Mumps Homeopathic treatment
कनफेड जिसे मम्प्स या गलसुआ भी कहते है। यह रोग एक वायरस से होने वाला एक संक्रमण रोग है, यह मुख्य रूप से व्यक्ति की लार ग्रंथि को प्रभावित करती है । सामान्य भाषा में कान के पीछे पेरोटीड ग्रंथि में सुजन आ जाती है। यह मुख्य रूप से 5 से 15 वर्ष में ज्यादा पाया जाता है । इसमें दर्द भी होता है, यदि किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में व्यक्ति आ जाये तो संभवतः बात करते समय उस व्यक्ति के मुँह से निकलने वाले जीवाणु सामने वाले व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाये तो वह भी इस रोग का शिकार हो सकता है ।
इस रोग के मुख्य लक्षण है :- भूख न लगना , गला खराब होना, बुखार, मुँह खोलते समय दर्द होना, कान के पीछे दर्द होना , खाना खाते समय या पानी पीते समय दर्द होना ।
चिकित्सा : इस रोग के होने पर आप होम्योपैथिक की Paroticlium 30 की २-dram बनवा कर 4-4 गोली 3 बार ले , इसके साथ Silicea 6x और Calc. Flour. 6 की 4-4 गोली मिला कर दिन में 3 बार ले , आप Paroticlium 30 को केवल २ dram ही खाए, परन्तु silicea 6x और Calc. Flour. 6 को लगातार कुछ समय तक खाए, आपको फायदा जरुर होगा ।
दवा के साथ साथ व्यक्ति को थोड़े धर्य की आवश्यकता भी होती है और यदि आप किसी इसे व्यक्ति के संपर्क में आ जाये तो अपनी सुरक्षा के लिए मास्क का प्रयोग करे और यदि आपके घर पर कोई इस रोग से पीड़ित है तो उसे भी मास्क जरुर पहना के रखे ताकि उसके मुँह के जीवाणु किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित न हो सके.