हथेली पर पसीने से है परेशान
पसीना आने के कई कारण हो सकते है। अक्सर हमारे शरीर के कुछ अंगों में अधिक पसीना आता है लेकिन हथेली और तलवों में हर किसी को पसीना नहीं आता। अगर आप भी हथेली में पसीना आने से परेशान है तो यह जानकारी आपके लिए खास हो सकती है। समान्य: तापमान पर भी हथेली और तलवों में पसीना आना बिल्कुल सामान्य प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह किसी स्वास्थ्य समस्या का सूचक भी हो सकता है। सामान्य या कम तापमान पर भी पसीना आना और खास तौर से हथेली व पैर के तलवों में पसीना आने की यह समस्या हाइपरहाइड्रोसिस नामक बीमारी भी हो सकती है। हालांकि कभी-कभी ऐसा होना सामान्य हो सकता है, लेकिन अक्सर इस तरह से पसीना आना हाइपरहाइड्रोसिस की बीमारी से है।
आइये जानत है इसके कारण-
हाइपरहाइड्रोसिस से पीडि़त लोगों में पसीने की ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं। इसी कारण पसीना आने लगता है। इसका मुख्य कारण स्वेट ग्लैंड यानी पसीने की ग्रंथियों में गड़बड़ी तनाव, गर्भावस्था, धूम्रपान, रजोनिवृत्ति, मोटापे, कुछ दवाओं के असर और कैफीन युक्त चीजों या फिर मसालेदार भोजन के अधिक करने से हो सकती है। वही अगर किसी अन्य कारण व किशोरावस्था में शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव भी पसीने की समस्या बढ़ा सकते हैं। चिंता, डर व तनाव आदि में भी ज्यादा पसीना आता है।
हाइपरहाइड्रोसिस के लक्षण-
जिस इंसान को हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी हो जाती है, उसे बिना किसी तनाव या घबराहट के भी बहुत ज्यादा पसीना की समस्या होती है। गर्मी न हो तब भी ऐसा महसूस होता है। अगर बहुत गर्मी लग रही है, खूब पसीना निकलता है। इस बीमारी के मरीज को इतना पसीना आने लगता है कि उसके कपड़े गीले दिखाई देने लगते हैं। इस बीमारी में सबसे ज्यादा पसीना अंडरआर्म, माथा, हथेलियां, पांव और प्राइवेट पार्ट से निकलता है।
आइये जानते है इसके उपाय-
हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी बेहतर भी कर सकते है। अगर आप यह नहीं करना चाहते है तो होम्योपैथिक दवा आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है। आप किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह लेने के बाद होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये डॉ. एनसी पाण्डेय का वीडियो देख सकते है। जिसमें पूरी जानकारी दी गई है।