हैजा का होम्योपैथिक उपचार
हैजा एक संक्रामक बीमारी है जिसमें मरीज उल्टी-दस्त से पीडि़त होता है। पानी और पोषण की कमी की वजह से यह बीमारी कई बार जानलेवा साबित हो सकती है। हैजा को कॉलरा भी कहते है। बैक्टीरिया खराब खाने और गंदे पानी की वजह से फैलता है। खासकर खाना और पीने का पानी साफ रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हैजा एक
जानलेवा बीमारी है और इससे बचने के लिए इसके प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। आपको बताते हैं कि हैजा कैसे फैलता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से उपचार कर इससे बच सकते है।
हैजा के कारण-
मल-मूत्र और गंदगी
फी-फूड और मछलियों से
सब्जियां और सलाद ठीक न धोना
सफाई नहीं होने से
आइये जानते है हैजा के लक्षण-
नींद और थकान
बुखार का आना
पेशाब न लगना
वजन कम होना
झटके लगना
धडक़न तेज होना
मुंह, गला और आंखों का सूखना
ब्लड प्रेशर कम होना
प्यास बढऩा
मांस-पेशियों में दर्द होना
घबराहट होना
होम्योपैथिक उपचार-
अगर आप हैजा की समस्या परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से आसानी से इसका उपचार कर सकते है। नक्सवोमिका 30, इपिकाक 30, पल्सेटिला 3 एक्स, आइरिस वर्स 30, पोडोफाइलम 200, बेलाडोना 30 और एकोनाइट 3 एक्स होम्योपैथिक दवा का सेवन का चिकित्सक की सलाह पर कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।