बवासीर है तो घबराये नहीं, आजमाये ये होम्योपैथिक उपाय
लोग बवासीर की बीमारी से परेशान रहते है। बवासीर की बीमारी होने पर एनस के अंदर और बाहरी हिस्से की शिराओं में सूजन आ जाती है। इसके चलतेे गुदा के अंदरूनी हिस्से में या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से जैसे बन जाते हैं, जिनमें से कई बार खून निकलता है और बेतहासा दर्द भी होता है। आमतौर पर लोग इस बीमारी नजरअंदाज करते हैं। जिससे व्यक्ति को कब्ज, मल त्याग के दौरान दर्द व जलन व अन्य कई तरह की समस्याएं होती है। वैसे तो बवासीर की समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन अगर आप जानना चाहते हैं कि बवासीर की परेशानी किन कारणों से होती है तो आइये जानते है इसके कारण-
मल त्याग करते समय तेज चमकदार रक्त का आना या म्यूकस का आना।
एनस के आसपास सूजन या गांठ सी महसूस होना।
एनस के आसपास खुजली का होना।
मल त्याग करने के बाद भी ऐसा लगते रहना जैसे पेट साफ न हुआ हो।
पाइल्स के मस्सों में सिर्फ खून आता है, दर्द नहीं होता।
अगर दर्द है तो इसकी वजह है इंफेक्शन।
बवासीर में कैसे करें होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल देखिये वीडियो-
बाहरी बवासीर- यह बवासीर मलाशय में होता है। जहां से स्टूल पास होता।
अंदरूनी बवासीर – यह बवासीर रेक्टम के अंदर होते हैं। कई बार इन्हें बाहर से नहीं देखा जा सकता है।
प्रोलेप्सेड बवासीर-यह बवासीर अंदरूनी बवासीर के बाद होता है। अंदरूनी बवासीर में सूजन होती है ।
खूनी बवासीर -खूनी बवासीर होने पर आस-पास की नसों में खून के थक्के बनने लगते हैं। यह एनस के बाहर और अंदर दोनों जगह हो सकता है।
बवासीर के लिए होम्योपैथी में बहुत अच्छा इलाज है और कई मामलों में स्टेज 3 के होम्योपैथी को भी इसकी मदद से ठीक किया जा सकता है। बवासीर के बहुत कम मामले ऐसे होते हैं, जिनमें सर्जरी की जरूरत होती है। बाकी बवासीर दवाओं से ही ठीक हो सकते हैं। साथ ही शुरुआती स्टेज के बवासीर में एकदम सर्जरी की ओर जाने से बचना चाहिए। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार को लेकर कोई शंका या फिर प्रश्न है तो आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ एन सी पांडेय जी से राय लेकर उपचार कर सकते है।