गले में दर्द का होम्योपैथिक उपचार

जलन, खिचखिच जैसी समस्याओं से गले में दर्द होने लगता है, जो कुछ खाने और निगलने के दौरान बदतर हो जाती हैं। गले में दर्द का सबसे आम कारण वायरल संक्रमण होता है, जैसे सर्दी जुकाम या फ्लू। किसी वायरस से होने वाला गले में दर्द, अपने आप होम्योपैथिक विधि से उसे ठीक कर सकते हो। लेकिन गले में दर्द होने पर आपको इन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

क्यों होता है गले में दर्द

गले में दर्द के कारण बुखार, मसल्स पेन, सिर दर्द और आंखों से पानी तक आने लगता है। गर्मी में आप भी गले के दर्द से परेशान हैं तो आप होम्योपैथि दवाओं का सेवन कर गले के इंफेक्शन से निजात पा सकते हैं।

गले में दर्द का लक्षण-

खुजली व खराश जैसी सनसनी
निगलने व बोलते में दर्द
गला सूखना
गर्दन और जबड़े की ग्रंथियों में सूजन व दर्द
टॉन्सिल में सूजन
कर्कश या धीमी आवाज

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी गले के दर्द से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर गले के दर्द से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

खुजली का होम्योपैथिक उपचार

खुजली होना, वैसे तो एक साधारण बीमारी है, लेकिन सच यह है कि यह रोग जब भी किसी व्यक्ति को होता है तो वह व्यक्ति बीमार त्वचा को खुजलाते-खुजलाते परेशान हो जाता है। खुजली होने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार खुजली कई रोगों का लक्षण भी हो सकती है। क्या आप भी खुजली से परेशान हैं और खुजली का इलाज ढूंढ रहे हैं। गंदगी, एलर्जी या फिर अन्य कारणों से होने वाली खुजली, आपकी त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाती है। कई बार शरीर में छोटी-छोटी फुंसियां होना और उसे खुजाने पर खून निकलने जैसी समस्या भी सामने आती है, जो त्वचा के लिए और भी खतरनाक है। अगर आप भी खुजली से परेशान है तो आप इसका होम्योपैथिक विधि से उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

चिकनपॉक्स
स्किन एलर्जी
हेपेटाइटिस
आयरन की कमी
स्किन एजिंग
डर्मेटाइटिस
साबुन से जलन
रूखी त्वचा
पित्ती
सोरायसिस
रैशज
सनबर्न

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी खुजली से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सर्दी में खुजली समस्या से छुटकारा पा सकते है। बदलते मौसम में ज्यादातर लोग खुजली से परेशान हो जाते हैं, लेकिन यदि हम थोड़ी सी सावधानी रखें, खान-पान पर नियंत्रण रखें और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

सर्दी में बुखार

मानसून का मौसम चल रहा है, यह अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है। ऐसे मेंं सर्दी में बुखार की समस्या अक्सर नजर आती है। जब भी मौसम बदलता है, तो हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। कई संक्रामक बीमारियों हमें घेर सकती हैं। आप एकदम स्वस्थ होने के बाद भी अचानक से बीमार पड़ सकते हैं। मौसम बदलने पर सर्दी-जुकाम होने से बुखार भी चढ़ जाता है। आप होम्योपैथिक विधि से सर्दी में बुखार से निजात पा सकते है। आज हम बतायेंगे सर्दी में बुखार के लक्षण-

सर्दी-बुखार के लक्षण-

गले में खरास
बंद या बहती नाक
छींक आना
खांसी होना
भारी आवाज
आम तौर पर अस्वस्थ महसूस करना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सर्दी में बुखार से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सर्दी में बुखार की समस्या से छुटकारा पा सकते है। बदलते मौसम में ज्यादातर लोग वायरल बुखार, फ्लू, जुकाम, सर्दी, खांसी, गले में खरास से परेशान हो जाते हैं, लेकिन यदि हम थोड़ी सी सावधानी रखें, खान-पान पर नियंत्रण रखें और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

पेशाब में बदबू की समस्या

अक्सर लोगों का पेशाब बहुत ज्यादा बदबू करता है। हालांकि यह एक सामान्य समस्या है, लेकिन हमें इसे नजरअंदाज करना भी सेहत के लिए ठीक नहीं है। पेशाब में बदबू आने के कई कारण हो सकते है। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। कुछ बीमारियां आनुवांशिक होती है जिसका अर्थ यह होता है कि कुछ बीमारी है जो हमारे पूर्वजों को हुई थी वह है हमारे शरीर के अंदर भी आ जाना। महिलाओं में एक बीमारी होती है, ट्राईमेथीलेमिनुरिया। इस बीमारी में पेशाब से एक अजीब सी बदबू आती है जिसके कारण महिलाओं में पीरियड्स के अनियमित हो जाते हैं।

क्यों आती है पेशाब में बदबू

आज हम जानते है पेशाब में बदबू क्यों आती है। हमारेशरीर के विषैले पदार्थ पेशाब के रास्ते बाहर निकलते हैं जिस कारण से उसमें से हल्की बदबू आती है। इसके अलावा जब शरीर में गर्मी पड़ जाए या एल्कोहल का सेवन किया हो तो पेशाब का रंग पीला हो जाता है और उसमें से गंदी बदबू भी आने लगती है लेकिन जब हमेशा ही यूरिन में से
अजीब सी बदबू आने लगे तो इसके कई कारण हो सकते हैं ।

पेशाब में बदबू के कारण-

मसालेदार खाने का सेवन
एल्कोहल का सेवन
डायबिटीज की समस्या
गर्भवती होने पर
यूटीआई
साफ.-सफाई न करना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके पेशाब में भी बदबू आ रही है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पेशाब में बदबू की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

टाइफाइड का होम्योपैथिक उपचार

मियादी बुखार के रूप में जाना जाने वाला टाइफाइड बुखार एक संक्रामक बुखार है। यह बुखार साल्मोनेला बैक्टीरिया के संपर्क में आने से ही होता है। टाइफाइड बुखार में व्यक्ति के शरीर का तापमान 102 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। साल्मोनेला टायफी बैक्टीरिया गंदे पानी और संक्रमित भोजन से फैलता है। टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है, यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होता है। यह साल्मोनेला पैराटाइफी बैक्टीरियम से भी फैलता है। टाइफाइड बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए लोगों के अन्दर जाता है और इसके द्वारा बहुत से लोगों में यह फैल जाता है। बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं। आप होम्योपैथिक विधि से टाइफाइड का उपचार कर सकते है।

टाइफाइड के लक्षण-

सरदर्द होना
104 डिग्री तक बुखार आना
शरीर में दर्द होना
जी मिचलाना
दस्त और कब्ज होना
पेट दर्द होना
कफ की समस्या

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप टाइफाइड की बीमारी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से आसानी से इसका उपचार कर सकते है। यूपेटोरियमप्रफोलिएटम-200 एक होम्योपैथिक दवा है। यह दवा इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन एंड होम्योपेथिक डिपार्टमेंट की ओर से रिकोमेंडिड है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है तथा स्वाद में मीठी है। इस दवा को किसी भी उम्र का व्यक्ति गर्भवती महिला बच्चा भी ले सकता है। दवा लेने के तरीके के बारे में बताया कि तीन दिन चार गोली सुबह चार शाम को लेनी हैं। फिर हर चौथे दिन चार गोली सुबह खाली पेट चूसनी हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

हैजा का होम्योपैथिक उपचार

हैजा एक संक्रामक बीमारी है जिसमें मरीज उल्टी-दस्त से पीडि़त होता है। पानी और पोषण की कमी की वजह से यह बीमारी कई बार जानलेवा साबित हो सकती है। हैजा को कॉलरा भी कहते है। बैक्टीरिया खराब खाने और गंदे पानी की वजह से फैलता है। खासकर खाना और पीने का पानी साफ रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हैजा एक
जानलेवा बीमारी है और इससे बचने के लिए इसके प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। आपको बताते हैं कि हैजा कैसे फैलता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से उपचार कर इससे बच सकते है।

हैजा के कारण-

मल-मूत्र और गंदगी
फी-फूड और मछलियों से
सब्जियां और सलाद ठीक न धोना
सफाई नहीं होने से

आइये जानते है हैजा के लक्षण-

नींद और थकान
बुखार का आना
पेशाब न लगना
वजन कम होना
झटके लगना
धडक़न तेज होना
मुंह, गला और आंखों का सूखना
ब्लड प्रेशर कम होना
प्यास बढऩा
मांस-पेशियों में दर्द होना
घबराहट होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप हैजा की समस्या परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से आसानी से इसका उपचार कर सकते है। नक्सवोमिका 30, इपिकाक 30, पल्सेटिला 3 एक्स, आइरिस वर्स 30, पोडोफाइलम 200, बेलाडोना 30 और एकोनाइट 3 एक्स होम्योपैथिक दवा का सेवन का चिकित्सक की सलाह पर कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

स्लिप डिस्क की समस्या

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने काम में इतने व्यस्त हो गए हैं कि उनके पास खुद को फिट और हेल्दी रखने के लिए समय ही नहीं है। गैजेट्स के बढ़ते चलन ने हमारे हेल्थ के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया है। ऐसे में कमर से जुड़ी हेल्थ प्रॉब्लम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, स्लिप डिस्क इनमें से ही एक है। हमारे शरीर में रीढ की हड्डियों को हड्डी सहारा देती है। रीढ की हड्डियों में हड्डियों का समूह होता है। यह छोटी और बडी आकर की होती है। अगर छोटी हड्डी बडी हो जाये तो इसे स्लिप डिस्क कहते है। स्लिप डिस्क के कारण हाथ या पैर में कमजोरी होती है। ऐसे में कई लोगोें यह पता भी नहीं रहता कि उन्हें स्लिप डिस्क की समस्या आ गई है।

स्लिप डिस्क के लक्षण-

चलने में दर्द
दर्द की जगह जलन
मांसपेशियों में कमजोरी
हाथ में दर्द फैलना
सोते समय दर्द
शरीर के एक हिस्से में अधिक दर्द

आइये जानते है स्लिप डिस्क के कारण-

स्लिप डिस्क के कारण स्लिप डिस्क की समस्या तब होती हैए जब बाहरी रिंग कमजोर हो जाती है या डैमेज हो जाती है और आंतरिक भाग को बाहर निकलने का रास्ता मिल जाता है। ऐसी परेशानी किसी भी उम्र में हो सकती हैए लेकिन बढ़ती उम्र में इसकी चपेट में आने की आशंका अधिक होती है। ज्यादा वजन उठाने से भी स्पाइन के निचले हिस्से में तनाव पड़ सकता हैए जिसके स्लिप डिस्क की परेशानी हो सकती है। फिजिकल वर्क कम या नहीं करने से भी लोग स्लिप डिस्क से ग्रस्त हो रहे हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके स्लिप डिस्क की समस्या से है तो आप डाॅक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर स्लिप डिस्क की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डाॅक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन कर सकते है।

गुर्दे में कैंसर की समस्या

जब गुर्दे की कोशिकाएं घातक रूप धारण कर लेती हैं और नियंत्रण से बाहर होकर एक ट्यूमर बना देती हैं। गुर्दे के लगभग सभी कैंसर पहले किडनी में छोटी ट्यूबों की भीतरी तह में पैदा होते हैं। इस किस्म के गुर्दे के कैंसर को रीनल सैल कार्सिनोमा कहा जाता है। हालांकि शुरूआती दौर में किडनी की बीमारी को पकड़ना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन पेशाब में अगर खून आने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कमर या पेट में दर्द हो या किडनी के आस-पास गांठ जैसी कोई चीज महसूस हो तो इसकी जांच करानी चाहिए। आप एक गुर्दे में कैंसर की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। आप इसके उपचार के लिए चिकित्सक से सलाह ले।

गुर्दों के कैंसर के लक्षण-

पेशाब में खून आना
भूख न लगना
अचानक से वजन कम होना
थकान लगना
पेट में गांठ
पेट के एक तरफ दर्द होना
बहुत अधिक थकावट
खून की कमी
टखनों या टांगों में सूजन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके गुर्दो में कैंसर की समस्या से है तो आप डाॅक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर गुर्दो में कैंसर की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

कजेले में जलन की समस्या

कलेजे में जलन होना सामान्य समस्या है। भोजन में अति होना, चाय ज्यादा पीना व अजीर्ण हो जाने की स्थिति में ऐसा होता है। बार.बार कलेजे में जलन होने लगे तो समझो कि भोजन नली ठीक नहीं है, उसमें आमाशय से तेजाब आ रहा है। सीने में जलन की समस्या हृदय से जुड़ी हुई नहीं होती है बल्कि पेट से संबंधित होती है। अक्सर असंतुलित खान-पान या किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के कारण पेट में गैस या एसिडिटी होने लगती है, जिसके कारण सीने में जलन की परेशानी होती है। सीने में जलन या एसिड रिफलक्‍स होना एक आम पाचन संबंधी समस्‍या है। हालांकि, जीवनशैली और खानपान में कुछ बदलाव करके भी सीने में जलन की दिक्‍कत को कंट्रोल किया जा सकता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप कलेजे में जलन की समस्या को होम्योपैथिक विधि से दूर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना
नियत समय पर खाना न खाना
सामान्य से अधिक वजन हो
पेट पर दबाव पड़ना
यह मोटापा
गर्भावस्था
तंग कपड़े पहनाना
हर्निया
खाना खाने के तुरंत बाद सो जाना
मसालेदार भोजन
धूम्रपान और तनाव

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके कलेजे में जन की समस्या से है तो आप डाॅक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर कलेजे में जन की समस्या से निजात पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

स्तनों में दर्द की समस्या

महिलाओं के एक या दोनों ब्रेस्ट में दर्द होना एक सामान्य सी बात है। लेकिन ब्रेस्ट में दर्द, चुभन या असहजता अक्सर कम उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। शुरूआती दौर में थोड़ी तकलीफ से शुरू होकर तेज सूई के चुभने जैसा दर्द तक हो सकता है। किसी को सिर्फ पीरियड्स के आसपास ऐसा दर्द होता है, तो किसी को पूरे महीने यह परेशानी रह सकती है। अगर आप भी स्तनों के दर्द से परेशान है तो आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है स्तनों में दर्द का कारण-

हार्मोन्स में बदलाव
स्तनों में चोट लगना
डिलवरी में दर्द
अगर किसी तरह की चोट लग गई हो
स्तनों में इंफेक्शन
मेनॉपॉज

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी स्तनों के दर्द की समस्या से परेशान है तो आप डाॅक्टर से जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर स्तनों के दर्द से निजात पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।