Piles treatment, बवासीर का होम्योपैथिक उपचार
बवासीर को piles या hemorrhoids कहा जाता है। यह रोग अधिकतर 45 से 65 वर्ष की आयु वालो को होता है , परन्तु आजकल यह समस्या किसी को भी हो जाती है। जब गुदा और मलाशय की नसों में किसी कारण सूजन और इन्फ्लेम्शन होने लगता है तब यह रोग उत्पन्न होता है।
बवासीर दो प्रकार की होती है :-
बाहर की बवासीर : बाहर की बवासीर में रोगी के गुदा द्वार के आस पास मस्से होते है , जिनमे दर्द तो नहीं होता परन्तु खुजली होती रहती है , ज्यादा खुजलाने की वजह से कई बार इन मस्सो से खून भी निकल आता है ।
अंदर की बवासीर : इसमें गुदा के अन्दर मस्से होते है , मल करते समय ज्यादा जोर लगाने पर ये मस्से फट जाते है , जिस कारण दर्द होता है व खून भी निकलता है।
कारण :
- आलस्य या शारीरिक गतिविधि कम करना।
- लगातार कब्ज रहना।
- मोटापा।
- गर्भावस्था।
- पानी कम पीना।
- भोजन में फाइबर की कमी होना।
- जंक फ़ूड।
- ज्यादा मिर्च मसाला (गरिष्ट भोजन का सेवन )।
- रात को ज्यादा देर तक जागना आदि बवासीर के कारण हो सकते है।
होम्योपैथिक में इसका उपचार संभव हैं:
दवाईया: होमियोपैथी में आप सबसे पहले Aesculus. Hipp 200 की 5 बुँदे सुबह , शाम लगातार 1 माह तक लें इसके साथ आप WSI की Aesculus Pentarkan की 20-20 बुँदे दिन में 3 बार आधे (1/2 ) कप पानी के साथ लें। इसी के साथ बायो-कॉम्बिनेशन (B.C) 17 की 4-4 गोली दिन में 3 बार लें , B.C -17 के साथ SBL कंपनी की F.P tab की 2-2 गोली दिन में 3 बार लें।