मसूड़ों में सूजन

अक्सर लोगों को कभी न कभी दांतों में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। दांतों में जब दर्द होता है तो बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। इसके अलावा मसूड़ों में सूजन की समस्या भी हो जाती है। मसूड़े हमारे दांतों के लिए एक ऐसे सुरक्षा कवच होते हैं कि अगर उन्हें किसी भी प्रकार का रोग हो जाए तो वह हमारे दांतों के स्वास्थ्य के लिए बुरे परिणाम दे सकते हैं। इस कारण मसूड़ों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप मसूड़ों के सूजन से छुटकारा पा सकते है। मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप नियमित रूप से ब्रश तो करते ही हैं लेकिन कुछ विटामिंस की कमी और कीटाणुओं की वजह से मसूड़ों से जुड़ा रोग हो जाता है और इनमें से खून आने और सूजन जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।

मसूड़ों में सूजन के लक्षण-

मसूड़ों में दर्द होना
छूने पर दर्द
मसूड़ों से खून आना
मसूड़़ों में लालिमा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मसूड़ों की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मसूड़ों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

शिुश को बुखार

अक्सर लोग बच्चों को बुखार आने में घबरा जाते है। बच्चों में बुखार ठीक करने का सबसे बेहतर तरीका है आहार, जो शरीर की संक्रमण से लडऩे में मदद करता है। बुखार के साथ भूख में भी कमी आती है। अगर बुखार होने पर आपके बच्‍चे या शिशु का कुछ खाने का मन नहीं कर रहा है तो उसे उसकी पसंद की चीजें खिलाएं जो कि पौष्टिक भी हों। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से शिशु के बुखार को ठीक कर सकते है। इस दौरान शिशु को मां या बोतल के दूध की जरूरत भी हो सकती है। मां के दूध से शिशु को सभी आवश्‍यक पोषक तत्‍व मिल जाते हैं।

शिशु में बुखार के लक्षण-

खेलने में रूचि न होना
सोने में परेशानी
शरीर का गर्म होना
खाना कम खाना
स्तनपान न करना
रोते रहना

आइये जानते है कारण

टीकाकरण
कान में संक्रमण
निमोनिया
ज्यादा कपड़े पहनना
सर्दी जुकाम

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी शिशु बुखार से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर शिशु के बुखार से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

अंडकोश में दर्द

अंडकोष दो वृषणों यानी टेस्टिस से मिलकर बना है। हम इसे अंग्रेजी में टेस्टिकल्स कहते हैं, जो कि मेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का हिस्सा होता है। इसका कार्य वीर्य और टेस्टोस्टेरोन नामक मेल हार्मोन का उत्पादन करना होता है। वृषणों का आकार अंडे की तरह होता है, जिन्हें बाहर से स्क्रॉटम यानी अंडकोष की थैली सुरक्षा प्रदान करती है। इस अंग में दर्द या असहजता होना अंडकोष में दर्द कहलाता है। कभी-कभी ये दर्द असहनीय हो जाता है। ऐसे में आप होम्यापैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। इसके जानते है इसके लक्षण है।

अंडकोष में दर्द के लक्षण-

टेस्टिकल्स में सूजन
जी मिचलाना
उल्टी आना
पेट में दर्द
स्क्रॉटम में उभार महसूस होना
स्क्रॉटम पर लालिमा आना
स्क्रॉटम गर्म लगना
स्क्रॉटम में सूजन
ग्रोइन एरिया में दर्द
पेशाब में खून आना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी अंडकोश की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर अंडकोश की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

पित्ताशय में पथरी

आज हम आपको बतायेंगे पित्ताशय में पथरी क्यों होती है। पित्ताशय की पथरी पाचन तरल पदार्थ का कठोर रूप होता है, जो पित्ताशय की थैली में बन जाता है। पित्ताशय की पथरी कोलेस्ट्रॉल से बने छोट-छोटे टुकड़े होते हैं, शुरूआत में इनका आकार बहुत छोटा होता है, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ इनका आकार काफी बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को पेट में असहनीय दर्द होता है। आप होम्यापैथिक विधि से पित्ताशय की पथरी का उपचार कर सकते है। आइये जानते है इसके कारण, लक्षण और उपचार का तरीका।

पित्ताशय में पथरी के लक्षण-

पेट में दर्द होना
डायरिया होना
बदहजमी होना
जी मचलाना
उल्टी आना

पित्ताशय की पथरी के कारण

मसालेदार भोजन
सर्जरी को कराना
अधिक वजन
अधिक उम्र
अनुवांशिक

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पित्ताशय की पथरी की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पित्ताशय की पथरी से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

सर्दियों में रूखी त्वचा

सर्दियों में लाख कोशिश करने के बाद भी त्वचा रूखी हो ही जाती है। सर्दी के मौसम में ठंड से बचने के लिए हम गर्म कपड़ों की मदद से ख़ुद को तो बचा लेते हैं, लेकिन अक्सर हम अपनी त्वचा की देखभाल ढंग से नहीं कर पाते, जिससे त्वचा का निखार कम होने लगता है। सर्द हवा, त्वचा की नमी को पूरी तरह से छीन लेती हैं, जिससे त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। आप होम्योपैथिक विधि से रूखी त्वचा में जान डाल सकते है। आइये जानते है होम्योपैथिक विधि का उपयोग कैसे करेें।

रूखी त्वचा के कारण-

दवाईयों का असर
त्वचा का रोग ग्रस्त होना
गर्म पानी से स्नान
हाइपोथायरायडिज्म
शुष्क मौसम
कम क्रीम वाला साबुन
मधुमेह
सूर्य की किरणें
तैरना
एजिंग स्किन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी रूखी त्वचा की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर रूखी त्वचा की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

ब्लड प्रेशर की होम्योपैथिक दवा

शरीर में मौजूद रक्त नसों में लगातार दौड़ता रहता है और इसी रक्त के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक ऊर्जा और पोषण के लिए जरूरी ऑक्सीजन, ग्लूकोज, विटामिन्स, मिनरल्स आदि पहुंचते हैं। ब्लड प्रेशर उस दबाव को कहते हैं, जो रक्त प्रवाह की वजह से नसों की दीवारों पर पड़ता है। ये ब्लड प्रेशर इस बात पर निर्भर करता है कि हृदय कितनी गति से रक्त को पंप कर रहा है और रक्त को नसों में प्रवाहित होने में कितने अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादा रक्त का दबाव हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से हाई ब्लड प्रेशर पर काबू पा सकते है।

ब्लड प्रेशर बढऩे के कारण

वजन बढऩा
धूम्रपान करना
ज्यादा नमक का सेवन
व्यायाम या योगा न करना
शराब का सेवन
65 साल से ज्यादा उम्र
सब्जियों का सेवन न करना
पेय पदार्थ का सेवन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी ब्लड प्रेशर बढऩे की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर ब्लड प्रेशर बढऩे की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

डायबिटीज की समस्या

जब शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है तो इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। यह इंसुलिन की कमी के कारण होता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो पाचन से बनता है। डायबिटीज लगातार एक गंभीर बीमारी बनती जा रही है। इसके रोगियों की संख्या में दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। डायबिटीज अंदर से धीर-धीरे खोखला कर सकती है। इसे धीमी मौत भी कहा जाता है। कई लोगों ने आपको डायबिटीज से बचने के उपाय और सुझाव दिए होंगे लेकिन डायबिटीज को बेहतर जीवनशैली, खानपान और एक्सरसाइज से ही कंट्रोल किया जा सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

ज्यादा मीठा खाना
पानी की कमी
मोटापा हो सकता है कारण
व्यायाम न करना
कम नींद लेना
अनहेल्दी डाइट लेना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी डायबिटीज की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर डायबिटीज की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

पेट में गैस

पेट में गैस की समस्या को पेट में वायु बनना या गैस बनना आदि भी बोला जाता है। इसे पेट या आंतों की गैस और पेट फूलना भी कहते हैं। आजकल अस्वस्थ आहार और सुस्त जीवनशैली के कारण पेट में गैस की समस्या होना आम बात हो गई है। अगर किसी दिन पेट में गैस बन जाए, तो खाना-पीना और काम करना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों को तो गैस का दर्द इतना परेशान करता है कि उनके लिए सांस तक लेना कठिन हो जाता है। गैस के चलते पेट में भारीपन व दर्द, आंखों में जलन, उल्टी आने का अहसास होना और सिर में दर्द तक होता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से पेट के गैस का उपचार कर सकते है।

आइये जानते है गैस के कारण-

अत्यधिक भोजन करना
बैक्टीरिया
भोजन चबाकर न खाना
पेट में अम्ल
दूध का सेवन
अधिक शराब पीना
मानसिक चिंता या स्ट्रेस
एसिडिटी,
बदहजमी
मिठास और सॉरबिटोल खाना
सुबह नाश्ता न करना
जंक फूड
बासी भोजन करना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पेट की गैस की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पेट की गैस की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

लिपोमा की समस्या

लिपोमा एक गांठ होती है, जो शरीर के किसी भी हिस्से में वसा की मात्रा बढ़ जाने से होती है। यह अधिकांश स्किन के आंतरिक हिस्से में होती है। इसके ज्यादातर होने की संभावना कंधे, छाती, जांघों और अंडरआर्म के हिस्स में बनती है। यह एक तरह के साधारण फोड़े की तरह ही होता है, अंतर यह है कि फोड़ा स्किन के बाहरी हिस्से में होता है और लिपोमा आंतरिक हिस्से में होता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

लिपोमा के कारण-

जन्मजात
घाव के कारण
मोटापा
अधिक शराब का सेवन
लीवर संबंधी रोग

लक्षण-

गांठ गर्दन
कंधे व हाथ में गांठ
छूने पर गांठ महसूस होना
नस पर दबाव
कब्ज की समस्या

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी लिपोमा की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर लिपोमा की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

धूम्रपान से खांसी

लोगों के धूम्रपान करने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें निकोटिन एक ऐसा मादक पदार्थ है, जो किसी के चाहने पर भी उसे धूम्रपान नहीं छोडऩे देता।अगर किसी स्मोकर की आवाज में घरघराहट आ जाए तो इसे सीओपीडी का शुरूआती संकेत माना जाना चाहिए। यह फेंफड़ों में संक्रमण की तेजी से फैलने वाली अवस्था है हवा की नली में धूप से हुई झुलसन जैसा है। सीओपीडी में वो इतना झुलस जाती हैं कि वह हवा के आने.जाने को रोकने लगती हैं। खांसी, थूक निकलना और हल्की कसरत में भी दम फूलना इसके शुरूआती लक्षण हैं। धूम्रपान व शराब का सेवन करने से वायरस तेजी से बढऩे लगते हैं। सबसे पहले यह वायरस फेफड़ों पर जाल बनाकर कमजोर बना देते हैं।

बीमारी फैलने के कारण

दूषित हवा
अधिक भीड़ वाली जगह में रहना
पौष्टिक आहार न मिलना
धूम्रपान
तंबाकू व शराब का अधिक सेवन
घर में एक साथ सोना व उठना-बैठना
खांसी
खुली जगहों पर थूक देना

https://www.youtube.com/watch?v=9ifBTsKz1bI

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी खांसी की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर खांसी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।