कान में सीटी जैसी बजना

कई लोगों में शांत वातावरण में बैठे होने और किसी तरह का बाहरी शोर नहीं होने पर भी कानों में आवाज गूंजने की समस्या से परेशान रहते है। कानों में सीटी बजने जैसी आवाज आना एक बीमारी है। टिनिटस के सामान्य कारणों में कान में मैल हो जाना, कान में पस पडऩा, गंभीर चोट या संक्रमण के कारण कान के पर्दे में छेद होना या फिर लगातार तेज आवाज सुनने के कारण कान में क्षति हुई हो। जिससे कानों में सीटी जैसी आवाज आती है। आज हम आपको बतायें कैसे आप इस समस्या के छुटकारा पा सकते है।

कानों में सीटी जैसी आवाज के आने के कई लक्षण है। जैसे कानों में सि‍सकारी, दहाड़ जैसी आवाजें, कानों का बजना एवं आवाज का कानों में गूंजते रहना, टिनिटस के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। यह आवाजें कम या ज्यादा तीव्रता लिए होती हैं। आवाज का गूंजना एक या दोनों कानों में भी हो सकता है। इसके अलावा यह समस्या कुछ दिनों तक या लंबे समय तक रह सकती है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप कान की सीटी से पीडि़त है तो आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना उपचार करें। इससे आपको बुखार से तुंरत छुटकारा मिल जायेगा।

बदन दर्द का होम्योपैथिक उपचार

क्या आपकों बदन दर्द की शिकायत रहती ह। अक्सर ऑफिस में शाम होते-होते आप बहुत ही थका हुआ महसूस करने लगते हैं। इसके पीछे के कारण दिन भर की थकान मानी जाती है और लोग बदन दर्द की टेबलेट कही जाने वाली कोई दवा लेकर इसे अनदेखा कर देते है। थोड़े-थोड़े दिनों में बुखार और बदन दर्द की दवा लेते हैं या शरीर दर्द की दवा आपके बैग में हमेशा रहती है। आइये जानते है बदन दर्द के कारण और इसके लक्षण, कैसे करें इसका उपचार।

आइये सबसे पहले आपकों बताते है बदन दर्द के कारण-

अगर आपकों फ्लू हुआ।
थायरॉइड के कारण।
अक्सर ब्‍लड प्रेशर का सामान्‍य न होना।
बॉडी में दर्द के कारण।
विटामिन डी की कमी चलते।
ज्यादा देर बैठकर काम करने से।
गलत तरीके से वजन उठाने पर।
बहुत ज्‍यादा व्‍यायाम करने से।

बदन दर्द के लक्षण-

जोड़ों में दर्द
दर्द के कारण नींद न आना
कमजोरी के कारण बीमार जैसा महसूस करना
गर्दन में दर्द
पीठ में दर्द
मांसपेशियों में दर्द
बहुत थकान
सर में बहुत दर्द

उपचार-

अगर आप बदन दर्द से पीडि़त है तो आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना उपचार करें। इससे आपको बुखार से तुंरत छुटकारा मिल जायेगा।

बुखार के साथ कही ये लक्षण तो नहीं?

सर्दियों के मौसम में बुखार के साथ सर्दी, खांसी जुकाम होना आम बात है। बुखार आने ने कई कारण है। बुखार का उपचार और बुखार में सावधानियों के अलावा बच्चों और बड़ों के बुखार में ध्यान रखने वाली जरूरी हैं। बुखार में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीलिया और टायफायड शामिल हैं। इन सभी के लक्षण मिलते-जुलते रहते हैं। मॉनसून के बुखार में एस्प्रिन लेना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि कई किस्म के बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है। आइये जानते है बुखार के कारण, लक्षण और होम्योपैथिक विधि से उसका उपाय-

सबसे पहले बुखार के कारण-

सर्दी, खांसी और जुकाम
बारिश में भीगते पर
मलेरियाए डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छर के काटने से।
दूषित पानी या भोजन का सेवन करने पर

बुखार के लक्षण-

शरीर का तापमान 103 डिग्री सेल्यिस या इससे ज्यादा होना।
लगातार सिरदर्द रहना
ठंड लगना
कंपकंपी आना
हाथ पैरों में दर्द होना
शारीरिक कमजोरी महसूस करना
मांसपेशियों में खिंचाव या ऐठन महसूस करना

उपचार-

अगर आप बुखार से पीडि़त है तो आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना उपचार करें। इससे आपको बुखार से तुंरत छुटकारा मिल जायेगा।

साइनस का होम्योपैथिक उपचार

साइनस नाक का एक रोग है। आयुर्वेद में इसे प्रतिश्याय नाम से जाना जाता है। अक्सर सर्दी के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इस रोग के लक्षण हैं। साइनस को साइनोसाइटिस भी कहा जाता है, जिसके कारण ना सिर्फ व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है, बल्कि चेहरे की मांसपेशियों में भी दर्द शुरू हो जाता है। अमूमन लोग साइनस की समस्या होने पर दवाइयों का सहारा लेते हैंए लेकिन आप होम्योपैथिक की मदद से भी अपनी इस समस्या से राहत पा सकते हैं।

साइनस के कई कारण हो सकते हैं-

बैक्टीरिया
फंगल
एलर्जी
नाक की हड्डी बढऩा
अस्थमा
वायरल व भोजन।

साइनस के लक्षण-

नाक बंद होना
सिर में दर्द होना
आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना
नाक से पानी गिरना

उपचार-

अगर आप साइनस की बीमारी से परेशान है तो बिल्ुक भी न घबराये। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक की सलाह के बाद होम्योपैथिक दवा का उपयोग कर इससे छ़ुटकारा पा सकते है।

सिर दर्द या चक्कर आना

वर्टिगो शब्द लैटिन भाषा वर्टो से लिया गया है। जिसे पर सिर घूमना भी कहते है। वर्टिगो के कारण असंतुलन और चक्कर आने या सिर के चकराने की अनुभूति हो सकती है। इसके आधारभूत कारण के अनुसार यह कुछ पलों से लेकर कुछ मिनटों या घंटों या फिर दिनों तक भी रह सकता है। यह असंतुलन के दौरान जी मिचलाना, उल्टी आना, अधिक पसीने आना अथवा चलने में अस्थिरता का एहसास हो सकता है। सिर हिलाने पर चक्कर बढ़ सकते हैं। वर्टिगो को कुछ लोग अधिक उंचाई पर जाने का डर समझते हैं, लेकिन इस बीमारी को एक्रोफोबिया कहते हैं। यह वर्टिगो नहीं है। आइये जानते है क्यों घूमता है हमार सिर-

इन कारणों से घूमता है सिर-

संतुलन तंत्रिका
मस्तिष्क के ट्यूमर
सर के घाव के कारण होने वाली कान की चोट
वैस्टिब्यूलर माईग्रेन
लेबीरिन्थाइटिस
मैल डे डीबारकेमैंट सिंड्रोम
वैस्टिब्यूलर पैरॉक्सिस्मिया
सुपीरियर सैमीसर्कुलर कैनाल

इस बीमारी के लक्षण-

सिर का घूमना
एकओर झुकना
सरदर्द होना
अस्थिर या असंतुलित महसूस करना।
गिरने का एहसास होना
चक्कर आना

उपचार-

अगर आप सिर घूमने या चक्कर आने से परेशान है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक की सलाह के बाद होम्योपैथिक दवा का उपयोग कर इससे छ़ुटकारा पा सकते है।

क्यों फट जाते है होंठ

होंठ फटने की समस्या मौसम के परिवर्तन के साथ बढ़ती-घटती रहती है लेकिन यह एक ऐसी परेशानी है जो लगभग साल भर रहती है। इसके कई कारण होते हैं लेकिन यह अतिआवश्यक होता है कि हम इनको पहचाने और इनका समाधान ढूँढें। सर्दियां आते ही होंठ फटने लगता है। इसका कारण पानी का कम पीना। सर्दियां आते ही हम पानी की खपत कम कर देते हैं, जिसकी वजह से त्वचा और होंठ फटने लगते है। इन सर्दियों में अपने होंठ को खूबसूरत और नर्म बनाना है तो खूब सारा पानी पीयें और होम्योपैथिक विधि से उपचार करें।

आइये जानते है इसके कारण-

बार-बार होंठों पर जीभ फिराना।
लिपिस्टिक का अधिक उपयोग करना।
गलत लिप बाम का इस्तेमाल करना।
हॉट शावर
सनप्रोटेक्शन का इस्तेंमाल ना करना

उपचार-
आप हल्के गुनगुने पानी से होठों और चेहरे को धो लें। अब चेहरे पर होठों पर अपना रेग्युलर लिप बाम भी लगा सकते है। लेकिन अगर आपकों इसके इस्तेमाल से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर चिकित्सक की सलाह के बाद होम्योपैथिक दवा का उपयोग कर इससे छ़ुटकारा पा सकते है।

मस्से का होम्योपैथिक उपचार

मस्सा, हमारी त्वचा की बाहरी परत पर एक मोटी और कठोर गांठ जैसा होता है। यह शरीर पर कहीं भी विकसित हो सकते हैं। इसके कारण गलत खान-पान, दूषित वातावरण या फिर आसपास की गंदगी से कई बैक्टीरिया और वायरस पैदा हो जाते हैं। इन बैक्टीरिया और वायरस की वजह से कई बीमारियां और समस्याएं देखने में आती हैं। कुछ लंबे समय के लिए शरीर में घर कर जाती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है मस्से की समस्याए जो आपकी खूबसूरती पर दाग के समान होते हैं। आप इस समस्या का होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस।
एचपीवी वायरस ।
दूसरों का तौलिया करने से।
घाव वाली त्वचा के संक्रमित होने से

आइये जानते है मस्से के लक्षण-

त्वचा के ऊपर गांठ का होना।
त्वचा के ऊपर गहरे रंग के धब्बे
त्वचा पर अलग-अलग तरह का रंग।
मस्से पर काले धब्बों का होना।
त्वचा पर बनी हुई गांठ मुलायम होना।

उपचार-
अगर आप चेहरे पर मस्से की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। अगर आपको उपचार में कोई समस्या हो रही है तो आप हमारे साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसपी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

डैंड्रफ की परेशानी का होम्योपैथिक उपचार

अब बदलते मौसम में बालों के गिरना और सिर में डैंड्रफ होना एक आम बात हो गई है। आज 80 फीसदी लोगों के सिर में रूसी की समस्या देखी जाती है। खासकर सर्दियों में स्कल्प रूखा होने की वजह से डेंड्रफ जल्दी होता है। लोग रूसी से इतने परेशान हो जाते हैं कि सिर पर स्कार्फ बांधकर घूमते हैं, पार्टी इत्यादि में भी सिर से गिरती रूसी शर्मिंदगी की वजह बन जाती है । आज की भागमभाग भरी जिन्दगी में जहां एक के बाद एक काम और जिम्‍मेदारियों के बीच अपनी ही देखभाल करना हम भूल जाते हैं। जिससे ऐसे में बाल झडऩा, असमय बालों का सफेद होना, बालों का रूखापन और बालों में रूसी जैसी कई और समस्याएं हो जाती हैं।

आइये सबसे पहले जानते है डैंडफ़ के लक्षण-

डैंडफ़ के कुछ लक्षण जो आमतौर पर दिखाई देते हैं।अगर किसी व्यक्ति में रूसी हो तो सिर की त्वचा पर क्रमब्स या फ्लैक्स हो सकते हैं। ऐसे में शुरूआती स्टेज में, ये फ्लैक्स सफेद और छोटे होते हैं और अंत में पीले और चिकने दिखाई देते हैं। ये फ्लैक स्कैल्प और अन्य भागों जैसे नाक, कान, हेयरलाइन, छाती या पीठ और भौंहों के आसपास खुजली पैदा करते हैं।

डैंडफ़ के कारण-

सिर को अच्छे से न धोना।
बालों को शैम्पू से न धोना।
शरीर में हार्मोन बदलने से।
ड्राई स्किन।
बालों में अलग-अलग हेयर वैक्स लगाने से।
बालों में लंबे समय तक तेल का इस्तेमाल नहीं करने से।
अच्छे भोजन का सेवन न करना।

उपचार-
अगर आप बालों में रूसी होने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। अगर आपको उपचार में कोई समस्या हो रही है तो आप हमारे साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसपी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

क्या आप नाक बंद होने से परेशान है?

सर्दियां आते ही नाक, गले की परेशानियां भी शुरू हो जाती है। ठंड के मौसम में चाहे बच्चे हों या बड़े, हर किसी को सर्दी या जुकाम या नाक बंद होने की समस्या का सामना करना ही पड़ता है। हालांकि ज्यादातर मामलों में ये समस्या तीन से पांच दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन इस समस्या के दौरान व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। कई बार लोग राहत पाने के लिए दवाईयों का भी सहारा लेते हैं लेकिन इसका बेहतर उपचार होम्योपैथिक विधि से कर आप अपनी बंद नाक को आसानी से खोल सकते हैं। आइये जानते है इसके कारण और लक्षण-

आइये जानते है नाक बंद होने के कारण-

परागत ज्वर का होना।
एलर्जी
नाक में कैंसर
लंबे समये तक साइनस संक्रमण
नाक की बीच की दीवार

नाक बंद होने के लक्षण-

साइनस का दर्द
बलगम का बनना।
रूकी हुई या बहती नाक
नाक के ऊतकों में सूजन।

उपचार-
अगर आप नाक बंद होने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। अगर आपको उपचार में कोई समस्या हो रही है तो आप हमारे साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसपी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

क्या आप दांत दर्द से परेशान है?

जब दांतों में दर्द होता हो तो गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ले करने से तुरंत आराम मिलता है। दांतों के दर्द में तुरंत आराम के लिए ऐसे ही कुछ आराम और होम्योपैथिक दवाओं की जानकारी आज हम आपको देंगे जिनकी मदद से आपको दर्द से तुरंत राहत महसूस होगी। कई बार लोग इस दर्द से निजात पाने के लिए दांत को उखड़वाना ही बेहतर विकल्प समझते हैं, अगर आपको भी कभी-कभी दांतों के दर्द से दो-चार होना पड़ता है तो आप होम्योपैथिक विधि से उपचार करें जिससे आपको तुंरत राहत मिलेगी।

आइये जानते है दांत दर्द के कारण-

दांतों की सफाई न करना।
दांतों में कीड़े लगना।
दांतों की जड़ों का कमजोर होना।
अक्ल दाढ़ के दौरान दांतों में असहनीय दर्द होना।
मीठे खाने से भी दांत दर्द होना।
खाने के अंश दांतों और मसूड़ों में रह जाना।
कैल्शियम की कमी ।
दांतों में बैक्टीरिया के इन्फेक्शन ।

उपचार-

अगर आपको भी किसी न किसी वजह से दांत में दर्द की शिकायत रहती है तो होम्‍योपैथिक नुस्‍खों की मदद से आप इस समस्‍या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। एक बात का ध्‍यान रखें कि किसी भी बीमारी या स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के लिए अनुभवी होम्‍योपैथिक चिकित्‍सक की सलाह के बाद ही होम्‍योपैथिक दवा का सेवन करना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर दांत दर्द से छुटकारा पा सकते है।