सिर दर्द या चक्कर आना

वर्टिगो शब्द लैटिन भाषा वर्टो से लिया गया है। जिसे पर सिर घूमना भी कहते है। वर्टिगो के कारण असंतुलन और चक्कर आने या सिर के चकराने की अनुभूति हो सकती है। इसके आधारभूत कारण के अनुसार यह कुछ पलों से लेकर कुछ मिनटों या घंटों या फिर दिनों तक भी रह सकता है। यह असंतुलन के दौरान जी मिचलाना, उल्टी आना, अधिक पसीने आना अथवा चलने में अस्थिरता का एहसास हो सकता है। सिर हिलाने पर चक्कर बढ़ सकते हैं। वर्टिगो को कुछ लोग अधिक उंचाई पर जाने का डर समझते हैं, लेकिन इस बीमारी को एक्रोफोबिया कहते हैं। यह वर्टिगो नहीं है। आइये जानते है क्यों घूमता है हमार सिर-

इन कारणों से घूमता है सिर-

संतुलन तंत्रिका
मस्तिष्क के ट्यूमर
सर के घाव के कारण होने वाली कान की चोट
वैस्टिब्यूलर माईग्रेन
लेबीरिन्थाइटिस
मैल डे डीबारकेमैंट सिंड्रोम
वैस्टिब्यूलर पैरॉक्सिस्मिया
सुपीरियर सैमीसर्कुलर कैनाल

इस बीमारी के लक्षण-

सिर का घूमना
एकओर झुकना
सरदर्द होना
अस्थिर या असंतुलित महसूस करना।
गिरने का एहसास होना
चक्कर आना

उपचार-

अगर आप सिर घूमने या चक्कर आने से परेशान है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक की सलाह के बाद होम्योपैथिक दवा का उपयोग कर इससे छ़ुटकारा पा सकते है।

क्यों फट जाते है होंठ

होंठ फटने की समस्या मौसम के परिवर्तन के साथ बढ़ती-घटती रहती है लेकिन यह एक ऐसी परेशानी है जो लगभग साल भर रहती है। इसके कई कारण होते हैं लेकिन यह अतिआवश्यक होता है कि हम इनको पहचाने और इनका समाधान ढूँढें। सर्दियां आते ही होंठ फटने लगता है। इसका कारण पानी का कम पीना। सर्दियां आते ही हम पानी की खपत कम कर देते हैं, जिसकी वजह से त्वचा और होंठ फटने लगते है। इन सर्दियों में अपने होंठ को खूबसूरत और नर्म बनाना है तो खूब सारा पानी पीयें और होम्योपैथिक विधि से उपचार करें।

आइये जानते है इसके कारण-

बार-बार होंठों पर जीभ फिराना।
लिपिस्टिक का अधिक उपयोग करना।
गलत लिप बाम का इस्तेमाल करना।
हॉट शावर
सनप्रोटेक्शन का इस्तेंमाल ना करना

उपचार-
आप हल्के गुनगुने पानी से होठों और चेहरे को धो लें। अब चेहरे पर होठों पर अपना रेग्युलर लिप बाम भी लगा सकते है। लेकिन अगर आपकों इसके इस्तेमाल से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक की सलाह के बाद होम्योपैथिक दवा का उपयोग कर इससे छ़ुटकारा पा सकते है।

मस्से का होम्योपैथिक उपचार

मस्सा, हमारी त्वचा की बाहरी परत पर एक मोटी और कठोर गांठ जैसा होता है। यह शरीर पर कहीं भी विकसित हो सकते हैं। इसके कारण गलत खान-पान, दूषित वातावरण या फिर आसपास की गंदगी से कई बैक्टीरिया और वायरस पैदा हो जाते हैं। इन बैक्टीरिया और वायरस की वजह से कई बीमारियां और समस्याएं देखने में आती हैं। कुछ लंबे समय के लिए शरीर में घर कर जाती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है मस्से की समस्याए जो आपकी खूबसूरती पर दाग के समान होते हैं। आप इस समस्या का होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस।
एचपीवी वायरस ।
दूसरों का तौलिया करने से।
घाव वाली त्वचा के संक्रमित होने से

आइये जानते है मस्से के लक्षण-

त्वचा के ऊपर गांठ का होना।
त्वचा के ऊपर गहरे रंग के धब्बे
त्वचा पर अलग-अलग तरह का रंग।
मस्से पर काले धब्बों का होना।
त्वचा पर बनी हुई गांठ मुलायम होना।

उपचार-
अगर आप चेहरे पर मस्से की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। अगर आपको उपचार में कोई समस्या हो रही है तो आप हमारे साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसपी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

डैंड्रफ की परेशानी का होम्योपैथिक उपचार

अब बदलते मौसम में बालों के गिरना और सिर में डैंड्रफ होना एक आम बात हो गई है। आज 80 फीसदी लोगों के सिर में रूसी की समस्या देखी जाती है। खासकर सर्दियों में स्कल्प रूखा होने की वजह से डेंड्रफ जल्दी होता है। लोग रूसी से इतने परेशान हो जाते हैं कि सिर पर स्कार्फ बांधकर घूमते हैं, पार्टी इत्यादि में भी सिर से गिरती रूसी शर्मिंदगी की वजह बन जाती है । आज की भागमभाग भरी जिन्दगी में जहां एक के बाद एक काम और जिम्‍मेदारियों के बीच अपनी ही देखभाल करना हम भूल जाते हैं। जिससे ऐसे में बाल झडऩा, असमय बालों का सफेद होना, बालों का रूखापन और बालों में रूसी जैसी कई और समस्याएं हो जाती हैं।

आइये सबसे पहले जानते है डैंडफ़ के लक्षण-

डैंडफ़ के कुछ लक्षण जो आमतौर पर दिखाई देते हैं।अगर किसी व्यक्ति में रूसी हो तो सिर की त्वचा पर क्रमब्स या फ्लैक्स हो सकते हैं। ऐसे में शुरूआती स्टेज में, ये फ्लैक्स सफेद और छोटे होते हैं और अंत में पीले और चिकने दिखाई देते हैं। ये फ्लैक स्कैल्प और अन्य भागों जैसे नाक, कान, हेयरलाइन, छाती या पीठ और भौंहों के आसपास खुजली पैदा करते हैं।

डैंडफ़ के कारण-

सिर को अच्छे से न धोना।
बालों को शैम्पू से न धोना।
शरीर में हार्मोन बदलने से।
ड्राई स्किन।
बालों में अलग-अलग हेयर वैक्स लगाने से।
बालों में लंबे समय तक तेल का इस्तेमाल नहीं करने से।
अच्छे भोजन का सेवन न करना।

उपचार-
अगर आप बालों में रूसी होने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। अगर आपको उपचार में कोई समस्या हो रही है तो आप हमारे साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसपी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

क्या आप नाक बंद होने से परेशान है?

सर्दियां आते ही नाक, गले की परेशानियां भी शुरू हो जाती है। ठंड के मौसम में चाहे बच्चे हों या बड़े, हर किसी को सर्दी या जुकाम या नाक बंद होने की समस्या का सामना करना ही पड़ता है। हालांकि ज्यादातर मामलों में ये समस्या तीन से पांच दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन इस समस्या के दौरान व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। कई बार लोग राहत पाने के लिए दवाईयों का भी सहारा लेते हैं लेकिन इसका बेहतर उपचार होम्योपैथिक विधि से कर आप अपनी बंद नाक को आसानी से खोल सकते हैं। आइये जानते है इसके कारण और लक्षण-

आइये जानते है नाक बंद होने के कारण-

परागत ज्वर का होना।
एलर्जी
नाक में कैंसर
लंबे समये तक साइनस संक्रमण
नाक की बीच की दीवार

नाक बंद होने के लक्षण-

साइनस का दर्द
बलगम का बनना।
रूकी हुई या बहती नाक
नाक के ऊतकों में सूजन।

उपचार-
अगर आप नाक बंद होने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। अगर आपको उपचार में कोई समस्या हो रही है तो आप हमारे साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसपी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

क्या आप दांत दर्द से परेशान है?

जब दांतों में दर्द होता हो तो गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ले करने से तुरंत आराम मिलता है। दांतों के दर्द में तुरंत आराम के लिए ऐसे ही कुछ आराम और होम्योपैथिक दवाओं की जानकारी आज हम आपको देंगे जिनकी मदद से आपको दर्द से तुरंत राहत महसूस होगी। कई बार लोग इस दर्द से निजात पाने के लिए दांत को उखड़वाना ही बेहतर विकल्प समझते हैं, अगर आपको भी कभी-कभी दांतों के दर्द से दो-चार होना पड़ता है तो आप होम्योपैथिक विधि से उपचार करें जिससे आपको तुंरत राहत मिलेगी।

आइये जानते है दांत दर्द के कारण-

दांतों की सफाई न करना।
दांतों में कीड़े लगना।
दांतों की जड़ों का कमजोर होना।
अक्ल दाढ़ के दौरान दांतों में असहनीय दर्द होना।
मीठे खाने से भी दांत दर्द होना।
खाने के अंश दांतों और मसूड़ों में रह जाना।
कैल्शियम की कमी ।
दांतों में बैक्टीरिया के इन्फेक्शन ।

उपचार-

अगर आपको भी किसी न किसी वजह से दांत में दर्द की शिकायत रहती है तो होम्‍योपैथिक नुस्‍खों की मदद से आप इस समस्‍या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। एक बात का ध्‍यान रखें कि किसी भी बीमारी या स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के लिए अनुभवी होम्‍योपैथिक चिकित्‍सक की सलाह के बाद ही होम्‍योपैथिक दवा का सेवन करना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर दांत दर्द से छुटकारा पा सकते है।

जुखाम की होम्योपैथिक दवा

सर्दी ज़ुखाम नाक, गले, साइनस और ऊपरी वायुमार्ग का वायरल संक्रमण है, जो आपतौर पर गम्भीर नहीं होता। यह बहुत आम है और अधिकांश मामलों में एक या दो सप्ताह के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है। मौसम बदलाव के साथ बीमारियां भी बढऩे लगी है। सुबह शाम की ठंड और दिन की तेज धूप के चलते कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों पर इसका ज्यादा असर हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा सर्दी, बुखार और जुकाम का रहता है। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग हर क्षेत्र में जाकर लोगों की कोरोना जांच करेगा। क्योंकि कोरोना और सर्दी के लक्षण एक जैसे हैं

सर्दी के लक्षण –

गले में खऱाश का होना।
बंद और बहती नाक।
छींक आना।
खांसी होना।
मांसपेशियों में दर्द होना।
स्वाद और गंध ना महसूस होना।
आँखों में हल्की जलन।
कान और चेहरे पर दबाव का अहसास होना।

उपचार-

अगर आप जुखाम से परेशान है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो में डॉक्टर की सलाह पर दवा लेकर आप जुखाम जैसी समस्या से छुटकारा पा सकते है।

चिड़चिड़ापन क्यों होता है?

युवाओं में डिप्रेशन का सबसे आम कारण व्यवहार में बदलाव, ग्रेड्स में गिरावट, सामाजिक तौर पर अलग-थलग होना, चिड़चिड़ा होना या जल्द गुस्सा आना ऐसे संकेत हैं जो कि डिप्रेशन को झलकाते हैं और इनको गंभीरता से लेने की जरूरत है। डिप्रेशन एक ऐसी परिस्थिति है जो उसका व्यवहार भी लगातार उसके हताश होने को दर्शाता ही है। उसकी सामाजिक गतिविधियों और जिंदगी के अन्य हिस्सों में भी हताशा स्पष्ट दिखने लगती है। अगर आप ऐसे किसी भी चरण का सामना कर रहे हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। 20 प्रतिशत युवा अपनी जिंदगी में कभी ना कभी डिप्रेशन का शिकार होते ही हैं। ऐसे में आप सिर्फ अकेले नहीं है जोकि जिंदगी में निराशा महसूस कर रहे हैं।

आइये जानते है चिड़चिड़पन के लक्षण-

नींद नहीं आना।
गुस्सा ज्यादा आना।
शिजी फ्रेनिया।
मानसिक अवसाद।
आत्महत्या का विचार।
माइग्रेन।

ऐसे बचे चिड़चिड़ेपन से-

चिड़चिड़ापन होने पर इससे बचाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। अगर कोई बोर हो रहा है, इसलिए उसे टीवी या मोबाइल न दें। बल्कि उसे किसी हॉबी में शामिल करें जो भी उसे पसंद हो, जैसे- कलरिंग, खेलना, स्विमिंग आदि। अपने बच्चे को हम उम्र बच्चों के साथ खेलने और दोस्त बनाने के लिए प्रेरित करें। इससे उनकी सोशल स्किल्स विकसित होगी। ऐसा करने से बच्चों में चिड़चिड़ापन की समस्या नहीं होगी और वह खुश रहने के साथ.साथ उसका
शारीरिक विकास भी बेहतर होगा।

क्या आप पथरी से परेशान है?

कई बार गलत खान-पान की आदत किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है। जिसके कारण पथरी से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी भी हो सकती है और अन्य जगह भी, कभी न भुलाए जाने वाला दर्द दे सकता है और इसके होने पर सर्जरी या चीरे के बाद ही इसे ऑपरेशन के दौरान निकाला जाता है। लेकिन अगर आप ऑपरेशन से डऱते हैं तो आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर सकते है। आइये सबसे पहले जानते है इसके कारण और लक्षण।

आइये जानते है पथरी के कारण

थायराइड का होना।
वजन का अधिक होना।
बाइपास सर्जरी का कराना।
डिहाइड्रेशन का होना।
कम पानी पीने की आदत
विटामिन सी या कैल्शियम वाली दवा का अधिक सेवन।

पेट में पथरी के लक्षण-

वंशानुगत पथरी।
बार-बार पेशाब में संक्रमण होना।
पेशाब मार्ग में अवरोध होना।
लम्बे समय तक शैयाग्रस्त रहना
हाइपर पैराथायराइडिज्म की तकलीफ होना

उपचार-

अगर आप भी पथरी की समस्या से परेशान है तो होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक से परामर्श के बाद पथरी का उपचार करा सकते है। अगर आपकों होम्योपैथिक विधि को लेकर कोई परेशानी होती है तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक में संपर्क कर सकते है।

क्या आपका वजन बढ़ रहा है?

गलत खानपान और लाइफस्टाइल के चलते वजन का बढऩा एक सामान्य बात है। हालांकि लोग वजन घटाने के लिए कई तरीके अपनाते हैं लेकिन फिर भी कुछ खास फायदा नहीं होता। कई ऐसे बहुत से कारण होते हैं, जो कहीं न कहीं वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं । मोटे लोगों में सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में इस हालत को प्राप्त करने की संभावना तीन से सात गुना अधिक होती है लेकिन छह माह के दौरान वजन में पांच से 10 प्रतिशत तक की कमी से मधुमेह व मोटापे से संबंधित अन्य बीमारियों की शुरुआत में देरी की जा सकती है।

आइये जानते है वजन बढऩे से क्या समस्या हो सकती है-

कमजोर इम्युनिटी सिस्टम
कमजोर मांसपेशियां
हृदय की समस्याएं
विकास में अस्थिरता
कुपोषण
ऊर्जा की कमी
बुखार आना

वजन बढऩे के कारण-

पूरी नींद न लेने के कारण।
अत्यधिक तनाव लेना।
गलत जीवनशैली।
बहुत ज्यादा कैलोरी वाले चीजों का सेवन करना।
अधिक खाना खाने से।
थायराइड होने पर ।
हार्मोन्स में असंतुलन ।
दवाइयों का दोष प्रभाव।
ज्यादा उम्र के चलते।
शरीरिक मेहनत बिल्कुल न करना।

उपचार-

अगर आप वजन बढऩे की समस्या से परेशान है तो घबराये नहीं। आप होम्योपैथिक विधि से वजन बढऩे की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक की सलाह पर अपना उपचार करें।