खसरा को होम्योपैथिक उपचार

बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम या अन्य कई तरह के वायरल इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। इन्हीं में से एक खसरा रोग भी है, जो एक तरह का वायरल इंफेक्शन होता है। यह काफी संक्रामक होता है और कुछ मामलों में जानलेवा तक हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इसके लक्षणों को जानकर इसका तुरंत इलाज शुरू किया जाए। आज हम आपकों खसरा के लक्षण और उपचार के बारे में भी बताएंगे, ताकि आपको वक्त रहते इसका इलाज करने में आसानी हो।

खसरा के लक्षण

बुखार
मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे
आंखे लाल होना
गले में दर्द
मांसपेशियों में दर्द
सदी-जुकाम

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी खसरा की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर खसरा की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

पेशाब में प्रोटीन

पेशाब में प्रोटीन आने के कई कारण हो सकते है। जब हमारे स्वस्थ शरीर को बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन मिलती है तो शरीर अतिरिक्त प्रोटीन को पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देती है। किडनी को यह काम करने में समस्या हो सकती है इस कारण से पेशाब में प्रोटीन आने से पेशाब में झाग आने लगता है। पेशाब में यदि सामान्य से ज्यादा प्रोटीन है तो यह किडनी के खराबी के ओर भी संकेत करता है। किडनी खराबी के कारण तो पेशाब में प्रोटीन आ ही सकते हैं पर किडनी खराबी के अलावा अन्य कई कारणों से या कई बीमारियों में पेशाब में प्रोटीन आ सकते हैं। आज हम आपकों बतायेंगे होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

पेशाब में प्रोटीन आने के कारण

किडनी की खराबी
अमाइलोइडोसिस
मधुमेह
हार्ट अटैक
उच्च रक्तचाप
होजकिन रोग
लुपुस
मलेरिया
मयलोमा

होम्योपैथिक उपचार

अगर आप भी पेशाब में प्रोटीन की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर पेशाब में प्रोटीन की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

हाइपोथर्मिया

शरीर का एक सामान्य तापमान होता है, जो कि शरीर द्वारा कंट्रोल किया जाता है। जब शरीर का तापमान इस सामान्य व सुरक्षित स्तर से अचानक नीचे गिर जाता है, तो यह हाइपोथर्मिया कहलाता है। यह समस्या जानलेवा भी साबित हो सकती है और खासतौर से नवजात और बुजुर्ग लोगों के लिए तो यह समस्या काफी खतरनाक होती है। शरीर इतनी शारीरिक गर्मी का उत्पादन नहीं कर पाता, जितनी गर्मी आपके शरीर द्वारा इस्तेमाल की जा रही है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

हाइपोथर्मिया के कारण-

शारीरिक थकान
याद्दाश्त कमजोर होना
बोलचाल में परेशानी
बेहोश होना
कंपन महसूस करना
सांसें धीमी होना
बोलने की गति कम होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हाइपोथर्मिया की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हाइपोथर्मिया की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

एडिमा की समस्या

चिकित्सकीय भाषा में सूजन को एडिमा कहा जाता है। यह शरीर के किसी हिस्से में द्रव व तरल पदार्थ के इक_ा होने के कारण होने वाली सूजन को एडिमा कहते हैं। यह हमारे शरीर के किसी एक हिस्से या पूरे शरीर में हो सकता है। सूजन सबसे ज्यादा शरीर के हाथ और पैरों में होती है। एडिमा व सूजन से प्रभावित इन हिस्से को एडेमेटस कहा जाता है। कई बार एडिमा गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है। आप एडिमा का होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

एडिमा के लक्षण

पेट का आकार बढऩा
शरीर के अंगों में दर्द होना
वजन का घटना व बढऩा
चमकीली त्वचा
त्वचा में खिंचावट
त्वचा पर गड्ढे पडऩा
नाड़ी रेट का बढऩा

एडिमा के कारण

लिम्फ नोड्स
गर्म मौसम में चलना
ब्लड क्लॉट
इंफेक्शन
बुढ़ापा
सनबर्न
हृदय घात
गुर्दे की बीमारी
सिरोसिस
गर्भावस्था

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी एडिमा की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर एडिमा की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

लिपोमा का उपचार

कई बार हमारे शरीर में किसी भी जगह गांठ बन जाती है। इसे आम भाषा में चर्बी की गांठ या फिर लिपोमा कहते है। इसमें ज्यादा दर्द तो नहीं होता, लेकिन दिखने में अजीब लगती है। अगर यह गांठ ऐसी जगह हो, जो सभी को नजर आए तो और बुरा लगता है। ऐसे में कुछ लोग तो घर से बाहर निकलना तक बंद कर देते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसी समस्या से गुजर रहे हैंए तो हमारा यह आर्टिकल आपकी मदद कर सकता है। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

लिपोमा के कारण

मोटापा की समस्या
अधिक शराब का सेवन
लीवर संबंधी रोग
आनुवांशिक
घाव के कारण

चर्बी की गांठ के लक्षण –

गांठ गर्दन
कंधे गांठ
हाथ में गांठ
कमर गांठ
पेट व जांघ पर गांठ

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी लिपोमा की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर लिपोमा की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है,अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को ध्यानपूर्वक देखे।

पेशाब में बदबू

अक्सर लोगों का पेशाब बहुत ज्यादा बदबू करता है। हालांकि यह एक सामान्य समस्या है, लेकिन हमें इसे नजरअंदाज करना भी सेहत के लिए ठीक नहीं है। पेशाब में बदबू आने के कई कारण हो सकते है। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। कुछ बीमारी है जो हमारे पूर्वजों को हुई थी वह है हमारे शरीर के अंदर भी आ जाना। महिलाओं में एक बीमारी होती है ट्राईमेथीलेमिनुरिया। इस बीमारी में पेशाब से एक अजीब सी बदबू आती है जिसके कारण महिलाओं में पीरियड्स के अनियमित हो जाते हैं।

पेशाब में बदबू के कारण-

मसालेदार खाने का सेवन
एल्कोहल का सेवन
डायबिटीज की समस्या
गर्भवती होने पर
यूटीआई
साफ.-सफाई न करना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके पेशाब में भी बदबू आ रही है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पेशाब में बदबू की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

टाइफाइड

टाइफाइड एक संक्रामक बुखार है। यह बुखार साल्मोनेला बैक्टीरिया के संपर्क में आने से ही होता है। टाइफाइड बुखार में व्यक्ति के शरीर का तापमान 102 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। साल्मोनेला टायफी बैक्टीरिया गंदे पानी और संक्रमित भोजन से फैलता है। टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है, यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होता है। यह साल्मोनेला पैराटाइफी बैक्टीरियम से भी फैलता है। टाइफाइड बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए लोगों के अन्दर जाता है और इसके द्वारा बहुत से लोगों में यह फैल जाता है। आप होम्योपैथिक विधि से टाइफाइड का उपचार कर सकते है।

टाइफाइड के लक्षण-

दस्त और कब्ज होना
पेट दर्द होना
कफ की समस्या
सरदर्द होना
104 डिग्री तक बुखार आना
शरीर में दर्द होना
जी मिचलाना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप टाइफाइड की बीमारी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से आसानी से इसका उपचार कर सकते है। यूपेटोरियमप्रफोलिएटम-200 एक होम्योपैथिक दवा है। यह दवा इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन एंड होम्योपेथिक डिपार्टमेंट की ओर से रिकोमेंडिड है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है तथा स्वाद में मीठी है। इस दवा को किसी भी उम्र का व्यक्ति गर्भवती महिला बच्चा भी ले सकता है। दवा लेने के तरीके के बारे में बताया कि तीन दिन चार गोली सुबह चार शाम को लेनी हैं। फिर हर चौथे दिन चार गोली सुबह खाली पेट चूसनी हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

रक्त विकार की समस्या

शरीर के लिए सही ब्लड सर्कुलेशन महत्वपूर्ण है। सर्कुलेटरी सिस्टम शरीर के विभिन्न भागों में रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्व भेजने के लिए जिम्मेदार है। जब इसमें खराबी होती है, तो शरीर में कोशिकाएं ऑक्सीजन और पोषक तत्व पाने में असमर्थ हो जाती हैं, जो उन्हें स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होती हैं। खराब ब्लड सर्कुलेशन के कुछ सामान्य कारणों में एथेरोस्क्लेरोसिस डायबिटीज, खून के थक्के, अधिक वजन होना, हाई ब्लडप्रेशर, गतिहीन जीवन शैली और धूम्रपान शामिल हैं। ब्लड सर्कुलेशन में गड़बड़ी के आम लक्षणों में ये शामिल हैं। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप रक्त विकार को ठीक कर सकते है।

खून खराब होने के कारण

तला भोजन
बासी भोजन
नींद पूरी न होना
जंक फूड
मोटापा
मधुमेह
पानी का कम सेवन
हार्मोन्स में बदलाव

आइये जानते है इसके लक्षण

त्वचा मेंं दाने
पीलिया
सिरदर्द
एलर्जी
चिड़चिड़ापन
फुंसियां

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी रक्त विकार की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर रक्त विकार की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को ध्यानपूर्वक देखे।

पथरी का उपचार

किडनी की पथरी एक क्रिस्टलीय और कठोर खनिज पदार्थ है जो किडनी के भीतर या हमारे मूत्र पथ में बनता है। किडनी की पथरी हेमट्यूरिया का एक सामान्य कारण है और अक्सर पेट, कमर या पेट में गंभीर दर्द होता है। किडनी स्टोन को किडनी की पथरी भी कहा जाता है। मूत्र पथरी, ज्यादातर उन रोगियों में विकसित होती है जो 20-49 वर्ष के बीच के होते हैं और जिन लोगों को इस बीमारी के एक से अधिक बार का सामना करना पड़ता है, उन्हें हमेशा आगे के पत्थर के विकास का खतरा होता है। अगर आप भी पथरी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

पथरी के पहले लक्षण

पेट में दर्द
पीठ या कमर में दर्द
पेशाब के दौरान जलन
पेशाब में दुर्गंध
मतली और उल्टी
ठंड लगना
बुखार
ऑल्टुरिया
मूत्र में रक्त के निशान

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पथरी की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर पथरी की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को ध्यानपूर्वक देखे।

बंद नाक

सर्दियां आते ही नाक, गले की परेशानियां भी शुरू हो जाती है। ऐसे में ज्यादातर लोग डॉक्टर के पास जाना पसंद नहीं करते और घर में रखी कोई पेन किलर खा लेते हैं लेकिन बार-बार दवाई लेने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। इसलिए आपको इन छोटी-छोटी परेशानियों का होम्योपैथिक उपाय करना चाहिए। हालांकि लोग विक्स के जरिए बंद नाक खोलने का तरीका अपनाते है। गले पर लगाने से भी यह काफी हद तक राहत देता है। आप बंद नाक और गले की दिक्कत के लिए गर्म पानी में विक्स डालकर उसकी भाप भी ले सकते हैं। लेकिन आप होम्योपैथिक विधि से इसका सही उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

एलर्जी
परागज ज्वर
नाक की बीच वाली दीवार
नाक में कैंसर
वातावरणीय पदार्थ
साइनस संक्रमण

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी नाक बंद होने की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर नाक बंद होने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।