बार तेज धमाकों के पटाखों की वजह से कान के पर्दे तक फट जाते हैं। जिनसे बहरापन होने का खतरा रहता है।

गर्भवतियों के लिए खतरा

दीवाली के समय पटाखे जलाने पर खतरनाक कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस सांस में घुलकर गर्भवती स्त्री के गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे गर्भपात तक होने का खतरा रहता है।

जोड़ो में दर्द की समस्या

सर्दियों के मौसम में अक्सर जोड़ो में दर्द की समस्या बढ़ जाती है। उन लोगों पर सर्दियों का असर जल्दी होता है, जिनकी हड्डियां कमजोर हैं या फिर जिन्हें हड्डियों से संबंधित कोई समस्या है। शरीर में किसी भी प्रकार के विकार के कारण हड्डियों में दर्द और सूजन की दिक्कत उत्पन्न होना आम बात है। इससे जोड़ों का दर्द भी बढऩे लगता है। जोड़ों में यूरिक एसिड के इक_ा होने से भी इसमें दर्द होने लगता है। कई बार अनुवांशिक कारण भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। आज हम बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से जोड़ों के दर्द से छ़ुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

जोड़ो की कोमलता
जोड़ो में गर्मी
जोड़ो की विकृति
गंभीर या मध्यम दर्द
जोड़ो का अकड़ जाना
संयुक्त गतिहीनता
संयुक्त लालिमा
जोड़ का सूजन

जोड़ो में दर्द का कारण-

प्रतिक्रियाशील गठिया
रूमेटिक फीवर
ल्युकेमिया
एडल्ट स्टिल की बीमारी
रीढ़ के जोड़ों में गतिविधि
एवास्क्यूलर नेक्रोसिस
बच्चों को गठिया
सोरियाटिक गठिया

होम्योपैथिक उपचार

अगर आप भी जोड़ों के दर्द से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन का जोड़ों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर बतायें गये दवाओं का सेवन का जोड़ों के दर्द से मुक्ति पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखे।