Nose Bleeding
नकसीर फूटना रोग यदि साधारण हो तो अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन नकसीर फूटने का रोग बार-बार हो तो उसे रोकना कठिन होता है। नकसीर में खून हमेशा एक ही तरफ की नाक से न आकर स्वर नली या गलकोष या आमाशय से भी आता है। नाक से खून का स्राव नाक के एक या दोनों छिद्रों से हो सकता है। यदि खून नाक के एक छिद्र से निकल रहा हो तो इसका कारण स्थानिक हो सकता है लेकिन नाक के दोनों छेद से खून निकलता हो तो इसका कारण शरीर का अन्य रोग हो सकता है। नकसीर अधिकतर गर्मी के कारण फूटता है। बच्चों में यह रोग अधिक पाया जाता है।
नकसीर फूटने के कारण :-
नकसीर फूटने के कुछ सामान्य कारण है जिनमे से कुछ कारण निम्न हैं :
नाक या सिर में चोट लगने, नाक में कुछ घुस जाने, नाक खुरचने, नाक की हड्डी पर चोट लगने, मस्तिष्क में खून बढ़ जाने, जिगर का रोग, गर्मी के रोग, बहुत अधिक कार्य करने एवं खांसी आदि कारणों से नाक से खून बहने लगता है। किसी गंभीर बीमारी के कारण , दवाइयों का सेवन करने के कारण, कभी-कभी मासिकधर्म बंद होने के कारण मासिकस्राव के स्थान पर नाक से खून आता है। बवासीर के मस्से से खून आना बंद होकर नाक के रास्ते से खून निकलने लगता है। सर्दी का स्राव रुक जाने के कारण भी नाक से खून निकलने लगता है। कभी-कभी यह रोग सर्दी लगने, सनुसाइटिस रोग, नाक में फोड़ा होने, डिप्थीरिया रोग होने, नाक के बीच की दीवार में खराबी आने तथा फोड़ा होना आदि कारणों से भी नाक से खून निकलने लगता है।
नाक से खून संक्रमित बुखार के कारण से आ सकता है जैसे- फ्ल्यू, खसरा, डेंगू, सांस का रोग, टायफाइड, मलेरिया, उच्च रक्तचाप, कैंसर, धमनी या शिरागत ब्रोंकाइटिस आदि।
शरीर में विटामिन- ´सी´, ´बी´-12, फ्लोरिक ऐसिड एवं विटामिन- ´के´ की कमी के कारण नाक से खून का स्राव होता है।
गरम या सूखे वातावरण के कारण
नकसीर फूटने के लक्षण :-
नाक से खून आना,
नाक से होकर गले में खून आने से खून मिला हुआ बलगम आना।
गले में फंसे बलगम के साथ खून आना या नाक का बंद होना आदि इस रोग के लक्षण होते हैं।
सांस लेने में परेशानी
दिल की धड़कन का असामन्य होना
जानते है नकसीर फूटने पर कुछ होम्योपैथिक दवाएं :
Calcarea Carb 200 की ३-४ खुराक एक बार लें ,
Ammonium Carbonicum 6ch की २ बुँदे , दिन में ३ बार (२ बुँदे सवेरे, २ बुँदे दिन में, २ बुँदे शाम को )
इन दवाओं को लेने के साथ साथ नाख को खरोंचे नहीं और खून न रुकने पर जल्द ही डॉक्टर से परामर्श लें.
ध्यान दे – दवाओं का सेवन बताई गयी विधि और मात्रा में ही करें, आप किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त हैं तो दवाओं का उपयोग करने से पूर्व अपने निकटतम विश्वसनीय होमोपथिक विशेषज्ञ से जरुर परामर्श कर लें।