Maleria
मलेरिया एक तरह का बुखार है, जिसे प्लाज्मोडियम संक्रमण (plasmodium infection) और विषम ज्वर भी कहते हैं। जब किसी व्यक्ति को, मलेरिया संक्रमित मच्छर काटता है, उस समय उसमें मौजूद परजीवी लार के रूप में व्यक्ति को संक्रमित कर देता है। जिस कारण रोगी की लाल रक्त कणिकाए टूटने लगती हैं और इसी कारण व्यक्ति को मलेरिया होता है। कई बार यह संक्रमित रक्त के आदान- प्रदान से भी हो जाता है।
लक्षण –
~ ठण्ड लगना, रोगी का कांपना।
~ कभी गर्मी कभी ठण्ड लगना।
~ बुखार आना (तेज बुखार)।
~ सांस लेने में तकलीफ होना।
~ जी मचलाना, उल्टी होना।
~ हाथ पैरों में ऐठन होना।
~ कमजोरी होना।
~ भूख का कम होना।
~ पेट ख़राब होना।
वैसे यह कहना गलत नहीं होगा कि किस व्यक्ति को कब क्या हो जाए यह बात कोई नहीं जानता है। इतनी जागरूकता होने के बाद, इतनी साफ़ सफाई होने के बाद भी मलेरिया किसी को भी हो जाता है। आये दिन अखबारों, टीवी चैनल आदि में साफ सफाई का इतना सन्देश दिया जाता है। इनका पालन सभी को करना चाहिए।
दवा – सबसे पहले Malaria off 200 की 5 बुँदे सुबह शाम लें (10 – 15 दिन तक) साथ में Chininum Sulph 30 की 2 बुँदे 3 बार लें, इसी प्रकार Chininum ars 30 की 2 बुँदे 3 बार लें, बुखार आने पर BC 11 की गोली 3 बार लें।