आवाज का बैठ जाना
गला बैठना या कर्कश आवाज, जिसे डिस्फोनिया भी कहा जाता है। जब आवाज अनैच्छिक रूप से सांस, कर्कश या तनावपूर्ण लगती है, आवाज बैठने से व्यक्ति को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि गले से शब्द नहीं निकल पाते। व्यक्ति समझता है कि उसका गला रुंध रहा है। अक्सर गले के बैठने का कारण गला सूखना या फिर गले में सूजन होती है या कई बार सर्दी-जुकाम के कारण इस तरह की समस्या पैदा होती है। गले के बैठने से आवाज में बदलाव देखने को मिलता है। अगर किसी वायरस या फिर बैक्टीरिया के कारण ऐसा होता है
आइये जानते है इसके कारण-
अधिक बीड़ी-सिगरेट पीने, शराब पीने, या ठंडे पदार्थों के बाद तुरन्त गरम पदार्थों का सेवन करने या गरम पदार्थ के बाद ठंडे पदार्थों का प्रयोग करने के कारण गले का स्वर भंग हो जाता है। इसके अलावा कुछ अन्य कारण नीचे दिये गये है।
अगर आपकी ज्यादा तेज चिल्लाने की आदत हो।
वायरस के कारण आवाज बैठ जाती है।
उत्तेजक पदार्थ का सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करने से।
धूम्रमान करने से।
तंबाकू का ज्यादा सेवन करने से।
सर्दी-जुकाम से आवाज का बैठना।
लगातार खांसी का प्रकोप से।
लेरिन्जाइटिस के लक्षण –
आवाज बैठ जाने पर
ज्यादा खांसी।
गले में सूजन।
खांसी के साथ खून निकलना।
आवाज बंद हो जाना।
बोलने समय गले में दर्द होना।
बुखार आना।
सांस लेने में परेशानी होना।
निगलने में दर्द।
गले में खराश रहना।
कैसे करें इसका उपचार-अगर आपकी आवाज बैठ गई है तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप डॉक्टर की सलाह पर होम्योपैथिक विधि से इसका बड़ी आसानी से उपचार कर सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक विधि को लेकर कोई समस्या या परेशानी है तो आप इसके लिए हमारी वेबसाइट पर दिये गये नंबर पर संपर्क कर जानकारी ले सकते है।