Tobacco Side-effect ,तम्बाकू के दुष्प्रभाव का होमियोपैथी उपचार
नशा एक ऐसी बीमारी है जो हमे और हमारे अपनों को जीवन भर रुलाने की वजह होती हैं। आज हर समाज के लोग व हर उम्र के लोग नशे की चपेट में आते जा रहे है , बड़े तो बड़े वर्तमान में युवा व बच्चों के साथ साथ महिलाएं भी नशे की लत की आदि होती जा रही है । तम्बाकू का सेवन धुम्रपान के रूप में करने से सांस की नाली में ऐसा नुकसान पहुचता हैं की यदि एक बार वह हो गया तो वह आपका पीछा नही छोड़ सकता।
आज लोग कई कारणों से तम्बाकू का सेवन करना शुरू करते है , कई तनाव कम करने के लिए तो कोई गुस्सा कम करने के लिए। लोग यह पढते तो जरुर हैं की तम्बाकू खाना स्वस्थ के लिए हानिकारक हैं , परन्तु फिर भी खाये जा रहे हैं।
सिगरेट, पान , बीडी , गुटखा आदि तम्बाकू किसी भी रूप में लिया जाये इन सबसे नुकसान निश्चित हैं। तम्बाकू का नशा कई एक समस्या ना होकर कई समस्याओ की जड़ है यह ना केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से व्यक्ति को बीमार कर रहे हैं।
तम्बाकू में ऐसे तत्व होते हैं, जिनसे कैंसर हो सकता हैं , तम्बाकू के प्रयोग से मुँह व गले का कैंसर होने का खतरा रहता हैं। इसका ज्यादा प्रयोग ब्लड प्रेशर को बढाता हैं, इनसे दांत व मसूड़े सड़ते हैं , गैस बनती हैं , अनिद्रा आदि रोगों को खतरा होता हैं ।
दवा :
आप होमियोपैथी की Nicatinum 30 की 2 dram गोली लें, और इस दवा की 4 गोली दिन में 3 बार (सवेरे , दिन में , और शाम को )इसके साथ आप Liv-T सिरप की 2.5 ml 3 बार (सवेरे , दिन में , और शाम को ) खाना खाने के आधा घंटे पहले लें। Nicatinum 30 को एक बार 2 dram खाने के बाद बंद कर दें , फिर इसके बाद 20 दिन बाद दोबारा ले सकते हैं ।