DIGESTIVE DISEASE
पाचन रोग और उपचार
पाचन क्रिया से सम्भंदित आजकल की आम बीमारी आई.बी.एस. का भी हमारे मस्तिष्क से ही सम्भंद है | ज्यादातर २० से लेकर ३० वर्ष के बीच के उम्र में होने वाली यह बीमारी एक साथ कई समस्याओ को पैदा करती है | जैसे पेट दर्द , एसिडिटी, कब्ज , किसी को न होना आदि | डॉक्टर इस बीमारी दवाओं से कुछ हद तक ही कंट्रोल कर पाते है ,पर रोग को जड़ से नही मिटा सकते | इसीलिए इसे लाइलाज बता देते है |
सच तो यह है की यदि आपको पाचन सम्भंदी बिमारियों से छुटकारा पाना है और अपने को स्वस्थ रखना है तो दवाओं का सहारा न लेकर अपने जीवन के अंदाज़ में परिवर्तन लाना होगा | अपने – आपको जानना होगा और ,अपना आत्मविश्लेषण करना होगा और अपनी जीवन शैली में वो समुचित बदलाव लाने होंगे , जिनके बारे में हमारे योग और आयुर्वेद के शास्त्रों में विस्तार से जानकारी दी गयी है | उनमे बताया गया है की बीमारियों से बचने की लिए शरीर की आंतरिक शक्तियों को संतुलित रखने के साथ साथ प्रक्रति के साथ उनके संतुलित को भी बनाये रखना जरूरी है | स्वस्थ रहने का यही सबसे अच्छा तरीका है | मगर वर्तमान में हम यह संतुलन भला कसे बना सकते है |
किसी इंसान का जीवन भी अनुवांशिक तत्वों ( Genetic Material ) से कंट्रोल होता है | वास्तव में एक व्यक्ति के जीवन काल के बारे में कुछ कहने से पहले हमें उन तमाम घटनाओं पर गौर करना चाहिए ,जो मनुष्य के शरीर के अन्दर घटित होती है | उदहारण के तौर पर आमाशय के अन्दर निर्मित होने वाली उन कोशिकाओं को ही लीजिये, जो कुछ ऐसी भी कोशिकाये मौजूद रहती है ,जो मरते दम तक ही जीवित रहती है | उनके नष्ट होने और फिर से तैयार होने जैसी कोई प्रक्रिया उनमे नही होती |